बालोद: बालोद की जीवनदायिनी तांदुला जलाशय आसपास के जिलों के लिए भी सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. भारी बारिश के कारण तांदुला जलाशय उफान पर है. यह जलाशय सेफ्टी वॉल से ओवरफ्लो होने लगा है. ओवरफ्लो होने से यहां पर मनोरम दृश्य देखने को मिल रहा है. पूरे बालोद जिले सहित आसपास के जिलों से लोग इस मनोरम दृश्य का आनंद लेने के लिए पहुंच रहे हैं. साल 2018 में 28 अगस्त को जलाशय ओवर फ्लो हुआ था, जिसके बाद आज फिर ये नजारा लोगों को देखने को मिल रहा है.
क्यों कहते हैं जीवनदायिनी: बालोद जिला मुख्यालय से सटे इस विशाल तांदुला जलाशय को जीवनदायिनी जलाशय कहा जाता है. यह जलाशय बालोद जिले के अलावा दुर्ग, राजनांदगांव, बेमेतरा, भिलाई जैसे बड़े जिलों के लोगों को पेयजल की आपूर्ति करता है. यही वजह है कि तांदुला जलाशय को जीवनदायिनी कहा जाता है. इस जलाशय को सुख समृद्धि का परिचायक भी माना जाता है.
दूर-दूर से आ रहे पर्यटक: वर्षों बाद ऐसा नजारा देखने को मिल रहा है, जब तांदुला जलाशय में पर्याप्त जलभराव है. यहां जलभराव शत प्रतिशत हो चुका है. बाकी पानी ओवरफ्लो हो रहा है. यहां दो बड़े जलाशय हैं. एक को तांदुला जलाशय कहा जाता है. दूसरे को सूखा जलाशय कहा जाता है. जब दोनों जलाशयों में जल भरा होता है तब ओवरफ्लो से खूबसूरत झरने का निर्माण होता है. इस खूबसूरत झरने को देखने पूरे जिले भर से लोग यहां पहुंच रहे हैं.
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4 साल बाद हुआ ओवरफ्लो: तांदुला जलाशय 4 साल बाद ओवरफ्लो हुआ है. साल 2018 में 28 अगस्त को यहां ओवरफ्लो शुरू हुआ था. उसके बाद से इतनी अच्छी बारिश नहीं हुई थी कि तांदुला में पर्याप्त जलभराव हो पाए.
बीते कुछ वर्षों में हुए बदलाव: बीते तीन वर्षों में तांदुला जलाशय में काफी कुछ बदलाव हुआ है. सेफ्टी वॉल को सुधारा गया है. मेन गेट जहां से पानी की सप्लाई की जाती है, उस गेट में दरार आ गई थी. जहां से भारी मात्रा में जल रिसाव हो रहा था, जिसे पिछले साल ही सुधारा गया था.
तांदुला जलाशय की खास बातें
- जल ग्रहण क्षेत्र 827.91 वर्ग किलोमीटर
- पूर्ण संग्रहण क्षमता 312.18 मि.घन मीटर
- सक्रिय क्षमता 302.31 मि.घन मीटर
- सूखा नाला बांध की लंबाई 2621.28 मीटर
- तांदुला नदी बांध की लंबाई 1798.32 मीटर