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BJP attacks on economic survey report : 'चुनावी साल में हो रहा आंकड़ों का खेल', केदारनाथ गुप्ता का आरोप

छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में ये दावा किया है कि प्रदेश की जीडीपी देश की जीडीपी से एक फीसदी ज्यादा है.साथ ही प्रति व्यक्ति आय में 1 लाख 33 हजार की वृद्धि हुई है. ऐसे में भाजपा ने प्रदेश सरकार के आंकड़ों और दावों पर सवाल खड़ा किया है.

BJP attacks on economic survey report
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पर सवाल
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Published : Mar 4, 2023, 12:23 PM IST

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पर सवाल

बालोद : छत्तीसगढ़ की प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को अपना आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत किया. प्रदेश सरकार ने प्रति व्यक्ति आय में 1 लाख 33 हजार की बढ़ोतरी बताई है . वहीं छत्तीसगढ़ राज्य के जीडीपी में 1% की बढ़ोतरी देश के मुकाबले बताई. सरकार की रिपोर्ट में प्रदेश का जीडीपी दर 8% है. जिसे लेकर बालोद में मीडिया कार्यशाला लेने पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता केदारनाथ गुप्ता ने प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया.

जीडीपी के आंकड़ों पर सवाल : केदारनाथ गुप्ता ने कहा कि ''यदि जीडीपी बड़ी है तो प्रधानमंत्री आवास योजना के पैसे क्यों रोके गए. क्यों सरकार को कर्ज लेने की जरूरत पड़ रही है. देश से तुलना क्यों . केदारनाथ गुप्ता ने तीखे लहजे में कहा कि जीडीपी में बढ़ोतरी हुई है तो वह अपनी बड़ी होती दिखाएं हर चीज में देश से तुलना क्यों करते हैं. देश में तो विकास दिख रहा है. छत्तीसगढ़ में क्यों कोई विकास नहीं दिख रहा है. आंकड़े महज आंकड़े हैं और यदि प्रदेश में जीडीपी का दर बड़ा है प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है तो फिर छत्तीसगढ़ में हाहाकार क्यों मचा हुआ है.''

प्रति व्यक्ति में हुई आय वृद्धि तो हत्या क्यों : केदारनाथ गुप्ता ने कहा कि '' यदि प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है तो छत्तीसगढ़ में अपराध क्यों नहीं रुक रहे. क्यों अपराध का गढ़ छत्तीसगढ़ बन गया है. यदि प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती तो यहां 2,000 रूपये 5000 के लिए हत्या के मामले सामने नहीं आते. प्रदेश सरकार को इसका जवाब देना चाहिए. क्योंकि अभी चुनावी वर्ष है. इसलिए मनगढ़ंत आंकड़े दिखाकर प्रदेश की सरकार लोगों को गुमराह करना चाह रही है.''

ये भी पढ़ें- विधानसभा में बिलासपुर एम्स का मुद्दा उठा, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक पर भी घमासान

केदारनाथ गुप्ता ने कहा कि '' रमन सिंह जी के सरकार के समय में हम 13000 से 97000 रुपए प्रति व्यक्ति आय तक पहुंचे थे. उनके मुकाबले यह कुछ भी नहीं है. जीडीपी अच्छी है तो 4 वर्षों में 55000 करोड़ रुपए का कर्ज आखिर क्यों ले लिया. यह केवल मन लुभावने आंकड़े हैं. उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यदि गरीब कल्याण की योजनाएं बंद है और सरकार ऐसे आंकड़े प्रस्तुत कर रही है तो इन आंकड़ों का कोई मतलब नहीं.''

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पर सवाल

बालोद : छत्तीसगढ़ की प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को अपना आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत किया. प्रदेश सरकार ने प्रति व्यक्ति आय में 1 लाख 33 हजार की बढ़ोतरी बताई है . वहीं छत्तीसगढ़ राज्य के जीडीपी में 1% की बढ़ोतरी देश के मुकाबले बताई. सरकार की रिपोर्ट में प्रदेश का जीडीपी दर 8% है. जिसे लेकर बालोद में मीडिया कार्यशाला लेने पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता केदारनाथ गुप्ता ने प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया.

जीडीपी के आंकड़ों पर सवाल : केदारनाथ गुप्ता ने कहा कि ''यदि जीडीपी बड़ी है तो प्रधानमंत्री आवास योजना के पैसे क्यों रोके गए. क्यों सरकार को कर्ज लेने की जरूरत पड़ रही है. देश से तुलना क्यों . केदारनाथ गुप्ता ने तीखे लहजे में कहा कि जीडीपी में बढ़ोतरी हुई है तो वह अपनी बड़ी होती दिखाएं हर चीज में देश से तुलना क्यों करते हैं. देश में तो विकास दिख रहा है. छत्तीसगढ़ में क्यों कोई विकास नहीं दिख रहा है. आंकड़े महज आंकड़े हैं और यदि प्रदेश में जीडीपी का दर बड़ा है प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है तो फिर छत्तीसगढ़ में हाहाकार क्यों मचा हुआ है.''

प्रति व्यक्ति में हुई आय वृद्धि तो हत्या क्यों : केदारनाथ गुप्ता ने कहा कि '' यदि प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है तो छत्तीसगढ़ में अपराध क्यों नहीं रुक रहे. क्यों अपराध का गढ़ छत्तीसगढ़ बन गया है. यदि प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती तो यहां 2,000 रूपये 5000 के लिए हत्या के मामले सामने नहीं आते. प्रदेश सरकार को इसका जवाब देना चाहिए. क्योंकि अभी चुनावी वर्ष है. इसलिए मनगढ़ंत आंकड़े दिखाकर प्रदेश की सरकार लोगों को गुमराह करना चाह रही है.''

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केदारनाथ गुप्ता ने कहा कि '' रमन सिंह जी के सरकार के समय में हम 13000 से 97000 रुपए प्रति व्यक्ति आय तक पहुंचे थे. उनके मुकाबले यह कुछ भी नहीं है. जीडीपी अच्छी है तो 4 वर्षों में 55000 करोड़ रुपए का कर्ज आखिर क्यों ले लिया. यह केवल मन लुभावने आंकड़े हैं. उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यदि गरीब कल्याण की योजनाएं बंद है और सरकार ऐसे आंकड़े प्रस्तुत कर रही है तो इन आंकड़ों का कोई मतलब नहीं.''

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