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बालोद में बांस हस्तशिल्प के जरिए महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर - handicrafts training program

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से बालोद जिले के डौंडी ब्लॉक में प्रशिक्षण शिविर लगाया गया है. प्रशिक्षण शिविर में महिलाएं शामिल होकर बांस की कलाकृति और अन्य आकर्षक चीजें बनाना सीख रही हैं.

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बालोद में बांस हस्तशिल्प के जरिए महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर
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Published : Apr 10, 2021, 10:15 PM IST

बालोद: जिले के डौंडी ब्लॉक में आदिवासी महिलाओं को बांस से बने हस्तशिल्प सामग्रियां बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जनपद पंचायत के माध्यम से गांव-गांव कैंप लगाए जा रहे हैं.

बालोद में बांस हस्तशिल्प के जरिए महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर

बंबू आर्ट को किया जा रहा प्रमोट

ऐसे लोग जो बंबू आर्ट से जुड़े हुए हैं उनका चयन कर उन्हें बेहतर कारीगरी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर होंगीं और उन्हें एक बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा. ताकि उन्हें उनके बनाए गए सामग्रियों का उचित दाम मिल पाए. नारायणपुर, बस्तर जैसे क्षेत्र से इन महिलाओं को प्रशिक्षण देने विशेष टीम पहुंची हुई है.

होंगे स्वरोजगार

महिलाओं की रुचि बांस से बने सामानों को बनाने में हैं. उनकी ये रुचि अब रोजगार का साधन बनने जा रही है. बांस कला को आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है. बांस से कई तरह की चीजें बनाई जा रही हैं.

कोरोना ने खाली किए बांस का सामान बनाने वाले हाथ, सरकार भी नहीं दे रही साथ

बांस से बनाई जा रही आकर्षित वस्तुएं

पहले जहां पारंपरिक कला में कुछ सीमित वस्तुएं ही निर्मित की जाती थी. अब इससे बने लैंप, स्टूल, कुर्सी समेत अन्य आकर्षित वस्तुएं बनाई जा रही है. इसे सिखाने आईं श्याम बाई ने बताया कि प्रशिक्षण देने के पीछे मकसद महिलाओं को आत्मनिर्भर और रोजगार देना है.

बालोद: जिले के डौंडी ब्लॉक में आदिवासी महिलाओं को बांस से बने हस्तशिल्प सामग्रियां बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जनपद पंचायत के माध्यम से गांव-गांव कैंप लगाए जा रहे हैं.

बालोद में बांस हस्तशिल्प के जरिए महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर

बंबू आर्ट को किया जा रहा प्रमोट

ऐसे लोग जो बंबू आर्ट से जुड़े हुए हैं उनका चयन कर उन्हें बेहतर कारीगरी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर होंगीं और उन्हें एक बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा. ताकि उन्हें उनके बनाए गए सामग्रियों का उचित दाम मिल पाए. नारायणपुर, बस्तर जैसे क्षेत्र से इन महिलाओं को प्रशिक्षण देने विशेष टीम पहुंची हुई है.

होंगे स्वरोजगार

महिलाओं की रुचि बांस से बने सामानों को बनाने में हैं. उनकी ये रुचि अब रोजगार का साधन बनने जा रही है. बांस कला को आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है. बांस से कई तरह की चीजें बनाई जा रही हैं.

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बांस से बनाई जा रही आकर्षित वस्तुएं

पहले जहां पारंपरिक कला में कुछ सीमित वस्तुएं ही निर्मित की जाती थी. अब इससे बने लैंप, स्टूल, कुर्सी समेत अन्य आकर्षित वस्तुएं बनाई जा रही है. इसे सिखाने आईं श्याम बाई ने बताया कि प्रशिक्षण देने के पीछे मकसद महिलाओं को आत्मनिर्भर और रोजगार देना है.

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