बलरामपुर: जिले के पचावल ग्राम पंचायत के लोग पिछले 7 साल से पुल की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन कान दाबे बैठा है, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में खासा परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है.
दरअसल, छत्तीसगढ़ के इस भाग को उत्तरप्रदेश से जोड़ने का ये एक मात्र साधन है, लेकिन पचावल गांव के पांगन नदी पर बना पुल पिछले सात साल से टूटा पड़ा है. जिससे ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर पुल को पार करते हैं. बरसात के दिनों में तो इतनी परेशानी बढ़ जाती है कि पुल पार करना यानि अपनी जान को हथेली पर रख कर चलना.
स्कूली बच्चे और राहगीरों को हो रही तकलीफें
राहगीर बताते हैं कि पांगन नदी पर बना पुल उत्तरप्रदेश को छत्तीसगढ़ से जोड़ने वाला पुल है, जिससे लोग आवागमन करते हैं, लेकिन ये पुल पिछले 7 वर्षों से टूटा पड़ा है, जिससे स्कूल आने-जाने वाले बच्चों को और राहगीरों को तकलीफों का सामना करना पड़ता है. बारिश होते ही आवागमन बाधित हो जाता है.
सरकारी तंत्र की तपिश में जल रहे ग्रामीण
ग्रामीण बताते हैं सरकारी महकमे से कई मर्तबा फरियाद लगाई गई, लेकिन उस फरियाद का क्या ग्रामीण ही तो थे, जिनके उम्मीदों को सरकारी तंत्र की तपिश ने भाप बनाकर उड़ा दिया. फिलहाल सरकारी महकमे ने पुल की नींव रखने की बात कही है, लेकिन वो भी सरकारी तंत्र की तरह तितर-बितर दिख रहा है, क्योंकि इस तरह की बातें सुनना कोई नई बात नहीं है.