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बालोद में लंपी वायरस के कारण पशु मेले पर रोक

बालोद जिला प्रशासन ने लंपी वायरस के खतरे को देखते हुए जानवरों के मेले पर प्रतिबंध लगाया है.

Animal fair banned due to lumpy virus in Balod
बालोद में लंपी वायरस के कारण पशु मेले पर रोक
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Published : Aug 11, 2022, 1:25 PM IST

Updated : Aug 11, 2022, 4:06 PM IST

बालोद : जिले के दो प्रसिद्ध मवेशी बाजार में इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है. वजह है लंपी वायरस जिसने देश के कई राज्यों में अपना असर दिखाया (Animal fair banned due to lumpy virus in Balod) है. लंपी वायरस के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन करहीभदर के साथ खेरथा बाजार को बंद रखने का फैसला लिया है. इन दोनों ही बाजारों में पशुओं की बिक्री होती थी.लेकिन इस बार वायरस ने पशुपालकों को निराश किया ( effect of lumpy virus in balod) है.


दूसरे जिलों से पशुओं के परिवहन पर रोक : यही नहीं प्रशासन ने दूसरे जिलों से पशुओं के आवागमन को भी प्रतिबंधित कर दिया है.यानि बालोद जिले में किसी दूसरे जिले के पशुओं को नहीं लाया जा सकता. आपको बता दें कि राज्य सरकार से मिले निर्देश के बाद यह सर्कुलर जारी किया गया है.बालोद कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डॉ गौरव कुमार सिंह ने आदेश जारी कर कहा है कि राजस्थान और गुजरात राज्य में संक्रामक बीमारी लम्पी स्किन डिसीज फैल चुका है. बीमारी व्यापारियों के माध्यम से लाए गए पशु से रोग ग्रस्त हो सकते हैं और पशुओं से बीमारी फैला सकते (Alert regarding lumpy virus in Balod) हैं.

कहां लगते थे ये पशु बाजार : जारी सर्कुलर को ध्यान में रखते हुए बालोद जिले में संचालित साप्ताहिक पशु बाजार ग्राम करहीभदर विकासखंड बालोद और ग्राम खेरथाबाजार विकासखंड डौंडीलोहारा को तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक बंद किया गया है. मवेशी बाजार करहीभदर में सोमवार एवं मंगलवार को मेला लगता था. जहां पर पूरे बस्तर अंचल सहित दीगर राज्यों से भी मवेशियों को लाया जाता था. पैदल ही इन मवेशियों को ले जाया जाता था. आपको बता दें कि यह बाजार पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है.

क्या है लंपी वायरस : सामान्यतः पशुओं में होने वाली लंपी स्किन डिजीज एक संक्रामक बीमारी है. ये बीमारी बहुत ही तेजी से फैलती है. इसके वाहक मच्छर, मक्खी, जूं हैं. लंपी से ग्रसित जानवर को परजीवियों के काटने के बाद जब वो दूसरे जानवरों को काटते हैं. तो उनके खून से वायरस दूसरे जानवरों के शरीर में प्रवेश कर जाता है. ये बीमारी सीधे संपर्क में आने से भी फैलता है. इसके अलावा ये बीमारी दूषित भोजन से भी जानवरों में फैलती है. इस बीमारी से पशुओं के मृत्यु होने का भय भी बना रहता है.

बालोद : जिले के दो प्रसिद्ध मवेशी बाजार में इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है. वजह है लंपी वायरस जिसने देश के कई राज्यों में अपना असर दिखाया (Animal fair banned due to lumpy virus in Balod) है. लंपी वायरस के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन करहीभदर के साथ खेरथा बाजार को बंद रखने का फैसला लिया है. इन दोनों ही बाजारों में पशुओं की बिक्री होती थी.लेकिन इस बार वायरस ने पशुपालकों को निराश किया ( effect of lumpy virus in balod) है.


दूसरे जिलों से पशुओं के परिवहन पर रोक : यही नहीं प्रशासन ने दूसरे जिलों से पशुओं के आवागमन को भी प्रतिबंधित कर दिया है.यानि बालोद जिले में किसी दूसरे जिले के पशुओं को नहीं लाया जा सकता. आपको बता दें कि राज्य सरकार से मिले निर्देश के बाद यह सर्कुलर जारी किया गया है.बालोद कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डॉ गौरव कुमार सिंह ने आदेश जारी कर कहा है कि राजस्थान और गुजरात राज्य में संक्रामक बीमारी लम्पी स्किन डिसीज फैल चुका है. बीमारी व्यापारियों के माध्यम से लाए गए पशु से रोग ग्रस्त हो सकते हैं और पशुओं से बीमारी फैला सकते (Alert regarding lumpy virus in Balod) हैं.

कहां लगते थे ये पशु बाजार : जारी सर्कुलर को ध्यान में रखते हुए बालोद जिले में संचालित साप्ताहिक पशु बाजार ग्राम करहीभदर विकासखंड बालोद और ग्राम खेरथाबाजार विकासखंड डौंडीलोहारा को तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक बंद किया गया है. मवेशी बाजार करहीभदर में सोमवार एवं मंगलवार को मेला लगता था. जहां पर पूरे बस्तर अंचल सहित दीगर राज्यों से भी मवेशियों को लाया जाता था. पैदल ही इन मवेशियों को ले जाया जाता था. आपको बता दें कि यह बाजार पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है.

क्या है लंपी वायरस : सामान्यतः पशुओं में होने वाली लंपी स्किन डिजीज एक संक्रामक बीमारी है. ये बीमारी बहुत ही तेजी से फैलती है. इसके वाहक मच्छर, मक्खी, जूं हैं. लंपी से ग्रसित जानवर को परजीवियों के काटने के बाद जब वो दूसरे जानवरों को काटते हैं. तो उनके खून से वायरस दूसरे जानवरों के शरीर में प्रवेश कर जाता है. ये बीमारी सीधे संपर्क में आने से भी फैलता है. इसके अलावा ये बीमारी दूषित भोजन से भी जानवरों में फैलती है. इस बीमारी से पशुओं के मृत्यु होने का भय भी बना रहता है.

Last Updated : Aug 11, 2022, 4:06 PM IST
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