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बालोद: 8 साल बाद भी नहीं बना उपभोक्ता फोरम, लोग परेशान

बालोद में उपभोक्ता फोरम नहीं होने के कारण उपभोक्ताओं को खासी परेशानी हो रही है, लोगों को आज भी दुर्ग जिले का सहारा लेना पड़ रहा है.

Consumer Forum not made even after 8 years in balod
8 साल बाद भी नहीं बना उपभोक्ता फोरम
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Published : Mar 14, 2020, 5:54 PM IST

Updated : Mar 14, 2020, 6:14 PM IST

बालोद: रविवार को विश्व उपभोक्ता दिवस है, लेकिन बालोद में आज भी उपभोक्ता फोरम की शुरुआत नहीं हुई है, जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी होती है. लोगों का कहना है कि बालोद को जिला बने 8 वर्ष बीते गए, लेकिन अब तक उपभोक्ता फोरम नहीं बनाया गया. ऐसे में लोगों को समय पर इसका लाभ नहीं मिल पाता. उपभोक्ताओं को आज भी समस्याओं को लेकर दुर्ग जाना पड़ता है.

8 साल बाद भी नहीं बना उपभोक्ता फोरम

मामले में जब स्थानीय अधिवक्ता और कुछ व्यापारियों से चर्चा की गई, तो उन्होंने बताया कि 'कई सारे मामले प्रत्येक माह आते हैं, लेकिन इसके लिए हमें दुर्ग आना-जाना पड़ता है, जिससे अपील करने वाले सहित वकील सब का समय और धन दोनों अधिक खर्च होता है. बालोद में उपभोक्ता फोरम की बेहद आवश्यकता है.

लोगों को आज भी दुर्ग का सहारा लेना पड़ रहा

वरिष्ठ अधिवक्ता फत्ते चंद जैन ने बताया कि 'बालोद में उपभोक्ता फोरम के निर्माण की नींव रखे जाने की आवश्यकता है, जिससे जिले के लोगों को समय पर उनके मौलिक अधिकारों का लाभ मिल सके. बालोद में उपभोक्ता फोरम न होने की स्थिति में यहां के लोगों को दुर्ग का सहारा लेना पड़ता है. बिजली बिल से लेकर कई सारी ऐसी निजी समस्याएं हैं, जिसके लिए दुर्ग का सहारा लेना पड़ता है'.

बालोद में भी उपभोक्ता फोरम की आवश्यकता

बता दें कि 2012 में बालोद जिला अस्तित्व में आया था. इसके बाद से यहां अब तक उपभोक्ता फोरम की स्थापना नहीं हुई है, जिसके कारण लोगों को आज भी दुर्ग की राह देखनी पड़ती है. लोगों ने बताया दुर्ग में लोगों को समस्याएं होती हैं. आर्थिक रूप से कमजोर लोग दुर्ग नहीं जा पाते, जिसके कारण अब बालोद में भी उपभोक्ता फोरम की आवश्यकता है.

बालोद: रविवार को विश्व उपभोक्ता दिवस है, लेकिन बालोद में आज भी उपभोक्ता फोरम की शुरुआत नहीं हुई है, जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी होती है. लोगों का कहना है कि बालोद को जिला बने 8 वर्ष बीते गए, लेकिन अब तक उपभोक्ता फोरम नहीं बनाया गया. ऐसे में लोगों को समय पर इसका लाभ नहीं मिल पाता. उपभोक्ताओं को आज भी समस्याओं को लेकर दुर्ग जाना पड़ता है.

8 साल बाद भी नहीं बना उपभोक्ता फोरम

मामले में जब स्थानीय अधिवक्ता और कुछ व्यापारियों से चर्चा की गई, तो उन्होंने बताया कि 'कई सारे मामले प्रत्येक माह आते हैं, लेकिन इसके लिए हमें दुर्ग आना-जाना पड़ता है, जिससे अपील करने वाले सहित वकील सब का समय और धन दोनों अधिक खर्च होता है. बालोद में उपभोक्ता फोरम की बेहद आवश्यकता है.

लोगों को आज भी दुर्ग का सहारा लेना पड़ रहा

वरिष्ठ अधिवक्ता फत्ते चंद जैन ने बताया कि 'बालोद में उपभोक्ता फोरम के निर्माण की नींव रखे जाने की आवश्यकता है, जिससे जिले के लोगों को समय पर उनके मौलिक अधिकारों का लाभ मिल सके. बालोद में उपभोक्ता फोरम न होने की स्थिति में यहां के लोगों को दुर्ग का सहारा लेना पड़ता है. बिजली बिल से लेकर कई सारी ऐसी निजी समस्याएं हैं, जिसके लिए दुर्ग का सहारा लेना पड़ता है'.

बालोद में भी उपभोक्ता फोरम की आवश्यकता

बता दें कि 2012 में बालोद जिला अस्तित्व में आया था. इसके बाद से यहां अब तक उपभोक्ता फोरम की स्थापना नहीं हुई है, जिसके कारण लोगों को आज भी दुर्ग की राह देखनी पड़ती है. लोगों ने बताया दुर्ग में लोगों को समस्याएं होती हैं. आर्थिक रूप से कमजोर लोग दुर्ग नहीं जा पाते, जिसके कारण अब बालोद में भी उपभोक्ता फोरम की आवश्यकता है.

Last Updated : Mar 14, 2020, 6:14 PM IST
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