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बालोद के तांदुला जलाशय का होगा कायाकल्प,कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने उठाया बीड़ा

बालोद जिले के तांदुला जलाशय को पूरे प्रदेश में जीवनदायिनी जलाशय के नाम से जाना जाता है. यहां के जल का उपयोग बालोद जिला ही नहीं बल्कि आसपास के 3 जिले की जनता करती है. लेकिन जलाशय निर्माण के बाद से ही संवारने के विषय को लेकर किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया.लेकिन अब तांदुला जलाशय के दिन फिरने वाले हैं.क्योंकि बालोद जिले के नए कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने इस जलाशय को संवारने का काम शुरु किया है. इसके लिए बकायदा तांदुला के लिए ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है.कलेक्टर खुद निगरानी करके इसे संवारने का काम कर रहे हैं. Balod Tandula reservoir rejuvenated plan

Balod Tandula reservoir rejuvenated plan
बालोद के तांदुला जलाशय का होगा कायाकल्प
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Published : Dec 13, 2022, 2:09 PM IST

बालोद के तांदुला जलाशय का होगा कायाकल्प

बालोद : तांदुला जलाशय बालोद जिले के साथ साथ दूसरे जिलों के लिए भी जीवनदायिनी का काम करता है.इस जलाशय के पानी का इस्तेमाल तीन जिले के लोग करते हैं.बावजूद इसके निर्माण के बाद से अब तक इस जलाशय के रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया गया.जिसके कारण जलाशय उपेक्षित रहा है.लेकिन अब जिले के कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने इसे संवारने का बीड़ा उठाया है. Balod Tandula reservoir rejuvenated plan


कैसे होगा कायाकल्प : कलेक्टर कुलदीप शर्मा (Collector Kuldeep Sharma) के मुताबिक '' तांदुला जलाशय बालोद जिले के लिए एक संजीवनी की तरह है. जल संसाधन को संवारना हमारी जिम्मेदारी है. यहां पर जलाशय को संवारने प्लानिंग की जा रही है. यहां झोपड़ी बनाए जाएंगे. टेंट हाउस बनाए जाएंगे और प्रोपर पार्किंग व्यवस्था की जाएगी. यहां पर ईको फ्रेन्डली पार्क में फूड गार्डन, प्लेग्राउण्ड, रेस्टोरेंट, बोटिंग की सुविधा, पाथवे निर्माण, वाॅच टावर, हाईमास्ट एवं सोलर लाईट लगाने के कार्य, काॅटेज का निर्माण कर यहां आने वाले सैलानियों को बेहतर से बेहतर सुविधा एवं परिवेश देने की कोशिश की जाएगी.''Collector Kuldeep Sharma made preparations

कलेक्टर करेंगे मॉनिटरिंग : कलेक्टर ने कहा कि '' जो भी प्लान बनाए गए हैं. उसे जल्द ही क्रियान्वयन में लाया जाएगा. हम लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं और हमने निरीक्षण भी किया है. जब यह एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो जाएगा तो बालोद जिला ही नहीं बल्कि आसपास के जिले और पूरे प्रदेश में तांदुला जलाशय को एक अलग पहचान मिलेगी.

वर्ष 2012 में शताब्दी सामारोह : कलेक्टर के मुताबिक जिले की जनता यह चाहती है कि तांदुला (Tandula reservoir )का नाम जीवंत हो जाए . यहां पर कई आयोजन भी होने चाहिए. 1912 में इस बांध का निर्माण हुआ था और वर्ष 2012 में इसका शताब्दी समारोह मनाया गया था. इस समय यह बात उठी थी कि इसे एक बेहतरीन प्रोजेक्ट के रूप में सामने लाया जाए .यहां पर हर साल आयोजन होने चाहिए.''

ये भी पढ़ें- बालोद में राउत नाचा महोत्सव का आयोजन

कब हुआ तांदुला जलाशय का निर्माण : तांदुला जलाशय तांदुला नदी और सूखा नाला के संगम पर बालोद जिले में स्थित छत्तीसगढ़ की पहली नदी परियोजना है. इसका निर्माण ब्रिटिश अभियंता एडम स्मिथ के मार्गदर्शन में साल 1905 से 1912 के बीच पूरा हुआ. 1912 में तांदुला जलाशय का निर्माण हुआ. साल 2012 में तांदुला जलाशय का शताब्दी समारोह मनाया गया.तांदुला बांध की अधिकतम ऊंचाई 24.53 मीटर और लंबाई 2906.43 मीटर है. बांध के दो सहायक बांधों की ऊंचाई 6.61 मीटर और 2.83 मीटर है. वहीं लंबाई 668.42 और 426.70 मीटर है. जलाशय से आस-पास के करीब 23,001 हेक्टेयर कृषि जमीन की सिंचाई हो पाती है.

बालोद के तांदुला जलाशय का होगा कायाकल्प

बालोद : तांदुला जलाशय बालोद जिले के साथ साथ दूसरे जिलों के लिए भी जीवनदायिनी का काम करता है.इस जलाशय के पानी का इस्तेमाल तीन जिले के लोग करते हैं.बावजूद इसके निर्माण के बाद से अब तक इस जलाशय के रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया गया.जिसके कारण जलाशय उपेक्षित रहा है.लेकिन अब जिले के कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने इसे संवारने का बीड़ा उठाया है. Balod Tandula reservoir rejuvenated plan


कैसे होगा कायाकल्प : कलेक्टर कुलदीप शर्मा (Collector Kuldeep Sharma) के मुताबिक '' तांदुला जलाशय बालोद जिले के लिए एक संजीवनी की तरह है. जल संसाधन को संवारना हमारी जिम्मेदारी है. यहां पर जलाशय को संवारने प्लानिंग की जा रही है. यहां झोपड़ी बनाए जाएंगे. टेंट हाउस बनाए जाएंगे और प्रोपर पार्किंग व्यवस्था की जाएगी. यहां पर ईको फ्रेन्डली पार्क में फूड गार्डन, प्लेग्राउण्ड, रेस्टोरेंट, बोटिंग की सुविधा, पाथवे निर्माण, वाॅच टावर, हाईमास्ट एवं सोलर लाईट लगाने के कार्य, काॅटेज का निर्माण कर यहां आने वाले सैलानियों को बेहतर से बेहतर सुविधा एवं परिवेश देने की कोशिश की जाएगी.''Collector Kuldeep Sharma made preparations

कलेक्टर करेंगे मॉनिटरिंग : कलेक्टर ने कहा कि '' जो भी प्लान बनाए गए हैं. उसे जल्द ही क्रियान्वयन में लाया जाएगा. हम लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं और हमने निरीक्षण भी किया है. जब यह एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो जाएगा तो बालोद जिला ही नहीं बल्कि आसपास के जिले और पूरे प्रदेश में तांदुला जलाशय को एक अलग पहचान मिलेगी.

वर्ष 2012 में शताब्दी सामारोह : कलेक्टर के मुताबिक जिले की जनता यह चाहती है कि तांदुला (Tandula reservoir )का नाम जीवंत हो जाए . यहां पर कई आयोजन भी होने चाहिए. 1912 में इस बांध का निर्माण हुआ था और वर्ष 2012 में इसका शताब्दी समारोह मनाया गया था. इस समय यह बात उठी थी कि इसे एक बेहतरीन प्रोजेक्ट के रूप में सामने लाया जाए .यहां पर हर साल आयोजन होने चाहिए.''

ये भी पढ़ें- बालोद में राउत नाचा महोत्सव का आयोजन

कब हुआ तांदुला जलाशय का निर्माण : तांदुला जलाशय तांदुला नदी और सूखा नाला के संगम पर बालोद जिले में स्थित छत्तीसगढ़ की पहली नदी परियोजना है. इसका निर्माण ब्रिटिश अभियंता एडम स्मिथ के मार्गदर्शन में साल 1905 से 1912 के बीच पूरा हुआ. 1912 में तांदुला जलाशय का निर्माण हुआ. साल 2012 में तांदुला जलाशय का शताब्दी समारोह मनाया गया.तांदुला बांध की अधिकतम ऊंचाई 24.53 मीटर और लंबाई 2906.43 मीटर है. बांध के दो सहायक बांधों की ऊंचाई 6.61 मीटर और 2.83 मीटर है. वहीं लंबाई 668.42 और 426.70 मीटर है. जलाशय से आस-पास के करीब 23,001 हेक्टेयर कृषि जमीन की सिंचाई हो पाती है.

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