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आदिवासी और वन विभाग के बीच छिड़ी जंग, पाटेश्वर धाम मामले में 18 गांव के लोग पहुंचे कलेक्ट्रेट - पाटेश्वर धाम रामायण कालीन

पाटेश्वर धाम मामले में आदिवासी और वनविभाग के बीच जंग बढ़ती ही जा रही है. 18 गांव के लोग सैकड़ों की तादाद में कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां आदिवासियों ने वन मंडल अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की.

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बालोद में आदिवासी और वन विभाग के बीच छिड़ा जंग
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Published : Nov 27, 2020, 4:56 PM IST

बालोद: जिले में वन मंडल अधिकारी ने पाटेश्वर धाम को खाली करने को लेकर नोटिस जारी किया है. इसे लेकर आदिवासी और वन विभाग के बीच छिड़ी जंग बढ़ती ही जा रही है.जामली पाटेश्वर धाम के आसपास के 18 गांव के लोग सैकड़ों की तादाद में कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां उन्होंने कहा कि इस तीर्थ स्थल से छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जो अधिकारी धर्म विरोधी कार्य कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. आदिवासियों ने अपर कलेक्टर को कार्रवाई के लिए ज्ञापन सौंपा.

पाटेश्वर धाम मामले में 18 गांव के लोग पहुंचे कलेक्ट्रेट

इस दौरान भाजपा-कांग्रेस के नेता जनप्रतिनिधि भी वहां मौजूद रहे. सभी ने कहा कि यह एक तीर्थ स्थल है. यहां पर जबरदस्ती अधिकारी तानाशाही रवैया अपना रहे हैं. जगह को खाली करने के लिए आदेश दिया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि पाटेश्वर धाम रामायण कालीन जमदग्नि ऋषि की तपोभूमि रही है. इसके अलावा आदिवासियों के वनदेवता पाटेश्वर भगवान भी हैं. जहां वन क्षेत्र में निवास करने वाले ग्रामीण जनमानस आदिकाल से पूजा-पाठ करते आ रहे हैं. उसे पूर्ण स्थली में सन 1975 में महा त्यागी रामजानकी राज योगी बाबा कुटी बनाकर आध्यात्मिक साधना करते रहे हैं.

पढ़ें:आरंग : तालाब को पाट कर बनाई गई सब्जी मंडी, दलदल में मर रहे मवेशी

वैदिक धर्म के प्रचार प्रसार में लगे संत राम बालक दास
वर्ष 1986 में नव वर्ष की अवस्था में राम बालक दास महात्यागी जी धार्मिक आध्यात्मिक योग साधना के साथ वैदिक धर्म के प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं. पाटेश्वर धाम में गौ सेवा संरक्षण संवर्धन का प्रकल्प भी है. जहां 1000 गौधन निवास कर रहे हैं. इस पुण्य साधना स्थली में प्रदेश और देश से संत महात्मा आकर सत्संग करते हैं. बीजेपी शासन के सहयोग से इस दर्शनीय स्थल को पर्यटन रूप दिया गया है. विश्व प्रसिद्ध कौशल्या मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. इस तीर्थ स्थली में सर्वधर्म समभाव के अनेक मूर्तियां मंदिर परिसर में स्थापित है, जो कि जन आस्था का केंद्र है.

पढ़ें:रमन ने दी सीएम को नसीहत, कहा- 'सड़क नहीं बना सकते तो मत बनाओ, गड्ढे तो पाट दो'

DFO ने दिया नोटिस

People from 18 villages reached collectorate office to complain in Pateshwar Dham case
आदिवासियों ने वन मंडल अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि विगत दिनों जिले के वन मंडल अधिकारी ने नोटिस जारी किया. इस आस्था स्थली को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है, जो हिंदू धर्म आस्था और श्रद्धा के खिलाफ है. इस तरह धर्म स्थली से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं है, जिसके लिए हम सब आज कलेक्ट्रेट को ज्ञापन देने पहुंचे हुए हैं.

गांववालों को रोकने किया गया बैरिकेडिंग

People from 18 villages reached collectorate office to complain in Pateshwar Dham case
पाटेश्वर धाम मामले में 18 गांव के लोग पहुंचे कलेक्ट्रेट
18 गांव के ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचने लगे, तो कलेक्ट्रेट के बाहर ही पुलिस प्रशासन ने बैरिकेडिंग कर दिया. भारी संख्या में पुलिस के जवान तैनात रहे. बाहर से ही अपर कलेक्टर ने ग्रामीणों का ज्ञापन लिया. इस दौरान ग्रामीणों के साथ-साथ दूसरे जिला के लोग भी मौजूद रहे. सभी के मन में एक ही बात था कि यहां धर्म स्थली से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. साथ ही धीरज शर्मा ने बताया कि यह जो नोटिस दिया गया है. वह आस्था से छेड़छाड़ है. हम इसका कड़ा विरोध करते हैं.

बालोद: जिले में वन मंडल अधिकारी ने पाटेश्वर धाम को खाली करने को लेकर नोटिस जारी किया है. इसे लेकर आदिवासी और वन विभाग के बीच छिड़ी जंग बढ़ती ही जा रही है.जामली पाटेश्वर धाम के आसपास के 18 गांव के लोग सैकड़ों की तादाद में कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां उन्होंने कहा कि इस तीर्थ स्थल से छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जो अधिकारी धर्म विरोधी कार्य कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. आदिवासियों ने अपर कलेक्टर को कार्रवाई के लिए ज्ञापन सौंपा.

पाटेश्वर धाम मामले में 18 गांव के लोग पहुंचे कलेक्ट्रेट

इस दौरान भाजपा-कांग्रेस के नेता जनप्रतिनिधि भी वहां मौजूद रहे. सभी ने कहा कि यह एक तीर्थ स्थल है. यहां पर जबरदस्ती अधिकारी तानाशाही रवैया अपना रहे हैं. जगह को खाली करने के लिए आदेश दिया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि पाटेश्वर धाम रामायण कालीन जमदग्नि ऋषि की तपोभूमि रही है. इसके अलावा आदिवासियों के वनदेवता पाटेश्वर भगवान भी हैं. जहां वन क्षेत्र में निवास करने वाले ग्रामीण जनमानस आदिकाल से पूजा-पाठ करते आ रहे हैं. उसे पूर्ण स्थली में सन 1975 में महा त्यागी रामजानकी राज योगी बाबा कुटी बनाकर आध्यात्मिक साधना करते रहे हैं.

पढ़ें:आरंग : तालाब को पाट कर बनाई गई सब्जी मंडी, दलदल में मर रहे मवेशी

वैदिक धर्म के प्रचार प्रसार में लगे संत राम बालक दास
वर्ष 1986 में नव वर्ष की अवस्था में राम बालक दास महात्यागी जी धार्मिक आध्यात्मिक योग साधना के साथ वैदिक धर्म के प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं. पाटेश्वर धाम में गौ सेवा संरक्षण संवर्धन का प्रकल्प भी है. जहां 1000 गौधन निवास कर रहे हैं. इस पुण्य साधना स्थली में प्रदेश और देश से संत महात्मा आकर सत्संग करते हैं. बीजेपी शासन के सहयोग से इस दर्शनीय स्थल को पर्यटन रूप दिया गया है. विश्व प्रसिद्ध कौशल्या मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. इस तीर्थ स्थली में सर्वधर्म समभाव के अनेक मूर्तियां मंदिर परिसर में स्थापित है, जो कि जन आस्था का केंद्र है.

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DFO ने दिया नोटिस

People from 18 villages reached collectorate office to complain in Pateshwar Dham case
आदिवासियों ने वन मंडल अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि विगत दिनों जिले के वन मंडल अधिकारी ने नोटिस जारी किया. इस आस्था स्थली को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है, जो हिंदू धर्म आस्था और श्रद्धा के खिलाफ है. इस तरह धर्म स्थली से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं है, जिसके लिए हम सब आज कलेक्ट्रेट को ज्ञापन देने पहुंचे हुए हैं.

गांववालों को रोकने किया गया बैरिकेडिंग

People from 18 villages reached collectorate office to complain in Pateshwar Dham case
पाटेश्वर धाम मामले में 18 गांव के लोग पहुंचे कलेक्ट्रेट
18 गांव के ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचने लगे, तो कलेक्ट्रेट के बाहर ही पुलिस प्रशासन ने बैरिकेडिंग कर दिया. भारी संख्या में पुलिस के जवान तैनात रहे. बाहर से ही अपर कलेक्टर ने ग्रामीणों का ज्ञापन लिया. इस दौरान ग्रामीणों के साथ-साथ दूसरे जिला के लोग भी मौजूद रहे. सभी के मन में एक ही बात था कि यहां धर्म स्थली से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. साथ ही धीरज शर्मा ने बताया कि यह जो नोटिस दिया गया है. वह आस्था से छेड़छाड़ है. हम इसका कड़ा विरोध करते हैं.
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