बालोद: जिला मुख्यालय से जुड़ी सड़कों की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि जिला मुख्यालय से संपर्क साधने के लिए लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. जिले के करहीभदर, जामगांव, जगतरा, पाकुरभाट, चिरैगोड़ी और भी ऐसे गांव हैं, जो इस मार्ग के चलते विकास से कोसों दूर हैं.
जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए लोगों को कोसों दूर से घूमकर आना-जाना पड़ता है. इस मार्ग को पक्का करने की मांग ग्रामीण सालों से कर रहे हैं, लेकिन सड़क बनाने की ओर प्रशासन का ध्यान ही नहीं है. ग्राम झलमला से लगभग दर्जन भर गांव को जोड़ने के उद्देश्य से यह कच्ची सड़क बनाई गई थी, जिसको पक्का करने की मांग काफी समय से हो रही है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
तत्कालीन विधायक भैयाराम सिन्हा ने इस सड़क के निर्माण को लेकर चक्काजाम करने का प्रयास किया था. इस पर प्रशासन ने स्थाई व्यवस्था के लिए तुरंत सड़क में कुछ काम करवाने की बात कही थी, लेकिन सड़क बनवाने के नाम पर प्रशासन ने सिर्फ सड़क में मुरुम डलवा दिया था.
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें रोजाना जिला मुख्यालय आना-जाना पड़ता है, लेकिन सड़क जर्जर होने के कारण मुख्यमार्ग तक आने के लिए लगभग 5 किलोमीटर एक्स्ट्रा घूमकर जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि वे सब सब्जी के व्यापार से जुड़े हुए हैं, जिसकी वजह से सब्जी लाने और ले जाने के लिए उन्हें अतिरिक्त किराया देना पड़ता है. वहीं इन मार्गों में एंबुलेंस को भी आने-जाने में काफी दिक्कत होती हैं.