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बालोद: नगर पालिका ने गंजपारा को बना डाला अस्थाई डंपिंग यार्ड, कचरे और धुएं से परेशान रहवासी - people of Ganjpara of Balod

बालोद जिले में स्वच्छ भारत अभियान को लेकर नगर पालिका के कर्मचारी पलीता लगा रहे हैं. नगर के बीचो-बीच स्थित गंजपारा के रहवासी कचरे से परेशान हैं. यहां नगर पालिका ने अस्थाई डंपिंग यार्ड बनाया है. जिसके चलते यहां कचरे और गंदगी का आलम है.

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बालोद नगर पालिका
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Published : Mar 4, 2021, 10:46 PM IST

Updated : Apr 14, 2021, 4:22 PM IST

बालोद: खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए बालोद शहर के बीचो-बीच इनडोर और आउटडोर स्टेडियम बनाया गया है. यहां पर एक व्यवस्थित कॉलोनी भी है, लेकिन विकास के यह सारे दावे तब खोखले होते हैं. जब ठीक इसी जगह पर कचरे का भारी-भरकम अंबार लगा हुआ है. कचरे की बदबू से शहरवासी बेहद परेशान हैं. हद तो तब हो जाती है जब इस कचरे को सफाईकर्मी आग लगा देते हैं. जिससे यहां जहरीला धुआं उठता है. इससे शहरवासी काफी परेशान हैं.

कचरे और धुएं से परेशान रहवासी

करीब 30-35 सालों से इस जगह पर नगर पालिका परिषद बालोद अस्थाई खंती (डंपिंग यार्ड) बनाकर रखा हुआ है. यहां ना कचरा रखने के लिए व्यवस्थित कंटेनर रखा गया है और न ही नियमित कचरा उठाने के लिए कोई खास प्रबंध. हर तरफ मैदान में कचरा, गंदगी दिखाई पड़ती है. वहीं ऊपर से कचरे में आग लगाने के बाद यहां चारों तरफ जहरीला धुआं ही धुआं दिखाई पड़ता है.

शिकायतों के बाद भी नहीं हुआ निराकरण

ETV भारत ने गंजपारा के रहवासियों से इस पूरे मामले पर बातचीत की. स्थानीय लोगों ने बताया कि पार्षद से लेकर प्रशासन और उच्च स्तर पर भी शिकायत की जा चुकी है. लेकिन अब तक किसी तरह का कोई निराकरण नहीं हो पाया है. ऐसे में क्षेत्र के लोग कचरे और धुएं के साए में जीवन जीने को मजबूर हैं.

कचरे में लगाई जाती है आग

गंजपारा क्षेत्र के निवासियों का कहना है कि यहां पर कचरा डंप किया जाता है. कचरे के निपटान के लिए नगर पालिका ने कोई खास इंतजाम नहीं किया है. उल्टे यहां कचरे में आग लगाई दी जाती है. क्षेत्रवासियों का यह भी आरोप है कि मृत जानवरों को भी इस क्षेत्र में लाकर फेंक दिया जाता है. जिससे उनका यहां जीना दूभर हो गया है.

बालोद : हिन्द सेना का अवैध शराब की बिक्री के खिलाफ 'हस्ताक्षर अभियान'

खतरनाक है मेडिकल वेस्ट का धुआं

इस अघोषित कचरे की खंती में सिर्फ कूड़ा या प्लास्टिक नहीं रहता. यहां भारी मात्रा में मेडिकल वेस्ट भी फेंका जाता है. जो नियमों के खिलाफ है. मेडिकल कचरे को जलाने से निकलने वाले धुआं इतना खतरनाक होता है कि इससे बीमारियों की चपेट में लोग आ सकते हैं.

कचरा निष्पादन के लिए खास इंतजाम नहीं

स्वच्छ भारत अभियान के तहत केंद्र और राज्य सरकार की ओर से नगरीय निकाय क्षेत्रों में कचरे के उचित निपटान के लिए मणि कंचन केंद्र की व्यवस्था की गई है. जहां सूखा और गीला कचरा को अलग-अलग कर निष्पादन किया जाता है. बावजूद इसके बालोद नगर पालिका में कोई प्रबंध नहीं किया गया है.

बालोद के प्रथम जिला पंचायत अध्यक्ष ने मंत्री अनिला भेड़िया पर लगाए ये आरोप

नगर पालिका अध्यक्ष का कहना

इस मामले में बालोद नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा का कहना है कि यहां पर अब कचरा डलवाना बंद कर दिया गया है. लोगों को भी कचरे न फेंकने की समझाइश दी गई है. उन्होंने बताया कि आग नहीं लगाने के निर्देश सफाई-कर्मियों को दिए गए हैं. करीब 35 सालों से यह समस्या बनी हुई है. यह समस्या आज की नहीं है. कचरे की मात्रा बढ़ जाने के चलते यहां आग लगाकर निपटान करने की कोशिश की जाती है. जिससे शहरवासी परेशान हो जाते हैं.

स्वच्छ भारत अभियान का उड़ा माखौल

बालोद नगर पालिका में कचरे के निपटान के लिए कोई ठोस व्यवस्था दिखती नजर नहीं आ रही है. गंजपारा के सैंकड़ों परिवार का जीवन बेहाल है. यहां गंदगी के कारण सुअरों, मवेशियों का जमावड़ा रहता है. जिसके कारण लोग काफी परेशान हैं. जिस जगह ये कचरा इकट्ठा किया जाता है. वहां जिले का एकमात्र इंडोर स्टेडियम और सबसे बड़ा आउटडोर स्टेडियम है. वहीं पास में एक स्कूल भी है. बावजूद इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

बालोद: खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए बालोद शहर के बीचो-बीच इनडोर और आउटडोर स्टेडियम बनाया गया है. यहां पर एक व्यवस्थित कॉलोनी भी है, लेकिन विकास के यह सारे दावे तब खोखले होते हैं. जब ठीक इसी जगह पर कचरे का भारी-भरकम अंबार लगा हुआ है. कचरे की बदबू से शहरवासी बेहद परेशान हैं. हद तो तब हो जाती है जब इस कचरे को सफाईकर्मी आग लगा देते हैं. जिससे यहां जहरीला धुआं उठता है. इससे शहरवासी काफी परेशान हैं.

कचरे और धुएं से परेशान रहवासी

करीब 30-35 सालों से इस जगह पर नगर पालिका परिषद बालोद अस्थाई खंती (डंपिंग यार्ड) बनाकर रखा हुआ है. यहां ना कचरा रखने के लिए व्यवस्थित कंटेनर रखा गया है और न ही नियमित कचरा उठाने के लिए कोई खास प्रबंध. हर तरफ मैदान में कचरा, गंदगी दिखाई पड़ती है. वहीं ऊपर से कचरे में आग लगाने के बाद यहां चारों तरफ जहरीला धुआं ही धुआं दिखाई पड़ता है.

शिकायतों के बाद भी नहीं हुआ निराकरण

ETV भारत ने गंजपारा के रहवासियों से इस पूरे मामले पर बातचीत की. स्थानीय लोगों ने बताया कि पार्षद से लेकर प्रशासन और उच्च स्तर पर भी शिकायत की जा चुकी है. लेकिन अब तक किसी तरह का कोई निराकरण नहीं हो पाया है. ऐसे में क्षेत्र के लोग कचरे और धुएं के साए में जीवन जीने को मजबूर हैं.

कचरे में लगाई जाती है आग

गंजपारा क्षेत्र के निवासियों का कहना है कि यहां पर कचरा डंप किया जाता है. कचरे के निपटान के लिए नगर पालिका ने कोई खास इंतजाम नहीं किया है. उल्टे यहां कचरे में आग लगाई दी जाती है. क्षेत्रवासियों का यह भी आरोप है कि मृत जानवरों को भी इस क्षेत्र में लाकर फेंक दिया जाता है. जिससे उनका यहां जीना दूभर हो गया है.

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खतरनाक है मेडिकल वेस्ट का धुआं

इस अघोषित कचरे की खंती में सिर्फ कूड़ा या प्लास्टिक नहीं रहता. यहां भारी मात्रा में मेडिकल वेस्ट भी फेंका जाता है. जो नियमों के खिलाफ है. मेडिकल कचरे को जलाने से निकलने वाले धुआं इतना खतरनाक होता है कि इससे बीमारियों की चपेट में लोग आ सकते हैं.

कचरा निष्पादन के लिए खास इंतजाम नहीं

स्वच्छ भारत अभियान के तहत केंद्र और राज्य सरकार की ओर से नगरीय निकाय क्षेत्रों में कचरे के उचित निपटान के लिए मणि कंचन केंद्र की व्यवस्था की गई है. जहां सूखा और गीला कचरा को अलग-अलग कर निष्पादन किया जाता है. बावजूद इसके बालोद नगर पालिका में कोई प्रबंध नहीं किया गया है.

बालोद के प्रथम जिला पंचायत अध्यक्ष ने मंत्री अनिला भेड़िया पर लगाए ये आरोप

नगर पालिका अध्यक्ष का कहना

इस मामले में बालोद नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा का कहना है कि यहां पर अब कचरा डलवाना बंद कर दिया गया है. लोगों को भी कचरे न फेंकने की समझाइश दी गई है. उन्होंने बताया कि आग नहीं लगाने के निर्देश सफाई-कर्मियों को दिए गए हैं. करीब 35 सालों से यह समस्या बनी हुई है. यह समस्या आज की नहीं है. कचरे की मात्रा बढ़ जाने के चलते यहां आग लगाकर निपटान करने की कोशिश की जाती है. जिससे शहरवासी परेशान हो जाते हैं.

स्वच्छ भारत अभियान का उड़ा माखौल

बालोद नगर पालिका में कचरे के निपटान के लिए कोई ठोस व्यवस्था दिखती नजर नहीं आ रही है. गंजपारा के सैंकड़ों परिवार का जीवन बेहाल है. यहां गंदगी के कारण सुअरों, मवेशियों का जमावड़ा रहता है. जिसके कारण लोग काफी परेशान हैं. जिस जगह ये कचरा इकट्ठा किया जाता है. वहां जिले का एकमात्र इंडोर स्टेडियम और सबसे बड़ा आउटडोर स्टेडियम है. वहीं पास में एक स्कूल भी है. बावजूद इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

Last Updated : Apr 14, 2021, 4:22 PM IST
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