बालोद: प्रदेश में किसान के मुद्दों को लेकर छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन ने शुक्रवार को झलमला तिराहे पर भूपेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन ने किसानों के विभिन्न मुद्दों को लेकर लगातार आवाज उठा रही है. शुक्रवार को झलमला चौक में किसान संगठन के लोग एकत्र हुए और प्रदेश सरकार से किसानों से किए गए वादे को निभाने की मांग की. इसमें प्रति एकड़ 20 क्विंटल की दर से एक नवंबर से धान खरीदी शुरू करने और चना समेत अन्य उपजो की सरकारी खरीदी करने का चुनावी वादा को पूरा करने की मांग को प्रमुखता से रखा. साथ ही जिन वादों को लेकर सरकार सत्ता में आई है, उन वादों को पूरा करने की बात कही. किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ये मांगे जल्द पूरी नहीं होती है, तो वे सब मिलकर प्रदेश स्तर पर धरना प्रदर्शन करेंगे.
इस साल कब होगी धान खरीदी
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के संयोजक राजकुमार गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने इस साल राज्य से 60 लाख टन चावल की खरीदी कर रही है. इसे ध्यान में रखते हुए प्रति एकड़ धान की खरीदी को 15 क्विंटल से बढ़ाकर 20 क्विंटल किया जाना चाहिए, लेकिन यहां पर सरकार इस ओर ध्यान देती नजर नहीं आ रही है. उन्होंने कहा कि पहले की तरह सरकारी धान खरीदी 1 नवंबर से शुरू किया जाना चाहिए, लेकिन अभी तक सरकार इस मुद्दे को लेकर किसी तरह की कोई फैसला नहीं ली है. किसानों का कहना है कि धान के रखरखाव में परेशानी किसानों को ना हो इसलिए यह फैसला जल्द से जल्द लेना चाहिए, नहीं तो किसान मजबूरी में कम दाम में अपना उपज भेड़ना बेचना पड़ जाएगा.
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ये रही मांगे
- विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने वादा किया था कि, प्रदेश में सरकार बनने पर चना, गेहूं और कुछ अन्य उपज सरकार खरीदी करेगी. प्रदेश में सरकार बने 2 साल हो गए हैं, लेकिन अभी तक वादे को पूरा नहीं किया गया है.
- इस साल से चना, गेहूं और अन्य उपज वादे के अनुसार खरीदी शुरू किया जाना चाहिए था. वहीं पिछले साल सरकार ने खरीदे गए धान के अंतर की राशि का भुगतान सरकार ने चार किस्तों में किया जा रहा है, जिसका किसान सार्थक उपयोग नहीं कर रहे है. इस साल से लागू होने वाले राजीव गांधी किसान न्याय योजना में किसानों को दी जाने वाली प्रति एकड़ 10 हजार के आदान राशि किस्तों में ना देकर एक मुश्त अगले साल की जून महीने तक भुगतान किया जाना चाहिए.
- राज्य सरकार के राजीव गांधी किसान न्याय योजना में धान, मक्का, दलहन तिलहन गन्ना पर 10 हजार रुपये अनुदान राशि देने का प्रावधान है. प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे किसान है जो चारा उद्यान की आधी फसल लेते हैं, उन्हें भी इस योजना का लाभ दिया जाना चाहिए.
- राज्य सरकार ने 5 हॉर्स पॉवर तक की किसान सिंचाई पंपों को 75,100 यूनिट बिजली नि:शुल्क दी जा रही है, जो बिजली टैरिफ के अनुसार लगभग 45 हजार रुपये होता है. जिन किसानों के पास बोर नहीं है. वह इस राशि से वंचित हैं.
- ऐसे किसानों को भी प्रति एकड़ 8 हजार रुपये कृषि ऊर्जा प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रदान किया जाना चाहिए. वहीं सरकार ने 2 साल के बोनस जो रमन सिंह के सरकार के अधूरे थे उसे भी देने का वायदा किया था उसे पूरा करना चाहिए.