बालोद: प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ शनिवार को भाजपा महिला मोर्चा के नेतृत्व में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया. इस दौरान जिले की महिला कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए नजर आईं. कार्यक्रम में कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी भी शामिल हुए . महिलाओं ने कहा कि जब से प्रदेश में भूपेश बघेल की सरकार आई है तब से यहां कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमा गई है. महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं. यहां की सरकार महिलाओं की रक्षा करने में असफल हुई है. प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार को राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा.
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री राकेश यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ शांति का द्वीप रहा है. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनके पिता मर्यादा पुरुषोत्तम राम के बारे में अनर्गल टिप्पणी करते हैं, तो उनके संस्कार क्या होंगे उनके बारे में चर्चा करना बेकार है. यह इतनी बड़ी घटना होती है और इन्हें स्वीकारना चाहिए.
महिलाओं पर अत्याचार के मामले को लेकर भाजपा महिला मोर्चा का प्रदर्शन
अपनी विफलताओं को मानें सरकार
भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णकांत पवार ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा शासित राज्यों में यदि कोई घटना होती है, तो उसे यहां के कांग्रेसी बड़ा मुद्दा बनाते हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ में कोई घटना होती से छोटा कहा जाता है. ये कहां की नीति है. सरकार को अपनी विफलताओं को मानना चाहिए और महिलाओं के सुरक्षा का जिम्मा उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब शराबबंदी की बात कही गई थी तो महिलाएं काफी आकर्षित हुई थी, लेकिन आज ये सरकार गांव-गांव, गली-गली शराब दुकान खोलने की तैयारी कर रही है.
अपराध का गढ़ बना हुआ है प्रदेश
महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष दीपा साहू ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि दूसरे राज्यों की घटनाओं पर मुखर रहने वाले मुख्यमंत्री अपने ही प्रदेश की इन तमाम घृणित घटनाओं पर मौन क्यों हैं. अब यह प्रदेश अपराध गढ़ का रूप लेता जा रहा है. प्रदेश सरकार महिला शक्ति की रक्षा के लिए संकल्पित नहीं है. ऐसा लगता है यहां पर जो व्यवस्था रमन सिंह जी ने बनाई थी उसे पूरा नेस्तनाबूद करने का काम यहां की भूपेश बघेल सरकार कर रही है.