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SPECIAL: 5 साल से जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे ग्रामीण, कब जागेगा जिला प्रशासन ?

बलरामपुर के ग्राम पंचायत धंधापुर में महान नदी पर बना पुल साल 2015 की बारिश के दौरान टूट गया था. 5 साल बाद भी महानदी पर यहां पुल का निर्माण नहीं हो पाया. बावजूद इसके प्रशासन की नींद अब तक नहीं टूटी है.

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Published : Sep 9, 2020, 8:53 PM IST

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जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे ग्रामीण

बलरामपुर: ग्राम पंचायत धंधापुर के ग्रामीणों को रोजाना जिंदगी दांव पर लगाकर नदी पार करना पड़ता है. लेकिन प्रशासन ने आज तक इनकी गुहार नहीं सुनी. बारिश के दिनों में तो इनका ये सफर और जानलेवा हो जाता है. बावजूद इसके प्रशासन और सरकार ने इनकी इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया. दरअसल, राजपुर विकासखंड का ग्राम पंचायत धंधापुर से लगे छिंदीयाड़ांड़ मार्ग में महानदी पर 2003-04 में लोक निर्माण सेतू विभाग से पुल का निर्माण कराया गया था. लेकिन बाढ़ की वजह से पांच साल पहले यह पुल टूट गया.

खतरे के बीच नदी पार करने को मजबूर ग्रामीण

तीन जिलों को जोड़ता है पुल

ग्रामीणों ने बताया कि पुल के निर्माण से तीन जिले जैसे अंबिकापुर से प्रतापपुर और राजपुर से प्रतापपुर के बीच आवागमन आसान हो गया था, लेकिन पुल के टूट जाने से ग्रामीणों को नदी पार कर जाना पड़ता है. महानदी पर बने इस पुल के निर्माण से आसपास के दर्जनों गांव शहरों से जुड़ चुके थे, जिससे यहां के लोगों का जीवन काफी सुखमय था. लेकिन साल 2015 में बारिश के दौरान यह पुल टूट गया. जिसके बाद से ग्रामीणों के लिए परेशानियों का दौर शुरू हो गया.

पढ़ें- SPECIAL: बंजर जमीन को बनाया उपजाऊ, लहलहाने लगी फसल

नाव से नदी पार कर अस्पताल पहुंचते हैं मरीज

ग्रामीणों ने बताया कि अगर कभी कोई किसी प्रकार की गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो जाता है, तो नदी को पार करके शहर के नजदीकी अस्पतालों की ओर जाना पड़ता है. साथ ही उन्होंने बताया कि दिन में तो किसी तरह से लोग नदी पार करते हैं, लेकिन रात के वक्त नदी को पार करना मुश्किल हो जाता है. जिससे कई बार तो लोग अपनी जान भी गंवा देते हैं.

पढ़ें- बालोद: मोहल्ला क्लास और सब्जी बाजार साथ-साथ, बच्चे कर रहे दिक्कतों का सामना


नाव की भी हालत खराब

गांव के लोग नदी को पार करने के लिए जिस नाव का इस्तेमाल करते हैं वह भी कई जगह से टूट चुकी है, जिससे उसमें मिट्टी का लेप चढ़ाकर नदी को पार करते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि पानी का रिसाव बढ़ने से भविष्य में कभी भी खतरा हो सकता है. उनका कहना है कि शासन-प्रशासन से लिखित और मौखिक रूप से कई बार अपनी परेशानी दर्ज करा चुके हैं. लेकिन 5 साल बाद भी अब तक इस मसले पर प्रशासन ने हल नहीं निकाला.

9 करोड़ की लागत से बन रहा पुल

ETV भारत ने जब जिला प्रशासन से संपर्क किया तो एसडीएम ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि लगभग 9 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण होगा. इसके लिए सर्वे का काम शुरू कराया जाएगा.

बलरामपुर: ग्राम पंचायत धंधापुर के ग्रामीणों को रोजाना जिंदगी दांव पर लगाकर नदी पार करना पड़ता है. लेकिन प्रशासन ने आज तक इनकी गुहार नहीं सुनी. बारिश के दिनों में तो इनका ये सफर और जानलेवा हो जाता है. बावजूद इसके प्रशासन और सरकार ने इनकी इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया. दरअसल, राजपुर विकासखंड का ग्राम पंचायत धंधापुर से लगे छिंदीयाड़ांड़ मार्ग में महानदी पर 2003-04 में लोक निर्माण सेतू विभाग से पुल का निर्माण कराया गया था. लेकिन बाढ़ की वजह से पांच साल पहले यह पुल टूट गया.

खतरे के बीच नदी पार करने को मजबूर ग्रामीण

तीन जिलों को जोड़ता है पुल

ग्रामीणों ने बताया कि पुल के निर्माण से तीन जिले जैसे अंबिकापुर से प्रतापपुर और राजपुर से प्रतापपुर के बीच आवागमन आसान हो गया था, लेकिन पुल के टूट जाने से ग्रामीणों को नदी पार कर जाना पड़ता है. महानदी पर बने इस पुल के निर्माण से आसपास के दर्जनों गांव शहरों से जुड़ चुके थे, जिससे यहां के लोगों का जीवन काफी सुखमय था. लेकिन साल 2015 में बारिश के दौरान यह पुल टूट गया. जिसके बाद से ग्रामीणों के लिए परेशानियों का दौर शुरू हो गया.

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नाव से नदी पार कर अस्पताल पहुंचते हैं मरीज

ग्रामीणों ने बताया कि अगर कभी कोई किसी प्रकार की गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो जाता है, तो नदी को पार करके शहर के नजदीकी अस्पतालों की ओर जाना पड़ता है. साथ ही उन्होंने बताया कि दिन में तो किसी तरह से लोग नदी पार करते हैं, लेकिन रात के वक्त नदी को पार करना मुश्किल हो जाता है. जिससे कई बार तो लोग अपनी जान भी गंवा देते हैं.

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नाव की भी हालत खराब

गांव के लोग नदी को पार करने के लिए जिस नाव का इस्तेमाल करते हैं वह भी कई जगह से टूट चुकी है, जिससे उसमें मिट्टी का लेप चढ़ाकर नदी को पार करते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि पानी का रिसाव बढ़ने से भविष्य में कभी भी खतरा हो सकता है. उनका कहना है कि शासन-प्रशासन से लिखित और मौखिक रूप से कई बार अपनी परेशानी दर्ज करा चुके हैं. लेकिन 5 साल बाद भी अब तक इस मसले पर प्रशासन ने हल नहीं निकाला.

9 करोड़ की लागत से बन रहा पुल

ETV भारत ने जब जिला प्रशासन से संपर्क किया तो एसडीएम ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि लगभग 9 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण होगा. इसके लिए सर्वे का काम शुरू कराया जाएगा.

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