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बालोद: पर्यटन स्थल भोला पठार में भालू ने दी दस्तक, दहशत में ग्रामीण

बालोद के भोला पठार के जंगलों में कई बार भालू देखा गया है. ये पहली बार है जब भालू जंगल से निकलकर मंदिर क्षेत्र में आए है. भालू की दस्तक के गांव के लोग डरे हुए है.

Bear in Bhola pathar
भोला पठार में भालू की दस्तक
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Published : Nov 4, 2020, 12:26 PM IST

बालोद: जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर बसे भोला पठार में भालू ने दस्तक दी है. क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल है. इन दिनों खेतों में धान कटाई का काम जारी है. खेतों में काम करने वाले मजदूर शाम तक वहीं रहते हैं, जिससे उनकी जान पर खतरा बना हुआ है. भालू के डर से किसान अपना काम ठीक तरह से नहीं कर पा रहे हैं. अब तो भालू ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है.

भोला पठार घने जंगल और रहवासी क्षेत्र के बीच में बसा हुआ है. भोला पठार के जंगलों में कई बार भालू देखा गया है, लेकिन ये पहली बार है जब भालू जंगल से निकलकर मंदिर क्षेत्र में आए है. गांव के एक व्यक्ति ने दूर से भालू का एक वीडियो भी बनाया है, जिसमे भालू मंदिर के आसपास चहलकदमी करता नजर आ रहा है. भालू के दस्तक के बाद से वन अमला सक्रिय हो गया है.

पर्यटन स्थल भोला पठार में भालू की दस्तक


सावधानी बरतने के निर्देश
वन विभाग के रेंजर रियाज खान ने बताया कि ग्रामीणों को जागरूक और सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही अकेले जंगल क्षेत्र की ओर न जाकर समूह में आने जाने की बात कही गई है. इसके साथ ही भालू से किसी तरह की छेड़छाड़ न करने की अपील भी ग्रामीणों से की गई है.

पढ़ें: बलरामपुर: आतंक मचाने वाले भालू की मिली लाश, शव पर जख्म, जांच में जुटा वन विभाग

वन्य प्राणियों को पसंद आ रहा बालोद

जिले में लगातार जंगली जानवारों भोजन-पानी की तलाश में रिहायशी इलाकों में दस्तक दे रहे है, जिससे गांव के लोग परेशान है. साल 2020 में तीन बार जंगली जानवरों ने बालोद को रिहायशी इलाकों में दस्तक दी है. जनवरी महीने में जहां शेर ने आतंक से वन विभाग परेशान था, कुछ महीने बाद चंदा हाथियों के दल ने आतंक मचाया हुआ था. हाथियों केडर से लोग घर से बाहर निकलने से डर रहे थे. वहीं अब भालू की दस्तक से ग्रामीण परेशान है.

बालोद: जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर बसे भोला पठार में भालू ने दस्तक दी है. क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल है. इन दिनों खेतों में धान कटाई का काम जारी है. खेतों में काम करने वाले मजदूर शाम तक वहीं रहते हैं, जिससे उनकी जान पर खतरा बना हुआ है. भालू के डर से किसान अपना काम ठीक तरह से नहीं कर पा रहे हैं. अब तो भालू ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है.

भोला पठार घने जंगल और रहवासी क्षेत्र के बीच में बसा हुआ है. भोला पठार के जंगलों में कई बार भालू देखा गया है, लेकिन ये पहली बार है जब भालू जंगल से निकलकर मंदिर क्षेत्र में आए है. गांव के एक व्यक्ति ने दूर से भालू का एक वीडियो भी बनाया है, जिसमे भालू मंदिर के आसपास चहलकदमी करता नजर आ रहा है. भालू के दस्तक के बाद से वन अमला सक्रिय हो गया है.

पर्यटन स्थल भोला पठार में भालू की दस्तक


सावधानी बरतने के निर्देश
वन विभाग के रेंजर रियाज खान ने बताया कि ग्रामीणों को जागरूक और सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही अकेले जंगल क्षेत्र की ओर न जाकर समूह में आने जाने की बात कही गई है. इसके साथ ही भालू से किसी तरह की छेड़छाड़ न करने की अपील भी ग्रामीणों से की गई है.

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वन्य प्राणियों को पसंद आ रहा बालोद

जिले में लगातार जंगली जानवारों भोजन-पानी की तलाश में रिहायशी इलाकों में दस्तक दे रहे है, जिससे गांव के लोग परेशान है. साल 2020 में तीन बार जंगली जानवरों ने बालोद को रिहायशी इलाकों में दस्तक दी है. जनवरी महीने में जहां शेर ने आतंक से वन विभाग परेशान था, कुछ महीने बाद चंदा हाथियों के दल ने आतंक मचाया हुआ था. हाथियों केडर से लोग घर से बाहर निकलने से डर रहे थे. वहीं अब भालू की दस्तक से ग्रामीण परेशान है.

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