बालोद: ओबीसी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राधेश्याम साहू ने बताया कि ''आने वाले समय में प्रदेश सरकार द्वारा आरक्षण के विषय को लेकर विशेष सत्र बुलाया गया है. इस सत्र से ओबीसी महासभा को काफी उम्मीदें हैं. आगामी दिनों में यदि सरकार कोई बड़ा फैसला नहीं लेती तो रायपुर में अधिवेशन किया जाएगा. पैदल मार्च निकाला जाएगा और उसके बाद यह बड़ा आंदोलन का स्वरूप लेगा.''OBC Reservation in Chhattisgarh
आरक्षण के लिए पुरजोर कोशिश: ओबीसी महासभा के जिला अध्यक्ष यज्ञ देव पटेल ने कहा कि ''ओबीसी वर्ग को भी 2021 की जनगणना में एक अलग कोड मिलना चाहिए. उसके आधार पर जनगणना करना चाहिए. पिछले वर्ष आर्थिक जनगणना हुई थी. उसमें ओबीसी का ऑप्शन रखा गया था लेकिन हमें जातिगत जनगणना में हर क्षेत्र में आरक्षण चाहिए. जिसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं.उनके साथ इस दौरान संतोष कौशिक लता साहू दिनेश साहू मोहिनी देवांगन भगवती सोनकर नारायण साहू सहित अन्य ने भी अपनी बातों को रखा.
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ओबीसी समाज की मांगें: ओबीसी समाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के साथ ही मांग किया कि ओबीसी समुदाय का समुचित विकास होना चाहिए. आबादी को आधार मानकर आरक्षण दिया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने 27% आरक्षण देने का निर्णय दिया था लेकिन मध्य प्रदेश सरकार के समय से ही 14% आरक्षण है. प्रदेश के मुख्यमंत्री ओबीसी वर्ग से आते हैं इसलिए हम सबकी उम्मीदें बढ़ी हुई है. आदिवासी आरक्षण के बाद प्रदेश में अब ओबीसी आरक्षण को लेकर मामला तूल पकड़ता जा रहा है. छत्तीसगढ़ में ओबीसी वर्ग की जनसंख्या अधिक मानी जाती है. लिहाजा यहां अब चुनावी साल में यह मुद्दा और उछल सकता है.