बलरामपुर: रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार उन्होंने सहकारी बैंक कर्मचारी को सरेआम थप्पड़ मार दिया. थप्पड़बाजी से छाए बृहस्पति सिंह का चर्चा में बने रहने का सिलसिला कोई नया नहीं है. माना जाता है कि बृहस्पति सिंह और विवाद एक दूसरे के पर्याय है. बृहस्पति सिंह 2013 में भाजपा के कद्दावर आदिवासी नेता रामविचार नेताम को हराकर पहली बार रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने.
एसपी के खिलाफ धरने पर बैठे: फरवरी 2023 में रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह ने अंबिकापुर के युवकों पर बलरामपुर में पटवारी और अन्य लोगों के साथ मारपीट करने के मामले में एसपी मोहित गर्ग पर दंगा भड़काने का आरोप लगाया था. अपने समर्थकों के साथ वे एसपी के खिलाफ सड़क पर धरने पर बैठ गए. एसपी को बर्खास्त करने की मांग तक उन्होंने कर दी थी.
टीएस सिंहदेव पर हमला करने का आरोप: जुलाई 2021 में विधायक बृहस्पति सिंह के काफिले पर अंबिकापुर जाने के दौरान पत्थर से हमला हुआ था. इस घटना के बाद बृहस्पति सिंह ने मीडिया के सामने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाते हुए बयान दिया कि टीएस सिंहदेव के लोगों ने उनपर हमला किया है, उनकी हत्या कराई जा सकती हैं.
डिप्टी कलेक्टर और SDM से हो चुका है विवाद: साल 2021 में रामानुजगंज में पदस्थ तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर के साथ फोन पर गाली गलौज करने और धमकी देते हुए विधायक और डिप्टी कलेक्टर के बीच बातचीत का वीडियो वायरल हुआ था. बृहस्पति सिंह ने इसे अपने खिलाफ भाजपा नेता रामविचार नेताम की साजिश करार देते हुए ऑडियो को फर्जी बताया था. कांग्रेस विधायक ने रामानुजगंज के तत्कालीन SDM और तहसीलदार के गुमशुदा होने के पोस्टर सोशल मीडिया में वायरल कराए थे.
मेनन पर बृहस्पति सिंह ने लगाए थे आरोप: बृहस्पति सिंह 2013 में पहली बार विधायक बने उस दौरान छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी. 2012 में सरगुजा से अलग होकर बलरामपुर नया जिला बना था. तब तत्कालीन बलरामपुर कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन से भी बृहस्पति सिंह का जमकर विवाद हुआ था. उस दौरान कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन पर बृहस्पति सिंह ने कई गंभीर आरोप लगाए थे.
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विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ की सियासत गर्म: 3 अप्रैल 2023 की दोपहर बृहस्पति सिंह ने सहकारी बैंक के बाहर बैंक को दो कर्मचारियों को सैंकड़ों किसानों की भीड़ के सामने ही थप्पड़ जड़ दिया. अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है. भाजपा इसके जरिए कांग्रेस सरकार को घेर रही है. 2023 में छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव में अब महज 6-7 महीने का वक्त बचा है घटना के बाद बृहस्पति सिंह विवादों के कारण ही सही लेकिन सुर्खियां जरूर बटोर रहे हैं.