बालोद: कोरोना वायरस संक्रमण दौर में स्कूलों को अबतक नहीं खोला गया है. ऐसे में बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है. ऑनलाइन पढ़ाई को विकल्प के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन छत्तीसगढ़ में कई ऐसे इलाके हैं, जहां मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं है. जहां एक ओर पूरे देश में बच्चों के ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए कई तरह के उपाय अपनाए जा रहे हैं, वहीं बालोद के डौंडी विकासखंड में कुसुमकसा से डौंडीलोहारा मुख्य सड़क पर बसा गिधाली गांव है. जहां अब भी मोबाइल नेटवर्क सही से काम नहीं करता है. ऐसे में बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो पा रही है.
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गांव में मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण कई विकास के कार्यों में बाधा पहुंच रही है. ऑनलाइन पढ़ाई इनमें से एक है. यहां के प्राथमिक स्कूल में करीब 52 बच्चे पढ़ते हैं. 4 शिक्षक हैं. कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मार्च से लेकर अबतक स्कूल बंद है और बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन भी नहीं हो पा रही है. अधिकांश बच्चों के अभिभावकों के पास भी स्मार्ट मोबाइल फोन नहीं है. ऐसी परिस्थिति में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. मामले में एसडीएम ऋषिकेश तिवारी ने कहा कि लिखित शिकायत मिलने पर कलेक्टर को बताकर समस्या का निराकरण कराने का प्रयास किया जाएगा.
मोबाइल से बात करना तक मुश्किल
ग्रामीणों ने बताया कि बहुत आवश्यक काम के लिए फोन से बात करना होता है तो उन्हें नेटवर्क ढूंढना पड़ता है. तब जाकर किसी से बात हो पाती है. नेटवर्क की स्थिति यहां काफी खराब है. फिलहाल ऑनलाइन पढ़ाई यहां लगभग नामुमकिन है. ग्रामीणों ने इस समस्या को कई बार जनप्रतिनिधियों को बताया. लेकिन उनकी समस्या की ओर अभी तक किसी ने ध्यान नहीं दिया है. ग्रामीणों ने मांग की है कि गिधाली में मोबाइल टावर लगाकर जनता को राहत दी जाए.
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ऊंचाई पर मिलता है नेटवर्क
ऑनलाइन पढ़ाई के संबंध में ग्रामीणों से पूछने पर उन्होंने बताया कि लोगों को ऊंचे स्थान में जाकर फोन से बात करने का प्रयास किया जाता है. कुछ लोगों के पास मोबाइल है, जब लोग ऊंचाई में जाकर संपर्क करते हैं. तब जाकर उनके मोबाइल में इंटरनेट चलने लायक नेटवर्क मिल पाता है. गिधाली गांव की सरपंच बसंती ठाकुर ने सरकार से जल्द इस गांव के लिए मोबाइल टावर का प्रबंध करने मांग की है. ताकि बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई में कोई दिक्कत न आए.