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बालोद: कच्ची सड़क ने रोका कई गांवों का विकास, आवागमन में हो रही परेशानी - सड़क में मुरूम डालावा दिया

जिला मुख्यालय से जुड़ी सड़कें जर्जर हो गई हैं. इसके कारण लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

कच्ची सड़क ने रोका विकास
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Published : Oct 11, 2019, 3:02 PM IST

Updated : Oct 11, 2019, 3:50 PM IST

बालोद: जिला मुख्यालय से जुड़ी सड़कों की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि जिला मुख्यालय से संपर्क साधने के लिए लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. जिले के करहीभदर, जामगांव, जगतरा, पाकुरभाट, चिरैगोड़ी और भी ऐसे गांव हैं, जो इस मार्ग के चलते विकास से कोसों दूर हैं.

कच्ची सड़क ने रोका विकास

जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए लोगों को कोसों दूर से घूमकर आना-जाना पड़ता है. इस मार्ग को पक्का करने की मांग ग्रामीण सालों से कर रहे हैं, लेकिन सड़क बनाने की ओर प्रशासन का ध्यान ही नहीं है. ग्राम झलमला से लगभग दर्जन भर गांव को जोड़ने के उद्देश्य से यह कच्ची सड़क बनाई गई थी, जिसको पक्का करने की मांग काफी समय से हो रही है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

तत्कालीन विधायक भैयाराम सिन्हा ने इस सड़क के निर्माण को लेकर चक्काजाम करने का प्रयास किया था. इस पर प्रशासन ने स्थाई व्यवस्था के लिए तुरंत सड़क में कुछ काम करवाने की बात कही थी, लेकिन सड़क बनवाने के नाम पर प्रशासन ने सिर्फ सड़क में मुरुम डलवा दिया था.

ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें रोजाना जिला मुख्यालय आना-जाना पड़ता है, लेकिन सड़क जर्जर होने के कारण मुख्यमार्ग तक आने के लिए लगभग 5 किलोमीटर एक्स्ट्रा घूमकर जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि वे सब सब्जी के व्यापार से जुड़े हुए हैं, जिसकी वजह से सब्जी लाने और ले जाने के लिए उन्हें अतिरिक्त किराया देना पड़ता है. वहीं इन मार्गों में एंबुलेंस को भी आने-जाने में काफी दिक्कत होती हैं.

बालोद: जिला मुख्यालय से जुड़ी सड़कों की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि जिला मुख्यालय से संपर्क साधने के लिए लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. जिले के करहीभदर, जामगांव, जगतरा, पाकुरभाट, चिरैगोड़ी और भी ऐसे गांव हैं, जो इस मार्ग के चलते विकास से कोसों दूर हैं.

कच्ची सड़क ने रोका विकास

जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए लोगों को कोसों दूर से घूमकर आना-जाना पड़ता है. इस मार्ग को पक्का करने की मांग ग्रामीण सालों से कर रहे हैं, लेकिन सड़क बनाने की ओर प्रशासन का ध्यान ही नहीं है. ग्राम झलमला से लगभग दर्जन भर गांव को जोड़ने के उद्देश्य से यह कच्ची सड़क बनाई गई थी, जिसको पक्का करने की मांग काफी समय से हो रही है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

तत्कालीन विधायक भैयाराम सिन्हा ने इस सड़क के निर्माण को लेकर चक्काजाम करने का प्रयास किया था. इस पर प्रशासन ने स्थाई व्यवस्था के लिए तुरंत सड़क में कुछ काम करवाने की बात कही थी, लेकिन सड़क बनवाने के नाम पर प्रशासन ने सिर्फ सड़क में मुरुम डलवा दिया था.

ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें रोजाना जिला मुख्यालय आना-जाना पड़ता है, लेकिन सड़क जर्जर होने के कारण मुख्यमार्ग तक आने के लिए लगभग 5 किलोमीटर एक्स्ट्रा घूमकर जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि वे सब सब्जी के व्यापार से जुड़े हुए हैं, जिसकी वजह से सब्जी लाने और ले जाने के लिए उन्हें अतिरिक्त किराया देना पड़ता है. वहीं इन मार्गों में एंबुलेंस को भी आने-जाने में काफी दिक्कत होती हैं.

Intro:बालोद।

बालोद जिला मुख्यालय से लगे सड़कों की हालत इतनी जर्जर है कि यहां जिला मुख्यालय से संपर्क साधने लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है जिले के करहीभदर जामगांव जगतरा पाकुरभाट चिरैगोड़ी आदि ऐसे गांव हैं जो कि एक मार्ग के चलते विकास से कोसों दूर नजर आ रहा है जिला मुख्यालय आने जाने के लिए इस मार्ग की जर्जर होने के कारण लोगों को घूम कर आना जाना पड़ता है इस मार्ग के निर्माण की मांग ग्रामीण बरसो के कर रहे हैं तत्कालीन विधायक भैयाराम सिन्हा द्वारा इसके निर्माण के लिए चक्काजाम का प्रयास भी कर चुके हैं जिसके बाद लीपापोती के लिए यहां मुरम डाल दिया गया पर सड़क बनाने ध्यान नही दिया जा रहा है।






Body:वीओ - ज़िला मुख्यालय से लगे ग्राम झलमला से लगभग दर्जन भर गांव को जोड़ने के उद्देश्य से यह कच्ची सड़क बनाई गई है जिसके पक्का करने की मांग काफी समय से की जा रही है परंतु प्रशासनिक अधिकारी इस सड़क की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं तत्कालीन विधायक भैया राम सिन्हा द्वारा यहां इस सड़क के निर्माण को लेकर चक्का जाम करने का प्रयास किया गया था जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और विधायक अपना चक्का जाम तभी स्थिर किए जब प्रशासन ने कहा कि स्थाई व्यवस्था के लिए तुरंत ही सड़क में कुछ काम करवाएंगे ऐसा कहते हुए मुरूम डालकर लीपापोती कर दिया गया परंतु अब तक निर्माण को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिसके चलते ग्रामीणों को काफी नुकसान हो रहा है।

वीओ - ग्रामीणों का कहना है कि हमें रोजाना जिला मुख्यालय आना जाना पड़ता है परंतु यह सड़क जर्जर होने के कारण हमें मुख्य मार्ग में लगभग 5 किलोमीटर एक्स्ट्रा घूम कर जाना पड़ता है अगर यह मार्ग नहीं होता तो हमें ज्यादा समस्या नहीं होती हमारा व्यापार और विकास दोनों थम सा गया है ग्रामीणों ने बताया कि हम सब सब्जी के व्यापार से जुड़े हुए हैं परंतु सब्जी लाने ले जाने अतिरिक्त भाड़ा देना पड़ता है यहां तक कि एंबुलेंस को इन मार्गों से आने में भी काफी दिक्कत होती है हमारे ग्रामीण क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है जिसके अंतर्गत कई गांव आते हैं उन्हें भी इन मार्गों से इलाज या गर्भवती महिला या अन्य किसी समस्या के लिए आने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है।


Conclusion:सड़क निर्माण नही होने से ग्रामीण काफी परेशान हैं बल्कि उन्हें नए सरकार में उम्मीद थी अब तो पिछले सरकार में आवाज़ उठाने वाले लोग भी आगे नही आ रहे हैं ग्रामीण किसी बड़े आंदोलन की तैयारी में है ताकि प्रशासन की नींद खुले।

बाइट - हीरू राम यादव, ग्रामीण

बाइट- राकेश कुमार, ग्रामीण

बाइट - ऐनु राम साहू, ग्रामीण
Last Updated : Oct 11, 2019, 3:50 PM IST
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