बालोद: पुलिस को एटीएम के जरिए ठगी करने वाले आरोपियों को पकड़ने में कामयाबी मिली है. पुलिस ने अंतर्राज्यीय कार्रवाई करते हुए झारखंड के जामताड़ा से 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पूरा गिरोह एक कंपनी की तरह काम कर था. सभी की अपनी एक अलग-अलग भूमिका में काम बंटा हुआ था. सभी शहरी इलाकों से दूर जंगलों और बीहडों के बीच रहकर ठगी को अंजाम दे रहे थे.
आरोपी बीहड़ इलाके में बैठकर पूरे देश में एटीएम की ठगी कर रहे थे. आरोपियों को बालोद पुलिस ने धर दबोचा है. बालोद पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार एटीएम कार्ड नवीनीकरण करने के नाम पर भोले-भाले लोगों को कॉल कर ठगी के शिकार बना रहे थे. इन आरोपियों ने गुंडरदेही थाना इलाके के एक शिक्षक से 5 लाख 47 हजार की ठगी की थी. पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया था. जांच के दौरान झारखंड से ठगी किए जाने की बात सामने आई थी.
सामानों की हुई जब्ती
आरोपियों के पास से पुलिस ने 4 नग मोबाइल सेट, 4 नग सिम कार्ड, लाखों रुपए की लेनदेन वाली 3 नग बैंक पासबुक, 6 नग एटीएम कार्ड, 1500 रुपए नगद बरामद किए हैं. बालोद पुलिस की सक्रियता और त्वरित कार्रवाई से 2 लाख 50 हजार रुपए प्रार्थी के खाते में पूर्व में ही वापस कराया गया था. आरोपियों को पकड़ने के लिए बालोद पुलिस टीम को जामताड़ा झारखंड रवाना किया गया था. पुलिस ने जामताड़ा में 9 से 10 दिन तक कैंप लगाकर ग्रामीण वेशभूषा में रहकर संदिग्धों पर निगरानी की थी. आरोपियों को खोजने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.
इन आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
बालोद पुलिस ने मामले में अयूब अंसारी, शमशेर अंसारी, साजिद अंसारी, मोहम्मद यूसुफ अंसारी, हारुन अंसारी को जामताड़ा झारखंड से गिरफ्तार किया है. सभी आरोपी झारखंड के रहने वाले हैं. गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते हैं, लेकिन फिलहाल आलीशान घरों में रहते हैं और महंगे शौक पूरा करते हैं.
साइबर क्राइम से बचने के लिए बरतें सावधानी-
- कोई भी वाहन/मोबाइल/अन्य सामान को खरीदते एवं बेचते समय सावधानी बरतें.
- वाहन/मोबाइल/अन्य सामान पसंद आने पर तत्काल भुगतान न करें. एडवांस रकम के नाम पर आपसे धोखाधड़ी हो सकती है.
- ओएलएक्स/क्विकर आदि पर पुलिस/आर्मी/अर्धसैनिक बल के सुरक्षाकर्मी के पहचान पत्र के नाम पर ठगी की जा रही है, तत्काल विश्वास न करें.
- पुलिस/आर्मी/अर्धसैनिक बल के सुरक्षाकर्मी के फोटो का भी उपयोग व्हाट्सएप नंबर पर ठग करते हैं, इसलिए उनके नंबर की भी जांच पड़ताल करने के बाद ही खरीद-बिक्री करें. वीडियो कॉल/प्रत्यक्ष रूप से देखकर सामान खरीदी करें.
- ओएलएक्स/क्विकर आदि पर खरीद-बिक्री के लिए पोस्ट किए गए वाहन/मोबाइल/अन्य सामान की केवल फोटो देखकर सौदा न करें, सामान को जांच-परखकर ही लेनदेन करें.
- ओएलएक्स/क्विकर पर वाहन बेचते/खरीदते समय किसी रकम के भुगतान के लिए किसी लिंक पर क्लिक, ऑनलाइन पेमंट न करें. 1 रुपये, 10 रुपये के भुगतान के नाम पर लिंक/क्यू.आर कोड भेजकर आप के साथ ठगी हो सकती है.
- ऑनलाइन सामान खरीदते समय कैश ऑन डिलीवरी विकल्प का ही उपयोग करें.
- कम कीमत, आकर्षक मूल्य के झांसे में ना आएं.
इस तरह से आप हो सकते हैं ऑनलाइन ठगी का शिकार
- एटीएम फ्रॉड: साइबर ठग एटीएम पिन जनरेट करने के नाम से या फिर कस्टमर केयर के नाम से लोगों को फोन करते हैं और कहते हैं कि आपका एटीएम कार्ड जल्दी ही बंद होने वाला है और आप अपना एटीएम नंबर बताइए, जिससे हम आपके एटीएम कार्ड को रीएक्टिवेट कर दें. इससे लोग घबरा जाते हैं और अपना कार्ड नंबर साइबर ठगों को दे देते हैं, जिससे वे आसानी से बैंक में जमा पैसे निकाल लेते हैं.
- बैंकिंग फ्रॉड: साइबर ठग बैंक मैनेजर बनकर लोगों को फोन करते हैं और अकाउंट क्लोज होने का डर बताकर रिएक्टिवेट कराने को कहते हैं. इसके लिए ठग अकाउंट नंबर मांगते हैं और सारा जमा पैसा निकालकर खाता खाली कर देते हैं.
- लिंक फ्रॉड: कई बार लोगों के मोबाइल में मैसेज के माध्यम से एक लिंक आता है जिसमें कहा जाता है कि आपके नंबर ने प्राइस मनी जीता है और इस लिंक पर क्लिक कर आप उस प्राइज मनी को अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं. जिसके बाद लोग लालच में लिंक पर क्लिक करते हैं और लोगों के अकाउंट की डिटेल साइबर ठग के पास पहुंच जाती है. इस तरह अकाउंट खाली हो जाता है.
- विज्ञापन फ्रॉड: कई बार साइबर ठगों द्वारा फर्जी विज्ञापन सोशल मीडिया में फैला दिया जाता है. लोग लुभावने विज्ञापन देखकर विज्ञापन में दिए गए नंबर पर फोन लगाते हैं और अपना निजी डाटा उनके साथ शेयर कर देते हैं जिससे उनके अकाउंट में रखा सारा पैसा ठग निकाल लेते हैं.
- फ्रॉड कॉल: साइबर ठग द्वारा कई बार रैंडम लोगों को फोन किया जाता है और स्कीम बताई जाती है और लोगों की दिलचस्पी देखते हुए स्कीम में मिलने वाला अमाउंट भी ज्यादा बताया जाता है, जिससे लोग लालच में आकर अपने फोन या अकाउंट का निजी डाटा ठगों के साथ शेयर कर देते हैं जिससे साइब ठग उन्हें आसानी से अपना शिकार बना लेते है.