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कांकेर पहुंची बस्तर में शांति के लिए निकाली जा रही साइकिल यात्रा - बस्तर न्यूज़

कांकेर : नक्सलियों के आतंक से जूझ रहे बस्तर में शांति स्थापित करने का संदेश लेकर सैकड़ों आदिवासी युवक-युवतियां बस्तर से रायपुर तक साइकिल यात्रा पर निकले हैं ये साइकिल यात्रा बीती शाम कांकेर पहुंची और सुबह होते ही रायपुर के लिए रवाना हो गई.

साइकिल यात्रा
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Published : Feb 26, 2019, 2:47 PM IST

नक्सलियों की दहशत में बस्तर से कई आदिवासी परिवार सलवा जुडूम के शुरुआत के दौरान बस्तर छोड़ कर तेलंगाना में बस गए थे, ये ग्रामीण अब वापस तो आना चाहते हैं लेकिन नक्सलियों की दहशत इनके मन मे अभी भी है. बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे के साथ ही यहां का माहौल शांत हो सकता है, जिसको लेकर युवाओ ने एक शांति संदेश देने के लिए साइकिल यात्रा निकाली है.

वीडियो


इस यात्रा को नक्सलियों की धमकी भी मिली थी, लेकिन ये यात्रा अब अपनी मंजिल के बहुत करीब पहुंच चुकी है. इस यात्रा में तेलंगाना में जाकर बस चुके बस्तर के कई आदिवासी परिवार के युवा भी शामिल हुए हैं.


यात्रा में शामिल वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी शुभ्रांशु चौधरी बताते हैं कि 2001 में कई आदिवासी परिवार सलवा जुडूम के कारण नक्सलियों की दहशत से गांव छोड़कर भाग गए थे अब वो वापस तो आना चाहते है, लेकिन ये बात भी वो खुलकर नहीं बोल पाते क्योंकि उनके मन में आज भी नक्सलियों की दहशत बरकरार है. इसीलिए वो इस शांति रैली के जरिए बस्तर में शांति का संदेश लेकर निकले हैं.

नक्सलियों की दहशत में बस्तर से कई आदिवासी परिवार सलवा जुडूम के शुरुआत के दौरान बस्तर छोड़ कर तेलंगाना में बस गए थे, ये ग्रामीण अब वापस तो आना चाहते हैं लेकिन नक्सलियों की दहशत इनके मन मे अभी भी है. बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे के साथ ही यहां का माहौल शांत हो सकता है, जिसको लेकर युवाओ ने एक शांति संदेश देने के लिए साइकिल यात्रा निकाली है.

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इस यात्रा को नक्सलियों की धमकी भी मिली थी, लेकिन ये यात्रा अब अपनी मंजिल के बहुत करीब पहुंच चुकी है. इस यात्रा में तेलंगाना में जाकर बस चुके बस्तर के कई आदिवासी परिवार के युवा भी शामिल हुए हैं.


यात्रा में शामिल वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी शुभ्रांशु चौधरी बताते हैं कि 2001 में कई आदिवासी परिवार सलवा जुडूम के कारण नक्सलियों की दहशत से गांव छोड़कर भाग गए थे अब वो वापस तो आना चाहते है, लेकिन ये बात भी वो खुलकर नहीं बोल पाते क्योंकि उनके मन में आज भी नक्सलियों की दहशत बरकरार है. इसीलिए वो इस शांति रैली के जरिए बस्तर में शांति का संदेश लेकर निकले हैं.

Intro:कांकेर - नक्सलियों के आतंक से जूझ रहे बस्तर में शांति स्थापित करने का संदेश लेकर सैकड़ो आदिवासी युवक युवतियां बस्तर से रायपुर तक साइकिल यात्रा पर निकले है । साइकिल यात्रा बीती शाम कांकेर पहुची , जहा रात्रि विश्राम के बाद आज सुबह यह यात्रा रायपुर की ओर आगे बढ़ गई है । बस्तर में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच जारी लड़ाई को अब खत्म कर बस्तर में शांति की अपील ये युवा वर्ग कर रहे है ।


Body:नक्सलियों की दहशत में बस्तर से कई आदिवासी परिवार सलवा जुडूम के शुरुवात के दौरान बस्तर छोड़ भाग कर तेलंगाना में बस गए थे , ये ग्रामीण अब वापस तो आना चाहते है लेकिन नक्सलियों की दहशत इनके मन मे अभी भी है । बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे के साथ ही यहां का माहौल शांत हो सकता है , जिसको लेकर युवाओ ने एक शांति संदेश देने के लिए साइकिल यात्रा निकाली है , इस यात्रा को नक्सलियों की धमकी भी मिली थी लेकिन यह यात्रा अब अपनी मंजिल के बहुत करीब पहुच चुकी है। इस यात्रा में तेलगाना में जाकर बस चुके बस्तर के कई आदिवासी परिवार के युवा भी शामिल हुए है । यात्रा में शामिल वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी शुभ्रांशु चौधरी बताते है कि 2001 में कई आदिवासी परिवार सलवा जुडूम के कारण नक्सलियों की दहशत में गांव छोड़ कर भाग गए थे अब वो वापस तो आना चाहते है लेकिन यह बात भी वो खुलकर नही बोल पाते क्योकि उनके मन मे आज भी नक्सलियों की दहशत बरकरार है ,इसलिए वो इस शांति रैली में बस्तर में शांति का एक संदेश लेकर निकले है ताकि वो अपने घर लौट सके ।


Conclusion:कई परिवारों के लोग नक्सलियों के शिकार बने थे जिससे उनके मन से नक्सलियों का डर निकल नही पा रहा है । इस शांति रैली के माध्यम से सरकार से भी बस्तर में शांति स्थापित करने उचित कदम उठाने की मांग की जा रही है ।

बाइट - शुभ्रांशु चौधरी
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