बालोद: शहर के डैमसाइड से चिखली मोड़ तक हो रहे अवैध कब्जों को आखिरकार बीएसपी (भिलाई स्टील प्लांट प्रबंधन) ने ज़मीदोज़ कर दिया. पिछले कई महीने से वार्ड नंबर- 12 में दल्ली-डौंडी मुख्य सड़क के किनारे जंगल को काटकर लगातार अवैध कब्जा किया जा रहा था. जिस स्थान पर अवैध निर्माण किया जा रहा था. उसका कुछ हिस्सा वन विभाग का है. बाकी हिस्सा बीएसपी का है. मंगलवार सुबह अचानक बीएसपी का अतिक्रमण दस्ता मौके पर पहुंचकर ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए दर्जनों अवैध निर्माणों को गिरा दिया गया.
कब्जाधारियों ने कई हरे-भरे पेड़ काट डाले और कई जगह पक्का निर्माण भी कर डाला. कहीं बकायदा कंक्रीट के कॉलम भी खड़े कर दिए गए थे. बीएसपी की जमीन पर कब्जा कर रहे लोगों का कहना है कि बीएसपी ने उन्हें किसी प्रकार का नोटिस नहीं दिया. बिना किसी पूर्वसूचना के उनके निर्माणाधीन घरों को बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया गया. उन्होंने बताया कि पूरा दल्ली राजहरा शहर अवैध कब्जे पर बसा हुआ है, जहां किसी के पास पट्टा नहीं है.
कब्जाधारियों के लिए पट्टे का सपना अभी दूर
मुख्य सड़क के पूर्व में बीएसपी की जमीन है. पश्चिम में रेलवे की जमीन है, जिस पर पूरा शहर बसा हुआ है. सिर्फ चिखलाकसा में राजस्व की जमीन है और वहां के निवासियों के पास जमीन का स्थायी पट्टा है. जबकि शहर के लोग बरसों से शासन से पट्टा देने की मांग पर डटे हुए हैं, लेकिन पट्टे का सपना अभी दूर है.
हाल ही में किए जा रहे अवैध कब्जे को तोड़े जाने के खिलाफ नगर पालिका उपाध्यक्ष ने बीएसपी की सड़क पर चक्काजाम कर दिया है. जिसके कारण महामाया माइन्स से लौह अयस्क की ढुलाई करने वाले गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई है.
'पैसे वालों पर नहीं होती कार्रवाई'
नगर पालिका उपाध्यक्ष संतोष देवांगन ने बताया कि शहर में रसूखदार लोगों पर कभी कोई कार्रवाई नहीं होती. उन्होंने बताया कि इंटक ऑफिस के सामने अवैध निर्माण किया जा रहा है. ट्रेजरी आफिस के लिए आवंटित जमीन पर भाजपा कार्यालय के नाम पर अवैध कब्जा किया गया है. फायर ब्रिगेड आफिस के बाजू में भी अवैध कब्जा किया गया है, जिसे नहीं तोड़ा जा रहा है.
गरीबों के आशियाने पर बुलडोजर
नगर पालिका उपाध्यक्ष ने कहा कि बीएसपी के अधिकारियों को केवल गरीब लोगों का घर ही दिखता है. उन्होंने कहा कि हम ये जगह तभी खाली करेंगे जब शहर में सभी अवैध कब्जों को तोड़ा जाएगा. दूसरी ओर बीएसपी की जमीन से लगी वन विभाग की जमीन पर भी कब्जाधारियों ने अवैध निर्माण कर दिए हैं, जिस पर वन विभाग ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है.
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दल्ली राजहरा में स्थानीय निवासियों को पट्टा देना एक बड़ा मुद्दा रहा है. हर चुनाव में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाता है, लेकिन अब तक पट्टा दिला पाने में यहां के नेता और जनप्रतिनिधि असमर्थ साबित हुए हैं. अवैध कब्जे को लेकर बीएसपी प्रबंधन भी कार्रवाई कर सकता है, क्योंकि उन्हें कई जगहों पर काम करने की जरूरत होती है.