बलरामपुर: ज्येष्ठ मास की अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा (Vat Savitri vrat 2022) जता है. इस दिन महिलाएं वट सावित्री व्रत का पूजन करती है. बलरामपुर के रामानुजगंज में (Vat Savitri vrat in Balrampur) सुहागिन महिलाओं ने वट सावित्री व्रत का पूजन किया. पति की लंबी आयु के लिए बरगद के पेड़ की पूजा की गई. इस दिन महिलाओं ने उपवास रखकर अपने सुहाग की रक्षा की प्रार्थना भगवान से की.
दांपत्य जीवन की खुशहाली के लिए व्रत: बलरामपुर के रामानुजगंज में सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की लंबी आयु के लिए बरगद के पेड़ की पूजा की. साथ ही उपवास व्रत रखकर पति के अच्छे स्वास्थ्य और दाम्पत्य जीवन में खुशहाली सुख-समृद्धि की कामना की. सोमवती अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत करने का विधान है. इस दिन को हिंदू धर्म में प्रमुख मान्यता मिली हुई है. इस दिन वट सावित्री व्रत करने से दाम्पत्य जीवन में खुशहाली आती है.
सदा सुहागन रहने की कामना की: बता दें कि रामानुजगंज शहर में आज सुबह से ही बड़ी संख्या में सुहागिन महिलाएं मंदिरों और देवालयों में पहुंची. तथा पूजा अर्चना की. महिलाओं ने बरगद के पेड़ की पूजा करते हुए सदा सुहागन रहने तथा अपने परिवार के सुख-समृद्धि की कामना भी की. शहर के शिव मंदिर तथा कन्हर नदी के किनारे प्राचीन बरगद पेड़ की पूजा अर्चना की गई.
ज्येष्ठ मास की अमावस्या को रखा जाता है वट सावित्री व्रत: वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ महीने की अमावस्या को रखा जाता है. इस बार यह सोमवती अमावस्या है. मान्यता है कि आज के दिन बरगद के वृक्ष की पूजा करने से पति को लंबी आयु मिलती है. इसके साथ ही दाम्पत्य जीवन सुखमय और खुशियों से भरा रहता है.
तातापानी में महिलाओं ने किया वट सावित्री व्रत: जिले के प्रसिद्ध धार्मिक सांस्कृतिक स्थल तातापानी में भी आज धूमधाम से वट सावित्री का पर्व मनाया गया. आसपास क्षेत्र में रहनी वाली महिलाओं ने तातापानी शिव मंदिर में मौजूद बरगद के पेड़ की विधि-विधान से पूजा अर्चना की. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ बरगद के पेड़ की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और अखंड सौभाग्य मिलता है. इसके अलावा संतान प्राप्ति के लिए भी बरगद के पेड़ की पूजा करने से लाभ मिलता है.