ETV Bharat / state

Balrampur News: आजादी के बाद पहली बार बलरामपुर के पुंडांग में सड़क निर्माण

छत्तीसगढ़ के बालरामपुर जिले में आजादी के बाद नक्सल प्रभावित पुंडांग में पहली बार सड़क का निर्माण किया जा रहा है. असामाजिक तत्वों से बाधा के कारण, सड़कें और बुनियादी ढांचा पहले यहां नहीं बनाया जा सकता था, लेकिन अब यहां एक सड़क बना रहे हैं. बलरामपुर कलेक्टर विजय दयाराम के ने यह बात कही.

Road construction in Pundang of Balrampur
बलरामपुर के पुंडांग में सड़क निर्माण
author img

By

Published : Jan 25, 2023, 12:45 PM IST

पहली बार बलरामपुर के पुंडांग में सड़क निर्माण

बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से झारखंड को जोड़ने के लिए नक्सल प्रभावित इलाके में 22 किलोमीटर की सड़क बनाई जा रही है. सड़क निर्माण की सुरक्षा के लिए पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की ड्यूटी लगाई गई है. इस सड़क के निर्माण के बाद गांव के लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है. गांव तक स्वास्थ्य व अन्य जरूरी सुविधाएं पहुंच सकेंगी.

बंदरचुआ से पुंडांग तक सड़क का निर्माण शुरू: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के नक्सल प्रभावित बंदरचुआ से पुंडांग तक सड़क का निर्माण शुरू हो चुका है. ये वही इलाका है, जहां से कुछ किलोमीटर पर झारखंड का लातेहार जिले का बूढ़ापहाड़ है. बूढ़ापहाड़ को नक्सलियों का ठिकाना कहा जाता है. छत्तीसगढ़ के सामरी पाठ थाना क्षेत्र का अंतिम गांव पुंडांग है. यहां के लोग कई परेशानियों का समाना करते हैं. नक्सलियों के उत्पात के कारण गांव के लोग प्रशासन के पास आकर दूसरी जगह बसाने की अपील कर चुके हैं.

यह भी पढ़ें: Hath se Hath Jodo Padyatra: दुर्ग में मंत्री रूद्र गुरु ने तैयारियों को लेकर कार्यकर्ताओं की बैठक ली

सड़क नहीं होने से हैं तमाम समस्याएं: सड़क का अंतिम पड़ाव भुताही से पुंडांग तक है. यहां पुलिस और सीआरपीएफ के सैनिकों की सुरक्षा में सड़क निर्माण कार्य चल रहा है. सड़क नहीं होने के कारण गांव में कई समस्याएं हैं. मसलन घर में अगर कोई बीमार हो या गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाना हो तो सड़क न होना सबसे बड़ी बाधा है. ऐसे में सड़क बनने से लोगों को परेशानियों से छुटकारा मिलेगा. छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से झारखंड पहुंचना भी आसान हो जाएगा.

नक्सलियों के सफाए के बाद विकास ने पकड़ी रफ्तार
पूर्व में नक्सली घटनाओं के चलते इस क्षेत्र में विकास कार्यो की गति थोड़ी धीमी हो गई थी, लेकिन पिछले चार वर्षो में यहां 24 किलोमीटर में चार कैंप स्थापित किए गए हैं. ये कैंप सबाग, बंदरचुआं, भुताही और पुंदाग में लगाए गए हैं. इन कैंप को खोलने में राज्य सरकार ने पूरी सहायता उपलब्ध कराई है. यहां पर जवानों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कई बोर कराए गए हैं. कैंप खुलने का नतीजा ये हुआ कि यहां से नक्सली घटनाएं एकदम शून्य की ओर है और इलाके में विकास कार्य तेजी से शुरू हो गया है.

पहली बार बलरामपुर के पुंडांग में सड़क निर्माण

बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से झारखंड को जोड़ने के लिए नक्सल प्रभावित इलाके में 22 किलोमीटर की सड़क बनाई जा रही है. सड़क निर्माण की सुरक्षा के लिए पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की ड्यूटी लगाई गई है. इस सड़क के निर्माण के बाद गांव के लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है. गांव तक स्वास्थ्य व अन्य जरूरी सुविधाएं पहुंच सकेंगी.

बंदरचुआ से पुंडांग तक सड़क का निर्माण शुरू: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के नक्सल प्रभावित बंदरचुआ से पुंडांग तक सड़क का निर्माण शुरू हो चुका है. ये वही इलाका है, जहां से कुछ किलोमीटर पर झारखंड का लातेहार जिले का बूढ़ापहाड़ है. बूढ़ापहाड़ को नक्सलियों का ठिकाना कहा जाता है. छत्तीसगढ़ के सामरी पाठ थाना क्षेत्र का अंतिम गांव पुंडांग है. यहां के लोग कई परेशानियों का समाना करते हैं. नक्सलियों के उत्पात के कारण गांव के लोग प्रशासन के पास आकर दूसरी जगह बसाने की अपील कर चुके हैं.

यह भी पढ़ें: Hath se Hath Jodo Padyatra: दुर्ग में मंत्री रूद्र गुरु ने तैयारियों को लेकर कार्यकर्ताओं की बैठक ली

सड़क नहीं होने से हैं तमाम समस्याएं: सड़क का अंतिम पड़ाव भुताही से पुंडांग तक है. यहां पुलिस और सीआरपीएफ के सैनिकों की सुरक्षा में सड़क निर्माण कार्य चल रहा है. सड़क नहीं होने के कारण गांव में कई समस्याएं हैं. मसलन घर में अगर कोई बीमार हो या गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाना हो तो सड़क न होना सबसे बड़ी बाधा है. ऐसे में सड़क बनने से लोगों को परेशानियों से छुटकारा मिलेगा. छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से झारखंड पहुंचना भी आसान हो जाएगा.

नक्सलियों के सफाए के बाद विकास ने पकड़ी रफ्तार
पूर्व में नक्सली घटनाओं के चलते इस क्षेत्र में विकास कार्यो की गति थोड़ी धीमी हो गई थी, लेकिन पिछले चार वर्षो में यहां 24 किलोमीटर में चार कैंप स्थापित किए गए हैं. ये कैंप सबाग, बंदरचुआं, भुताही और पुंदाग में लगाए गए हैं. इन कैंप को खोलने में राज्य सरकार ने पूरी सहायता उपलब्ध कराई है. यहां पर जवानों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कई बोर कराए गए हैं. कैंप खुलने का नतीजा ये हुआ कि यहां से नक्सली घटनाएं एकदम शून्य की ओर है और इलाके में विकास कार्य तेजी से शुरू हो गया है.

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.