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बालोद: सिकंदराबाद से साइकिल चलाकर गुंडरदेही पहुंचे झारखंड के 8 मजदूर

सिकंदराबाद से 8 मजदूर साइकिल से 646 किलोमीटर का सफर तय कर गुंडरदेही पहुंचे हैं. सभी मजदूर झारखंड के रहने वाले हैं और सिकंदराबाद जाकर मजदूरी कर रहे थे.

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गुंडरदेही पहुंचे झारखंड के 8 मजदूर
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Published : May 10, 2020, 2:06 AM IST

बालोद: सिकंदराबाद से 8 मजदूर साइकिल से 6 दिनों में 646 किलोमीटर का सफर तय कर गुंडरदेही पहुंचे हैं. सिकंदराबाद से ये मजदूर शुक्रवार शाम साइकिल से लंबी यात्रा करके झारखंड जाने के लिए निकले थे. गुंडरदेही पहुंचते ही मौसम बिगड़ने की वजह से इन्हें बस स्टैन्ड में ही रुकना पड़ा.

इस बात की जानकारी मिलते ही तहसीलदार अश्वन कुमार पूशाम ने यात्री प्रतीक्षालय पहुंचकर सभी मजदूरों से चर्चा की और उनके खाने-पीने की व्यवस्था कराई. उसके बाद उन्हें दुर्ग के लिए रवाना किया गया. तहसीलदार ने बताया कि यात्री प्रतीक्षालय को सैनेटाइज करवा दिया गया है.

मकान मालिक ने घर से निकाला, तमिलनाडु से परिवार लेकर UP निकल पड़ा शख्स

सभी मजदूर झारखंड के रहने वाले हैं और सिकंदराबाद जाकर मजदूरी कर रहे थे. एसडीओपी दिनेश कुमार सिन्हा और राजस्व एवं पुलिस की टीम द्वारा खाली मालवाहक गाड़ी को रुकवा कर मजदूरों को आगे दुर्ग तक छुड़वाया गया.

इस दौरान देश के कोने-कोने से मजदूरों के पलायन की खबरें सामने आई हैं. कोरोना के दौर में मजदूर वर्ग सबसे ज्यादा परेशान है. बस इस संकट की घड़ी में अपने परिवार के पास जाने की चाह लिए मजदूर मीलों की दूरी तय करने को तैयार हैं. कुछ इसी तरह की खबर सुकमा से भी सामने आई है, जहां मकान मालिक ने घर से निकालने की वजह से तमिलनाडु से परिवार लेकर एक शख्स उत्तरप्रदेश के लिए निकला है. एक मोपेड वाहन पर सवार होकर तमिलनाडु से करीब 1200 किलोमीटर का सफर तय कर सुकमा पहुंचने वाले इस परिवार को अभी उत्तर प्रदेश के इटावा तक का सफर तय करना बाकी है. अब बस यही उम्मीद की जा सकती है कि जल्द से जल्द ये कोरोना संकट खत्म हो और सबकी जिंदगी पटरी पर आ जाए.

बालोद: सिकंदराबाद से 8 मजदूर साइकिल से 6 दिनों में 646 किलोमीटर का सफर तय कर गुंडरदेही पहुंचे हैं. सिकंदराबाद से ये मजदूर शुक्रवार शाम साइकिल से लंबी यात्रा करके झारखंड जाने के लिए निकले थे. गुंडरदेही पहुंचते ही मौसम बिगड़ने की वजह से इन्हें बस स्टैन्ड में ही रुकना पड़ा.

इस बात की जानकारी मिलते ही तहसीलदार अश्वन कुमार पूशाम ने यात्री प्रतीक्षालय पहुंचकर सभी मजदूरों से चर्चा की और उनके खाने-पीने की व्यवस्था कराई. उसके बाद उन्हें दुर्ग के लिए रवाना किया गया. तहसीलदार ने बताया कि यात्री प्रतीक्षालय को सैनेटाइज करवा दिया गया है.

मकान मालिक ने घर से निकाला, तमिलनाडु से परिवार लेकर UP निकल पड़ा शख्स

सभी मजदूर झारखंड के रहने वाले हैं और सिकंदराबाद जाकर मजदूरी कर रहे थे. एसडीओपी दिनेश कुमार सिन्हा और राजस्व एवं पुलिस की टीम द्वारा खाली मालवाहक गाड़ी को रुकवा कर मजदूरों को आगे दुर्ग तक छुड़वाया गया.

इस दौरान देश के कोने-कोने से मजदूरों के पलायन की खबरें सामने आई हैं. कोरोना के दौर में मजदूर वर्ग सबसे ज्यादा परेशान है. बस इस संकट की घड़ी में अपने परिवार के पास जाने की चाह लिए मजदूर मीलों की दूरी तय करने को तैयार हैं. कुछ इसी तरह की खबर सुकमा से भी सामने आई है, जहां मकान मालिक ने घर से निकालने की वजह से तमिलनाडु से परिवार लेकर एक शख्स उत्तरप्रदेश के लिए निकला है. एक मोपेड वाहन पर सवार होकर तमिलनाडु से करीब 1200 किलोमीटर का सफर तय कर सुकमा पहुंचने वाले इस परिवार को अभी उत्तर प्रदेश के इटावा तक का सफर तय करना बाकी है. अब बस यही उम्मीद की जा सकती है कि जल्द से जल्द ये कोरोना संकट खत्म हो और सबकी जिंदगी पटरी पर आ जाए.

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