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बलरामपुर का 'जीराफूल' एक बार फिर पूरे देश में खुशबू बिखेरने को तैयार

शंकरगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत चांगारो का जीराफूल चावल पूरे देश में प्रसिद्ध है. इस बार गांव में जीराफूल चावल की बंपर पैदावार हुई है. जिससे किसानों के चेहरे खिले हुए हैं.

production of Jeeraphool rice
बलरामपुर का जीराफूल राइस
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Published : Oct 25, 2020, 4:19 PM IST

Updated : Oct 25, 2020, 4:45 PM IST

बलरामपुर: शंकरगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत चांगरो का जीराफूल चावल एक बार फिर से पूरे देश में महकने के लिए तैयार है. इस बार गांव में जीराफूल चावल की बंपर पैदावार हुई है. अच्छी फसल से किसानों के चेहरे पर खुशी झलकने लगी है. ग्राम पंचायत चांगरो में लगभग 200 किसान डेढ़ सौ एकड़ भूमि पर जैविक तरीके से जीराफूल चावल का उत्पादन करते हैं.

बलरामपुर का जीराफूल राइस

यहां के ग्रामीण खुद ही चावल की पैकिंग कर दूसरे राज्य में सप्लाई करते हैं. ग्राम पंचायत चांगरो का जीराफूल चावल 200 रुपये किलो तक बिकता है. आज भी इस चावल की खुशबू पुराने दिनों को याद दिलाती है. जीराफूल चावल के कारण चांगरो का नाम पूरे देश में फैल गया है. अब प्रशासन इस विकासखंड के दो और ग्राम पंचायत भगवतपुर और चिरई को इसी तरह विकसित करने की तैयारी में लगी है.

पढ़ें-SPECIAL: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की जमीनी हकीकत, देखिए ETV भारत की ग्राउंड रिपोर्ट

चावल की पैदावार भी काफी बेहतर

भगवतपुर और चिरई ग्राम पंचायतों में लगभग 300 एकड़ में जीराफूल चावल की पैदावार करने की तैयारी की जा रही है. जिससे यहां के किसान भी आत्मनिर्भर बन सके. कृषि विस्तार अधिकारी ने बताया कि पहाड़ों से घिरे इस गांव में जो पहाड़ी क्षेत्रों से खाद तैयार होते हैं. उसी खाद का उपयोग खेतों में होता है, जिससे पैदावार काफी बेहतर होती है. पिछले साल की तुलना में इस साल पैदावार डेढ़ गुना ज्यादा हुआ है.

बलरामपुर: शंकरगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत चांगरो का जीराफूल चावल एक बार फिर से पूरे देश में महकने के लिए तैयार है. इस बार गांव में जीराफूल चावल की बंपर पैदावार हुई है. अच्छी फसल से किसानों के चेहरे पर खुशी झलकने लगी है. ग्राम पंचायत चांगरो में लगभग 200 किसान डेढ़ सौ एकड़ भूमि पर जैविक तरीके से जीराफूल चावल का उत्पादन करते हैं.

बलरामपुर का जीराफूल राइस

यहां के ग्रामीण खुद ही चावल की पैकिंग कर दूसरे राज्य में सप्लाई करते हैं. ग्राम पंचायत चांगरो का जीराफूल चावल 200 रुपये किलो तक बिकता है. आज भी इस चावल की खुशबू पुराने दिनों को याद दिलाती है. जीराफूल चावल के कारण चांगरो का नाम पूरे देश में फैल गया है. अब प्रशासन इस विकासखंड के दो और ग्राम पंचायत भगवतपुर और चिरई को इसी तरह विकसित करने की तैयारी में लगी है.

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चावल की पैदावार भी काफी बेहतर

भगवतपुर और चिरई ग्राम पंचायतों में लगभग 300 एकड़ में जीराफूल चावल की पैदावार करने की तैयारी की जा रही है. जिससे यहां के किसान भी आत्मनिर्भर बन सके. कृषि विस्तार अधिकारी ने बताया कि पहाड़ों से घिरे इस गांव में जो पहाड़ी क्षेत्रों से खाद तैयार होते हैं. उसी खाद का उपयोग खेतों में होता है, जिससे पैदावार काफी बेहतर होती है. पिछले साल की तुलना में इस साल पैदावार डेढ़ गुना ज्यादा हुआ है.

Last Updated : Oct 25, 2020, 4:45 PM IST
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