बालोद: बालोद: दुर्ग संभाग की हाईप्रोफाइल सीट डौंडी लोहारा विधानसभा में कांग्रेस की अनिला भेड़िया ने दोबारा जीत दर्ज की है. मतगणना के दौरान अनिला भेड़िया और बीजेपी के देवलाल ठाकुर में कांटे की टक्कर देखने को मिली. लेकिन आखिरी राउण्ड में कांग्रेस ने बढ़त बनाते हुए जीत दर्ज की है. इस बार छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में कुल 76.31 प्रतिशत मतदान हुआ है.
कौन हैं देवलाल ठाकुर : देवलाल ठाकुर ने 2018 विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ा था। उन्होंने 21368 वोट हासिल किए थे.डौंडीलोहारा विधानसभा में सर्वाधिक वोट पाने वाले प्रत्याशी की सूची में तीसरे स्थान पर थे. बीजेपी में शामिल होने के बाद पहले देवलाल प्रदेश प्रवक्ता बने और अब डौंडीलोहारा से बीजेपी के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगे.
तीसरे दल भी क्षेत्र में मजबूत : डौंडीलोहारा विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अलावा एक और एक स्थानीय दल छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा है. जो हर बार अपना प्रत्याशी उतारता है. इस दल से एक पूर्व विधायक भी हैं. जिनका नाम जनक लाल ठाकुर हैं. छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा क्षेत्र में अपना एक अलग वर्चस्व रखती है. यह मजदूरों के हित में लड़ाई लड़ने वाली पार्टी कहलाती है. लेकिन मजदूरों की संख्या में कमी आने के कारण ये पार्टी भी कमजोर होती चली गई.लेकिन मजदूरों का साथ निभाने वाला ये दल कब वापसी कर जाए कुछ कहा नहीं जा सकता.
2018 के चुनावी परिणाम : डौंडीलोहारा जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है. इस विधानसभा पर पहले राजपरिवार का दबदबा था.लेकिन राजपरिवार का वर्चस्व खत्म होने के बाद सीट पर भेड़िया परिवार ने अपना कब्जा जमाया. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी अनिला भेड़िया ने दिवंगत राजा लाल महेंद्र सिंह टेकम को शिकस्त दी थी. वर्तमान विधायक अनिला भेड़िया प्रदेश में महिला एवं बाल विकास मंत्री के रूप में कार्य कर रही थीं.
कैसी है भौगोलिक स्थिति : डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो, यह दो हिस्सों में बटा हुआ है. एक डौंडीलोहारा क्षेत्र और एक दल्ली राजहरा क्षेत्र. दल्ली राजहरा क्षेत्र पुराने समय में विकसित क्षेत्र हुआ करता था. समय बदलने के साथ-साथ यहां पर अब वीरानी देखने को मिलती है. भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए कच्चे लोहे की सप्लाई दल्ली से होती थी. समय बीतने के साथ-साथ लोहा कम होने लगा.इसलिए मजदूर जो माइंस में काम करते थे उनकी संख्या भी कम होने लगी.शहर उपेक्षित होने से लोगों ने आंदोलन शुरु किया. जिसे मंत्री अनिला भेड़िया ने समाप्त कराया.लेकिन आने वाले समय में एक बार फिर ये मुद्दा सुर्खियों में रह सकता है.
डौंडीलोहारा के मुद्दे : बालोद जिले के दल्ली राजहरा माइंस से निकलने वाले लाल पानी का मामला भी बहुत पुराना है. लाल पानी प्रभावित क्षेत्रों के विकास एवं रोजगार के लिए मजदूर काफी दिनों से लड़ाई लड़ रहे हैं.लेकिन उनकी मांगें अब तक पूर्ण नहीं हो पाई हैं. वहीं वन अधिकार पट्टा को लेकर भी गड़बड़ी के मामले क्षेत्र में शामिल हुए हैं. इस क्षेत्र में धर्मांतरण का मुद्दा भी बीच-बीच में उभरकर सामने आता है. धर्मांतरण के मुद्दे को बीजेपी हवा देती है तो कांग्रेस इससे साफ इंकार करती है.
डोंडी क्षेत्र से नहीं मिला टिकट : डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र दो भागों में बटा हुआ है. लेकिन अब तक लोहारा क्षेत्र से ही प्रत्याशियों का चयन हुआ है.डौंडी क्षेत्र इस मामले में उपेक्षित रहा है. इस बार भी जितने भी प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस से दिख रहे हैं. वह सभी लोहारा क्षेत्र के हैं. यदि डौंडी क्षेत्र से किसी मजबूत प्रत्याशी को टिकट दिया जाता है. तो वह चुनाव निकाल सकता है. क्योंकि आबादी के दृष्टिकोण से डौंडीलोहारा भी घनी आबादी वाला क्षेत्र है.