संजारी बालोद: दुर्ग संभाग की संजारी बालोद सीट विधानसभा में कांग्रेस और बीजेपी में कड़ा मुकाबला देखने को मिला. कांग्रेस की संगीता सिन्हा ने बीजेपी प्रत्याशी राकेश यादव को कांटे की टक्कर में हरा दिया है. इस बार छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में कुल 76.31 प्रतिशत मतदान हुआ है.
कौन हैं उम्मीदवार: संजारी बालोद से इस समय संगीता सिन्हा विधायक हैं.इससे पहले उनके पति भैयाराम सिन्हा इसी सीट से विधायक रह चुके हैं. इस बार भी संगीता सिन्हा को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है. वहीं बीजेपी के ओर से राकेश यादव मैदान में हैं.
कैसा है जातिगत समीकरण : संजारी बालोद विधानसभा सीट पर साहू समाज का दबदबा रहा है.लेकिन पिछले दो बार के चुनाव में सिन्हा समाज की एकजुटता ने प्रत्याशी को जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र में 57% ओबीसी मतदाता हैं. 22 फीसदी अनुसूचित जनजाति और 15 फीसदी सामान्य वर्ग से है.वहीं अनुसूचित जाति वर्ग से 6.79% मतदाता हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछड़ा वर्ग से ही आने वाले समय में भी भाजपा और कांग्रेस से प्रत्याशी मैदान में उतरते आ रहे हैं.
चुनाव में क्या होंगे मुद्दे : आगामी विधानसभा चुनाव में सबसे प्रमुख मुद्दा सिंचाई का रहेगा. तांदुला से गंगरेल लिंक नहर परियोजना का काम पूरा करने की मांग बरसो से हो रही है. संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र के वासियों के लिए कृषि सिंचाई पेयजल के दृष्टिकोण से यह योजना मील का पत्थर साबित होगी. इसके साथ ही कृषि महाविद्यालय, आवारा पशु और अवैध शराब बिक्री का मामला छाया रह सकता है.
क्या है दलों की स्थिति : भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस यह दोनों प्रमुख दल इस सीट पर अपना वर्चस्व रखते हैं. मौजूदा समय में कांग्रेस बहुत अच्छी स्थिति में है. एक-एक कार्यकर्ता दमखम लगाकर काम कर रहे हैं. वहीं इस विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष भी आते हैं. उनका काम बखूबी देखने को मिल रहा है. जिला अध्यक्ष के साथ-साथ महिला मोर्चा और युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी इसी क्षेत्र से आते हैं.लेकिन यदि निचले स्तर की बात की जाए तो भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश कम नजर आता है.कांग्रेस के सामने बीजेपी को किसी ताकतवर कैंडिडेट को उतारना होगा.वहीं जहां कांग्रेस एक महिला उम्मीदवार को सामने रखकर महिला वोटबैंक खींचती है.वहीं दूसरी तरफ बीजेपी में इस क्षेत्र कोई भी दमदार महिला नहीं दिखती है.
क्या था पिछले चुनाव का गणित : बीते वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में विधायक संगीता सिन्हा को 90 हजार 428 वोट मिले थे. जिसमें जीत का अंतर 27 हजार 488 था. बीजेपी प्रत्याशी पवन साहू 62 हजार 940 वोट मिले थे. इस चुनाव में संगीता सिन्हा विजयी हुई थी. हाल ही में विधायक संगीता सिन्हा को उत्कृष्ठ विधायक का खिताब विधानसभा में दिया गया है.
संजारी बालोद की भौगोलिक स्थिति : संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यह 2 बड़े हिस्सों में बटा हुआ है. जो बालोद और गुरूर के रूप में है. गुरुर में मतदाताओं की संख्या बालोद की अपेक्षा ज्यादा है. यदि गुरुर तरफ से कोई विधायक बनता है तो बालोद की ओर उनका ध्यान कम रहता है.वहीं बालोद की तरफ कोई विधायक बनता है तो उनका ध्यान गुरुर की ओर कम रहता है. ऐसे में दोनों ही तरफ के लोगों की ये मंशा रहती है कि जो भी प्रत्याशी चुना जाए वो उनके क्षेत्र का हो.
किसका पलड़ा रहेगा भारी : कांग्रेस पार्टी फिर से संगीता सिन्हा पर दाव खेल सकती है.क्योंकि मौजूदा कार्यकाल में संगीता सिन्हा का जनता से जुड़ाव उन्हें फायदा दे सकता है.साथ ही साथ कांग्रेस शासन में क्षेत्र में कई काम भी हुए हैं. बात करें भारतीय जनता पार्टी की तो 15 साल में क्षेत्र में काफी विकास किया.लेकिन नेताओं का जनता से जुड़ाव ना हो सका.जिसका खामियाजा पिछले विधानसभा चुनाव में देखने को मिला. इस बार जनता ऐसे विधायक को चाहेगी जो उनकी समस्याओं को लेकर आवाज बुलंद करे.