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दादा का सपना था बेटा वैज्ञानिक बने, चंद्रयान-टू मिशन में शामिल हुआ पोता - pragyaan

अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश तो हर इंसान करता है, पर सफल तो वही कहलाता है, जो अपने परिवार का सपना पूरा करे. ऐसी ही कहानी है बालोद जिले के गुरुर ब्लॉक के भानपुरी के मिथलेश साहू की.

पीएम मोदी से मुलाकात करते मिथलेश
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Published : Sep 12, 2019, 7:46 PM IST

Updated : Sep 12, 2019, 7:57 PM IST

बालोद: छोटे से गांव में रहने के साथ ही, सरकारी स्कूल में पढ़कर मिथलेश साहू ने बालोद से लेकर बैंगलोर तक कि रेस पूरी की. मिथिलेश इसरो के मिशन चंद्रयान का हिस्सा हैं.

चंद्रयान-2 मिशन में अहम भूमिका निभा रहे मिथलेश

मिथलेश की उपलब्धि आज बालोद के लोगों की जुबान पर है. बता दें कि मिथलेश इसरो के चंद्रयान मिशन में एक महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. उनका परिवार गर्वान्वित महसूस कर रहा है कि, उनका बेटा इस मिशन का एक हिस्सा है साथ ही थोड़ा दुख इस बात का है कि मिशन पूरा होते-होते रह गया है.

दादा से मिली प्रेरणा
वैज्ञानिक मिथलेश के पिता का कहना है कि वो खासे खुश हैं कि, उनका बेटा आज एक वैज्ञानिक होने के साथ ही, इस महत्वपूर्ण मिशन का हिस्सा है. उन्होंने बताया कि, मिथलेश आज जो भी हैं, वो अपने दादा की प्रेरणा से हैं.

पिता को वैज्ञानिक बनाना चाहते थे दादा
मिथलेश के पिता ने बताया कि 'मेरे पिता का सपना था कि, मैं एक वैज्ञानिक बनूं, मैं तो उनके सपने पर खरा नहीं उतर पाया, लेकिन मेरा बेटा अपने दादा के सपनों को साकार करने के लिए पुरजोर मेहनत कर रहा है और आज इस मुकाम पर है.

सरकारी स्कूल में की पढ़ाई
उन्होंने बताया कि 'उसने पूरी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल में पूरी की है. पहले सतमरा और फिर भानपुरी के स्कूल में एजुकेशन ली. मिथलेश के पिता ने बताया कि 'जब मेरे को को लेकर चर्चा शुरू हुई तो आसपास के दर्जन भर गांवों के लोग मुझे बधाई देने मेरे घर तक पहुंचे, जिससे हमारा सीना गर्व से चौड़ा हो गया'.

बेटे की कामयाबी से गदगद हैं पिता
मिथलेश के पिता ने इस बात को लेकर खुशी जाहिर की कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके बेटे से हाथ मिलाया और अभिवादन किया. उन्होंने बताया कि 'चंद्रयान-2 मिशन के बाद उन्होंने अपने बेटे से बात की और उन्हें कहा कि बेटा निरंतर अपने कार्य में लगे रहें, सफलता और असफलता तो लगी रहती है.

भाई ने दिया ये संदेश
वैज्ञानिक के भाई लीलाधर साहू ने ETV भारत के जरिए अपने भाई को संदेश देते हुए कहा कि 'सफलता लगी रहती है, आप लगातार प्रयास करें और देश के लिए निरंतर काम करते रहें, यही हमारी आशा है. उन्हें इस बात का मलाल रहता है कि, भाई त्योहारों में भी घर नहीं आ पाते हैं.

बालोद: छोटे से गांव में रहने के साथ ही, सरकारी स्कूल में पढ़कर मिथलेश साहू ने बालोद से लेकर बैंगलोर तक कि रेस पूरी की. मिथिलेश इसरो के मिशन चंद्रयान का हिस्सा हैं.

चंद्रयान-2 मिशन में अहम भूमिका निभा रहे मिथलेश

मिथलेश की उपलब्धि आज बालोद के लोगों की जुबान पर है. बता दें कि मिथलेश इसरो के चंद्रयान मिशन में एक महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. उनका परिवार गर्वान्वित महसूस कर रहा है कि, उनका बेटा इस मिशन का एक हिस्सा है साथ ही थोड़ा दुख इस बात का है कि मिशन पूरा होते-होते रह गया है.

दादा से मिली प्रेरणा
वैज्ञानिक मिथलेश के पिता का कहना है कि वो खासे खुश हैं कि, उनका बेटा आज एक वैज्ञानिक होने के साथ ही, इस महत्वपूर्ण मिशन का हिस्सा है. उन्होंने बताया कि, मिथलेश आज जो भी हैं, वो अपने दादा की प्रेरणा से हैं.

पिता को वैज्ञानिक बनाना चाहते थे दादा
मिथलेश के पिता ने बताया कि 'मेरे पिता का सपना था कि, मैं एक वैज्ञानिक बनूं, मैं तो उनके सपने पर खरा नहीं उतर पाया, लेकिन मेरा बेटा अपने दादा के सपनों को साकार करने के लिए पुरजोर मेहनत कर रहा है और आज इस मुकाम पर है.

सरकारी स्कूल में की पढ़ाई
उन्होंने बताया कि 'उसने पूरी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल में पूरी की है. पहले सतमरा और फिर भानपुरी के स्कूल में एजुकेशन ली. मिथलेश के पिता ने बताया कि 'जब मेरे को को लेकर चर्चा शुरू हुई तो आसपास के दर्जन भर गांवों के लोग मुझे बधाई देने मेरे घर तक पहुंचे, जिससे हमारा सीना गर्व से चौड़ा हो गया'.

बेटे की कामयाबी से गदगद हैं पिता
मिथलेश के पिता ने इस बात को लेकर खुशी जाहिर की कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके बेटे से हाथ मिलाया और अभिवादन किया. उन्होंने बताया कि 'चंद्रयान-2 मिशन के बाद उन्होंने अपने बेटे से बात की और उन्हें कहा कि बेटा निरंतर अपने कार्य में लगे रहें, सफलता और असफलता तो लगी रहती है.

भाई ने दिया ये संदेश
वैज्ञानिक के भाई लीलाधर साहू ने ETV भारत के जरिए अपने भाई को संदेश देते हुए कहा कि 'सफलता लगी रहती है, आप लगातार प्रयास करें और देश के लिए निरंतर काम करते रहें, यही हमारी आशा है. उन्हें इस बात का मलाल रहता है कि, भाई त्योहारों में भी घर नहीं आ पाते हैं.

Intro:बालोद।

अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश तो हर व्यक्ति करता है पर सफल तो वह है जो अपने लोगों अपने परिवार का सपना पूरा करे ऐसी ही कहानी है बालोद ज़िले के गुरुर ब्लाक अंतर्गत भानपुरी के मिथलेश साहू की है छोटे से गांव और सरकारी स्कूल में पढ़कर मिथलेश साहू ने बालोद से लेकर बैंगलोर तक कि रेस लगा दी और केवल अपने दादा के सपनो को पूरा करने के लिए।
मिशन चंद्रयान जो इसरो का एक महत्वपूर्ण मिशन है जिसकी चर्चा आज पूरे देश के लोगों की जुबान में है इस मिशन को लेकर बालोद में खुशी और भी ज्यादा है क्योंकि यहां बालोद से एक नाम जुड़ता है मिथलेश साहू का जो इसरो के चंद्रयान मिशन में एक महत्वपूर्ण विभाग की ज़िम्मेदारी सम्हाल रहे हैं आज उनका परिवार गर्वान्वित है कि उसका बेटा इस मिशन का एक हिस्सा है साथ ही थोड़ा दुख इस बात का है कि मिशन पुरा होते होते रह गया है।


Body:वीओ - वैज्ञानिक मिथिलेश के पिता ने बताया कि वह काफी खुश हैं कि उनका बेटा आज एक वैज्ञानिक है और इस महत्वपूर्ण मिशन का एक हिस्सा है उनके पिता ने बड़े ही मृदुल भाव से बताया कि आज वह जो भी है अपने दादा की प्रेरणा से हैं उनके दादा या ने मेरे पिताजी ने सपना देखा था कि मैं एक वैज्ञानिक बनो परंतु मैं उनके सपनों पर खरा उतर नहीं पाया पर मेरा बेटा अपने दादा जी के सपनों को साकार करने पुरजोर मेहनत करता रहा और आज वह इस मुकाम पर है उन्होंने बताया कि उसने पूरी प्रारंभिक शिक्षा शासकीय विद्यालयों में पूरी की है पहले सतमरा फिर गांव(भानपुरी) के ही विद्यालय में अपनी शिक्षा ग्रहण की है।
उनके पिता ने आगे बताया कि जब मेरे पुत्र को लेकर चर्चा शुरू हुई तो आसपास के दर्जन भर गांवों के लोग मुझे बधाई देने मेरे घर तक पहुंची इसको लेकर हमारा सीना चौड़ा हो गया मुझे गर्व है अपने बेटे पर

मोदी जी से हाँथ मिलाना सौभाग्य की बात है।

उनके पिता ने इस बात को लेकर काफी खुशी जाहिर की कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके पुत्र से हाथ मिलाया और अभिवादन किया उन्होंने बताया कि चंद्रयान 2 मिशन के बाद उन्होंने अपने बेटे से बात किया और उन्हें कहा कि बेटा निरंतर अपने कार्य में लगे रहें सफलता सफलता तो लगी रहती है साथ ही उन्होंने बताया कि लॉन्चिंग के बाद पहले वह घर आता था छुट्टियों में परंतु अब वह शायद फिर से नई शुरुआत में लगे हुए हैं।

वीओ - भाई का संदेश

वैज्ञानिक के भाई लीलाधर साहु ने ईटीवी भारत के माध्यम से अपने भाई को संदेश देते हुए कहा कि सफलता लगी रहती हैं आप लगातार प्रयास करें और देश के लिए निरंतर काम करते रहें यही हमारी आशा है उन्होंने कहा कि भाई त्योहारों में भी घर नहीं आ पाते हैं।



Conclusion:बालोद के लिए यह काफी गर्व का विषय है कि मिथिलेश साहू मिशन चंद्रयान टू का एक हिस्सा है धानमंत्री मोदी ने हाथ मिलाकर उनका अभिवादन किया है और सभी दुआएं कर रहे हैं कि मिशन चंद्रयान 2 के साथ ऐसे ही अन्य मिशन में बालोद जिले के इस युवक का साथ हो एक प्रधान पाठक के बेटे होने के साथ-साथ शासकीय विद्यालय में पढ़कर उन्होंने इस यह मुकाम हासिल किया है साथ ही इसमें उसकी दादा का सपना भी शामिल है जो आज उसे इस काबिल बना पाया है।

बाइट - लीलाधर साहू, वैज्ञानिक का भाई

बाइट - ललित कुमार साहू, प्रधान पाठक (भानपुरी) एवं पिता वैज्ञानिक
Last Updated : Sep 12, 2019, 7:57 PM IST
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