बालोद: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के चुनावी दंगल में सभी दलों ने ताकत झोंक दी है. इस बीच बालोद विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा भी चुनाव प्रचार में जुटी हुई है. भाजयुमो बूथ और मंडल स्तर पर काम कर रहा है. हाल ही में हुई विधानसभा संयोजक एवं सहसंयोजकों की नियुक्तियों को लेकर युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति है.
क्या है पूरा मामला: हाल ही में प्रदेश के भारतीय जनता युवा मोर्चा ने विधानसभा संयोजक एवं सहसंयोजकों की नियुक्ति विधानसभा स्तर पर की है. संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की बात करें, तो 5 सालों से बैठकों से नदारद रहे अमित चोपड़ा को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है. ऐसे में देखना यह है कि क्या युवा मोर्चा के कार्यकर्ता नए पदाधिकारियों की बात मानेंगे या नहीं. क्योंकि सक्रिय कार्यकर्ताओं को तरजीह नहीं देने से अगर कार्यकर्ता नाराज हो जाते हैं, तो युवा मोर्चा का यह दांव बीजेपी पर भारी पड़ सकता है.
आज से भाजयुमो की बैठकें हुई शुरू: भारतीय जनता युवा मोर्चा के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आज से विधानसभा स्तर पर बैठकें शुरू हो चुकी हैं. युवा मोर्चा द्वारा नियुक्त अमित चोपड़ा और मोरध्वज साहू जिले की राजनीति से लगभग दूर ही रहे हैं. ऐसे नए पदाधिकारी आज बैठक लेने कार्यकर्ताओं के बीच जाएंगे. अब कार्यकर्ताओं के मन में सवाल है कि आखिर जो इतने समय से नदारद रहे, उन्हें फिर से क्यों जिम्मेदारी दी गई है.
छत्तीसगढ़ में चुनाव दो चरणों में होने जा रहा है. बालोद जिले की सभी सीटों पर दूसरे चरण के तहत 17 नवंबर को मतदान होना है. अब सवाल यह उठता है कि पिछले 5 साल से नदारद रहे नेता अचानक कार्यकर्ताओं के बीच प्रकट होकर हवा का रूख बदल पाएंगे. इसका क्या असर देखने को मिलेगा या फिर बहुत कुछ बिगड़ जाएगा. फिलहाल इन नियुक्तियों को लेकर बालोद में चर्चा तेज है.