ETV Bharat / state

बालोद: मौसम विभाग का रेड अलर्ट हुआ फेल, अब भी मुश्किल में किसान

जिले में 48 घंटों के लिए रेड अलर्ट दिया गया था लेकिन बारिश प्रभावशाली नजर नहीं आ रहा. 12 घंटे गुजर चुके हैं और किसानों की चिंता साफ नजर आ रही है, जलाशयों में भी जलस्तर की बढ़ोतरी नहीं हो रही.

मौसम विभाग का रेड अलर्ट
author img

By

Published : Jul 30, 2019, 3:35 PM IST

Updated : Jul 30, 2019, 4:42 PM IST

बालोद: मौसम विभाग ने जिले में रेड अलर्ट घोषित किया था, जिससे किसानों में खुशी की लहर थी, लेकिन 12 घंटों से सिर्फ हल्की बारिश होने से कृषि कार्य में तेजी नहीं दिख रही. खेतों में पानी ठहर नहीं रहा, किसानों को खुद ही पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है.

मौसम विभाग का रेड अलर्ट हुआ फेल,

चिंता में हैं किसान
मौसम विभाग की ओर से 48 घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया था, लेकिन बारिश प्रभावशाली नजर नहीं आ रही. 12 घंटे गुजर चुके हैं और किसानों की चिंता स्पष्ट नजर आ रही है. जलाशयों में भी जलस्तर की बढ़ोतरी नहीं हो रही. किसानों का कहना है कि हल्की बारिश का कोई फायदा नहीं हुआ. पानी की व्यवस्था खुद ही कर के रोपाई करनी पड़ रही है. वहीं कृषक किशोर पटेल ने बताया कि रेड अलर्ट का खासा प्रभाव नजर नहीं आ रहा केवल लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.

पढ़े:तमिलनाडु के किसानों ने अपनी सरकार से कहा, भूपेश बघेल की तरह करें काम
खेतों में नहीं दिख रहा रेड अलर्ट का असर
मौसम विभाग द्वारा रेड अलर्ट जारी करने पर लोगों में अच्छी बारिश की उम्मीद थी, जिससे सूखा खत्म हो सके. लेकिन स्थिति यह है कि न खेतों में पानी ठहर रहा न जलाशयों का स्तर बढ़ रहा है. जिन किसानों के पास खुद का बोर है, वही कृषि कार्य कर पा रहे हैं.

बालोद: मौसम विभाग ने जिले में रेड अलर्ट घोषित किया था, जिससे किसानों में खुशी की लहर थी, लेकिन 12 घंटों से सिर्फ हल्की बारिश होने से कृषि कार्य में तेजी नहीं दिख रही. खेतों में पानी ठहर नहीं रहा, किसानों को खुद ही पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है.

मौसम विभाग का रेड अलर्ट हुआ फेल,

चिंता में हैं किसान
मौसम विभाग की ओर से 48 घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया था, लेकिन बारिश प्रभावशाली नजर नहीं आ रही. 12 घंटे गुजर चुके हैं और किसानों की चिंता स्पष्ट नजर आ रही है. जलाशयों में भी जलस्तर की बढ़ोतरी नहीं हो रही. किसानों का कहना है कि हल्की बारिश का कोई फायदा नहीं हुआ. पानी की व्यवस्था खुद ही कर के रोपाई करनी पड़ रही है. वहीं कृषक किशोर पटेल ने बताया कि रेड अलर्ट का खासा प्रभाव नजर नहीं आ रहा केवल लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.

पढ़े:तमिलनाडु के किसानों ने अपनी सरकार से कहा, भूपेश बघेल की तरह करें काम
खेतों में नहीं दिख रहा रेड अलर्ट का असर
मौसम विभाग द्वारा रेड अलर्ट जारी करने पर लोगों में अच्छी बारिश की उम्मीद थी, जिससे सूखा खत्म हो सके. लेकिन स्थिति यह है कि न खेतों में पानी ठहर रहा न जलाशयों का स्तर बढ़ रहा है. जिन किसानों के पास खुद का बोर है, वही कृषि कार्य कर पा रहे हैं.

Intro:बालोद।

मौसम विभाग द्वारा बालोद जिले के लिए बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया था परंतु बालोद जिले में यह रेड अलर्ट फीका नजर आ रहा है बारिश हो रही है परंतु यह बारिश केवल आवागमन को प्रभावित करने वाली साबित हो रही है कृषि कार्यों में अब तक तेजी नहीं दिख रही है खेतों में पानी ठहर नहीं पाया है बावजूद इसके किसान खुद की व्यवस्थाओं पर कृषि कार्य रोपाई आदि कर रहे हैं।


Body:वीओ - 48 घंटों का रेड अलर्ट जारी किया गया है जिसमें 12 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है बारिश प्रभावशाली नजर नहीं आ रही है किसानों के माथे पर चिंता स्पष्ट है अब आने वाले 24 घंटों पर किसानों की निगाहें टिकी हुई है ताकि बारिश से उनका भला हो सके साथ ही अभी तक जलाशयों में भी जलस्तर में किसी तरह की कोई वृद्धि नहीं हो पा रही है।

वीओ - खुद की व्यवस्था में खेती

कृषक भानु पटेल के खेतों में लबालब पानी भरा हुआ था और रोपाई का कार्य चल रहा था जहां ईटीवी भारत की टीम ने उन्हें पूछा की क्या स्थिति है बारिश से किसी तरह का कोई फायदा पहुंचा है उन्होंने बताया कि बारिश तो ना के बराबर हो रही है यहां जो पानी दिखाई दे रहा है और रोपाई का कार्य चल रहा है वह खुद की व्यवस्था से कर रहे हैं अगर भगवान के भरोसे रहते तो अब तक कृषि कार्य ना के बराबर रहता।

वीओ - इसी तरह कृषक किशोर पटेल ने बताया कि रेड अलर्ट का कोई खासा प्रभाव तो नहीं दिख रहे हैं ऊपर से यह बारिश लोगों को डिस्टर्ब कर रही है खेतों में अभी तक पानी नहीं ठहर पाया है तो इस बारिश से उम्मीद ही क्या की जा सकती है


Conclusion:जब मौसम विभाग ने जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किया था तो यहां लोगों को उम्मीद थी कि अच्छी बारिश होगी और सूखा खत्म हो जाएगा परंतु यहां तो बारिश केवल खिचड़ी फैला रही है खेतों में पानी टेरा ही नहीं जला से एवं अन्य पानी के स्रोत सूखे हैं कृषक भगवान के ऊपर उम्मीद लगाए बैठे हैं और जिनका कृषि के लिए खुद की बोर आदि की व्यवस्था है वही केवल कृषि कार्य कर पा रहे हैं हल्की हल्की बारिश से संजीवनी तो मिली है पहिया फसलों के लिए काफी नहीं है।
Last Updated : Jul 30, 2019, 4:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.