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लापरवाही : नर्स ने छुआछूत के कारण नहीं काटा महिला का गर्भनाल, बोली-काटूंगी तो नहाना पड़ेगा - गर्भनाल

बलरामपुर जिले में पंडो जाति की महिला ने अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में बच्चे को जन्म दिया. जब अस्पताल पहुंची महिला तब नर्स ने अछूत कहकर गर्भनाल काटने से इंकार करते हुए अस्पताल के दरवाजे पर ताला लगा दिया.

Mahadevpur Sub Health Center
महादेवपुर उप स्वास्थ्य केंन्द्र
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Published : Sep 17, 2021, 11:31 AM IST

बलरापुर : बलरामपुर जिले के महादेवपुर से स्वास्थ्य विभाग (health Department)की बड़ी लापरवाही सामने आयी है. दरअसल, महादेवपुर उप स्वास्थ्य केंन्द्र (sub health center) में एक पंडो जनजाति (Pando tribe) की महिला का प्रसव के बाद नर्स ने गर्भनाल (umbilical cord) काटने से इंकार कर दिया. इतना ही नहीं नर्स ने ये कहते हुए अस्पताल (Hospital) के दरवाजे पर ताला लगा दिया पीड़ित महिला पंडो जनजाति से है और इसका गर्भनाल काटने के बाद उसे नहाना पड़ेगा.

मामला उजागर होने के बाद अस्पताल में हड़कंप

वहीं, पीड़ित महिला तकरीबन 2 घंटे अस्पताल में इंतजार करती रही लेकिन नर्स ने ये कहते हुए गर्भनाल काटने से इंकार कर दिया कि वो ड्यूटी पर आई है और नाल काटने के बाद उसे नहाना पड़ेगा. आखिर में कोई कार्रवाई नहीं होते देख बिना नाल कटवाए ही पीड़ित प्रसूता के साथ परिजन गांव वापस आ गए. गांव में परिजनों ने ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों से अपनी पीड़ा बयां कि जिसकी जानकारी उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दी. अधिकारियों ने आनन-फानन में पीड़िता को रामानुजगंज सिविल अस्पताल में भर्ती कराया. वहीं, मामला उजागर होने के बाद अस्पताल विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. बता दें कि लगातार यहां पंडो जनजाति के साथ अमानवीय घटनाएं सामने आती रहती है. वहीं, एक बार फिर इस तरह की घटना से सभी आश्चर्य में है. फिलहाल जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आनन-फानन में प्रसूता को रामानुजगंज सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया है.

पीड़िता दो घंटे तक करती रही अस्पताल में इंतजार

वहीं, पीड़िता की मानें तो बच्चे की नाल काटने से नर्स ने यह कहते हुए इंकार कर कि मैं अभी नहाकर ड्यूटी पर आई हूं और नाल काटने के बाद दोबारा नहाना पड़ेगा. हालांकि पीड़िता के परिजन तकरीबन दो घंटे अस्पताल में नाल काटे जाने का इंतजार करते रहे. हालांकि नर्स ने अस्पताल में ताला जड़ दिया और आखिर में कोई कार्रवाई नहीं होते देख बिना नाल कटवाए ही प्रसूता के साथ परिजन गांव वापस आ गए. इधर, गांव में परिजनों ने ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों से अपनी पीड़ा बयां कि जिसकी जानकारी उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दी. जिसके बाद अधिकारियों ने आनन-फानन में पीड़िता को रामानुजगंज सिविल अस्पताल में भर्ती कराया.

बलरापुर : बलरामपुर जिले के महादेवपुर से स्वास्थ्य विभाग (health Department)की बड़ी लापरवाही सामने आयी है. दरअसल, महादेवपुर उप स्वास्थ्य केंन्द्र (sub health center) में एक पंडो जनजाति (Pando tribe) की महिला का प्रसव के बाद नर्स ने गर्भनाल (umbilical cord) काटने से इंकार कर दिया. इतना ही नहीं नर्स ने ये कहते हुए अस्पताल (Hospital) के दरवाजे पर ताला लगा दिया पीड़ित महिला पंडो जनजाति से है और इसका गर्भनाल काटने के बाद उसे नहाना पड़ेगा.

मामला उजागर होने के बाद अस्पताल में हड़कंप

वहीं, पीड़ित महिला तकरीबन 2 घंटे अस्पताल में इंतजार करती रही लेकिन नर्स ने ये कहते हुए गर्भनाल काटने से इंकार कर दिया कि वो ड्यूटी पर आई है और नाल काटने के बाद उसे नहाना पड़ेगा. आखिर में कोई कार्रवाई नहीं होते देख बिना नाल कटवाए ही पीड़ित प्रसूता के साथ परिजन गांव वापस आ गए. गांव में परिजनों ने ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों से अपनी पीड़ा बयां कि जिसकी जानकारी उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दी. अधिकारियों ने आनन-फानन में पीड़िता को रामानुजगंज सिविल अस्पताल में भर्ती कराया. वहीं, मामला उजागर होने के बाद अस्पताल विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. बता दें कि लगातार यहां पंडो जनजाति के साथ अमानवीय घटनाएं सामने आती रहती है. वहीं, एक बार फिर इस तरह की घटना से सभी आश्चर्य में है. फिलहाल जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आनन-फानन में प्रसूता को रामानुजगंज सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया है.

पीड़िता दो घंटे तक करती रही अस्पताल में इंतजार

वहीं, पीड़िता की मानें तो बच्चे की नाल काटने से नर्स ने यह कहते हुए इंकार कर कि मैं अभी नहाकर ड्यूटी पर आई हूं और नाल काटने के बाद दोबारा नहाना पड़ेगा. हालांकि पीड़िता के परिजन तकरीबन दो घंटे अस्पताल में नाल काटे जाने का इंतजार करते रहे. हालांकि नर्स ने अस्पताल में ताला जड़ दिया और आखिर में कोई कार्रवाई नहीं होते देख बिना नाल कटवाए ही प्रसूता के साथ परिजन गांव वापस आ गए. इधर, गांव में परिजनों ने ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों से अपनी पीड़ा बयां कि जिसकी जानकारी उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दी. जिसके बाद अधिकारियों ने आनन-फानन में पीड़िता को रामानुजगंज सिविल अस्पताल में भर्ती कराया.

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