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मन्नत पूरी होने पर इस मंदिर में चढ़ाया जाता है घोड़ा - मंगतू बाबा मंदिर की मान्यताएं

बालोद के डौंडीलोहारा के जंगल में स्थित मंगतू बाबा के मंदिर में मुराद पूरी होने पर श्रद्धालु यहां सीमेंट और धातु के बने घोड़े चढ़ाते है.

Horse statue is offered in the temple of Mangtu Baba of Balod
घोड़े की मूर्तियां
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Published : Oct 30, 2020, 8:17 AM IST

Updated : Oct 30, 2020, 1:17 PM IST

बालोद: छत्तीसगढ़ में सभी मंदिरों की अपनी अलग कहानी है.अलग-अलग मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध इन मंदिरों में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहता है. बालोद जिले में ऐसा ही एक मंदिर है मंगतू बाबा मंदिर.जो आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र डौंडीलोहारा के जंगल के बीच स्थित है. यहां भक्त अपनी मन्नतें पूरी होने के बाद घोड़े चढ़ाते हैं. ये घोड़े सीमेंट या धातु से बने होते हैं. हर साल नवरात्र के समय दूर-दूर से लोग यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं.

मंगतू बाबा का मंदिर

पढ़ें- मरवाही में सीएम बघेल पर बरसे रमन सिंह, बोले-छत्तीसगढ़ को चला रही आतंकी सरकार

मंदिर में नवरात्र में ज्योति कलश प्रज्जवलित की जाती है.ग्राम भंवरमरा से कमकापार मुख्य मार्ग पर स्थित इस मंदिर में आसपास के जिलों से लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं. भक्तों का मानना है कि यहां सच्चे दिल से मांगी गई सभी मुरादें पूरी होती है. बाबा से मांगी गई मुराद पूरी होने पर भक्त अपनी शक्ति व श्रद्वा के अनुसार मिट्टी, सीमेंट, चांदी या विभिन्न प्रकार के धातु से बने घोड़े बाबा के मंदिर में चढ़ाते हैं.इस मंदिर में रखे घोड़ों की संख्या से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भक्तों को इस मंदिर के प्रति कितनी श्रद्धा है.

Horse statue is offered in the temple of Mangtu Baba of Balod
घोड़े की मूर्तियां

100 साल पुरानी है परंपरा

मंगतू बाबा के प्रति लोगों की गहरी आस्था है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां घोड़े चढ़ाने की परंपरा करीब 100 साल पुरानी है. इस घनधोर जंगल में ठीक से रास्ता भी नहीं था तब से यहां मंगतू बाबा की मूर्ति स्थापित है. बाबा के इस मंदिर में आसपास ही नहीं बल्कि दूर दराज से भक्त पहुंचते है और अपनी आस्था के फूल बाबा के चरणों में अर्पित करते हैं.बाबा अपने भक्तों की मन्नतें पूरी भी करते हैं. नवरात्रि के दौरान यहां पूरे नौ दिनों तक विभिन्न भक्तिमय आयोजनों का दौर चलता है.

Horse statue is offered in the temple of Mangtu Baba of Balod
मंगतू बाबा मंदिर
इस मंदिर की अपनी एक अलग ही पहचान है. जहां बाबा मंगतू की मूर्ति स्थापित है. लोगों के मन में उसके प्रति गहरी आस्था भी है. मंदिर के आसापास भक्तों के चढ़ाये गए मिट्टी के घोड़े हजारों की तादात में है.

बालोद: छत्तीसगढ़ में सभी मंदिरों की अपनी अलग कहानी है.अलग-अलग मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध इन मंदिरों में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहता है. बालोद जिले में ऐसा ही एक मंदिर है मंगतू बाबा मंदिर.जो आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र डौंडीलोहारा के जंगल के बीच स्थित है. यहां भक्त अपनी मन्नतें पूरी होने के बाद घोड़े चढ़ाते हैं. ये घोड़े सीमेंट या धातु से बने होते हैं. हर साल नवरात्र के समय दूर-दूर से लोग यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं.

मंगतू बाबा का मंदिर

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मंदिर में नवरात्र में ज्योति कलश प्रज्जवलित की जाती है.ग्राम भंवरमरा से कमकापार मुख्य मार्ग पर स्थित इस मंदिर में आसपास के जिलों से लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं. भक्तों का मानना है कि यहां सच्चे दिल से मांगी गई सभी मुरादें पूरी होती है. बाबा से मांगी गई मुराद पूरी होने पर भक्त अपनी शक्ति व श्रद्वा के अनुसार मिट्टी, सीमेंट, चांदी या विभिन्न प्रकार के धातु से बने घोड़े बाबा के मंदिर में चढ़ाते हैं.इस मंदिर में रखे घोड़ों की संख्या से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भक्तों को इस मंदिर के प्रति कितनी श्रद्धा है.

Horse statue is offered in the temple of Mangtu Baba of Balod
घोड़े की मूर्तियां

100 साल पुरानी है परंपरा

मंगतू बाबा के प्रति लोगों की गहरी आस्था है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां घोड़े चढ़ाने की परंपरा करीब 100 साल पुरानी है. इस घनधोर जंगल में ठीक से रास्ता भी नहीं था तब से यहां मंगतू बाबा की मूर्ति स्थापित है. बाबा के इस मंदिर में आसपास ही नहीं बल्कि दूर दराज से भक्त पहुंचते है और अपनी आस्था के फूल बाबा के चरणों में अर्पित करते हैं.बाबा अपने भक्तों की मन्नतें पूरी भी करते हैं. नवरात्रि के दौरान यहां पूरे नौ दिनों तक विभिन्न भक्तिमय आयोजनों का दौर चलता है.

Horse statue is offered in the temple of Mangtu Baba of Balod
मंगतू बाबा मंदिर
इस मंदिर की अपनी एक अलग ही पहचान है. जहां बाबा मंगतू की मूर्ति स्थापित है. लोगों के मन में उसके प्रति गहरी आस्था भी है. मंदिर के आसापास भक्तों के चढ़ाये गए मिट्टी के घोड़े हजारों की तादात में है.
Last Updated : Oct 30, 2020, 1:17 PM IST
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