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बलरामपुर: छठ पूजा के लिए सजे बाजार, व्यापारियों में उत्साह

आज छठ पूजा का दूसरा दिन है. आज व्रती खरना का उपवास रखेंगी. आज के दिन से व्रती के 36 घंटे के व्रत की शुरुआत होती है. इधर बलरामपुर के शंकरगढ़, राजपुर समेत सभी इलाकों में बाजार सजकर तैयार हो गए हैं. यहां व्रतियों को छठ पूजा से संबंधित सभी सामान मिल रहे हैं. मार्केट के गुलजार होने से व्यापारियों और लोगों दोनों में उत्साह का माहौल है.

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Published : Nov 19, 2020, 10:30 AM IST

market ready for chhat pooja in BALRAMPUR
छठ पूजा के लिए सजे बाजार

बलरामपुर: छठ पूजा हर साल का​र्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होती है. दिवाली के बाद छठ पूजा हिंदुओं का बड़ा त्योहार है. इस व्रत को छठ पूजा, सूर्य षष्‍ठी पूजा और डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है. इस बार छठ पूजा 18 नवंबर को नहाय-खाय शुरू हो चुका है. आज छठ का दूसरा दिन खरना मनाया जा रहा है. बलरामपुर में भी छठ पूजा के लिए बाजार सज चुके हैं. लोग खरीदारी करने के लिए बाजारों में निकल रहे हैं.

छठ पूजा के लिए सजे बाजार

जिले के शंकरगढ़ और राजपुर समेत सभी इलाकों में बाजार गुलजार हैं. यहां पर व्रती को छठ पूजा संबंधित सभी सामान मिल रहे हैं. छठ पर्व के आयोजन होने पर व्यापारी भी बहुत खुश हैं. वहीं शासन-प्रशासन भी लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील कर रहा है.

market ready for chhat pooja in BALRAMPUR
छठ पूजा के लिए सजे बाजार

आज दूसरा दिन खरना

खरना का अर्थ शुद्धिकरण से है. छठ का व्रत करने वाले व्रती नहाय-खाय के दिन केवल एक ही समय भोजन ग्रहण करते हैं, ताकि शरीर से लेकर मन तक की शुद्धि हो सके. इसकी पूर्णता अगले दिन यानी खरना वाले दिन होती है.

पढ़ें- SPECIAL: भगवान भास्कर की उपासना का महापर्व छठ, जानें दुनिया के सबसे कठिन व्रत के नियम

खरना की विधि

  • खरना वाले दिन विधि-विधान से रोटी और गुड़ की खीर का प्रसाद तैयार करना चाहिए.
  • खीर के अलावा पूजा के प्रसाद में केला, मूली भी रखना लाभकारी माना जाता है.
  • इस दिन मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी को जलाकर प्रसाद तैयार करना शुभ माना जाता है.
  • भगवान गणेश और सूर्यनारायण को प्रसाद चढ़ाया जाता है.


खरना आज

कार्तिक शुक्ल : पंचमी तिथि

तारीख : 19 नवंबर बुधवार

सूर्योदय: सुबह 06:47 बजे

सूर्यास्त : शाम 05:26 बजे

बलरामपुर: छठ पूजा हर साल का​र्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होती है. दिवाली के बाद छठ पूजा हिंदुओं का बड़ा त्योहार है. इस व्रत को छठ पूजा, सूर्य षष्‍ठी पूजा और डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है. इस बार छठ पूजा 18 नवंबर को नहाय-खाय शुरू हो चुका है. आज छठ का दूसरा दिन खरना मनाया जा रहा है. बलरामपुर में भी छठ पूजा के लिए बाजार सज चुके हैं. लोग खरीदारी करने के लिए बाजारों में निकल रहे हैं.

छठ पूजा के लिए सजे बाजार

जिले के शंकरगढ़ और राजपुर समेत सभी इलाकों में बाजार गुलजार हैं. यहां पर व्रती को छठ पूजा संबंधित सभी सामान मिल रहे हैं. छठ पर्व के आयोजन होने पर व्यापारी भी बहुत खुश हैं. वहीं शासन-प्रशासन भी लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील कर रहा है.

market ready for chhat pooja in BALRAMPUR
छठ पूजा के लिए सजे बाजार

आज दूसरा दिन खरना

खरना का अर्थ शुद्धिकरण से है. छठ का व्रत करने वाले व्रती नहाय-खाय के दिन केवल एक ही समय भोजन ग्रहण करते हैं, ताकि शरीर से लेकर मन तक की शुद्धि हो सके. इसकी पूर्णता अगले दिन यानी खरना वाले दिन होती है.

पढ़ें- SPECIAL: भगवान भास्कर की उपासना का महापर्व छठ, जानें दुनिया के सबसे कठिन व्रत के नियम

खरना की विधि

  • खरना वाले दिन विधि-विधान से रोटी और गुड़ की खीर का प्रसाद तैयार करना चाहिए.
  • खीर के अलावा पूजा के प्रसाद में केला, मूली भी रखना लाभकारी माना जाता है.
  • इस दिन मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी को जलाकर प्रसाद तैयार करना शुभ माना जाता है.
  • भगवान गणेश और सूर्यनारायण को प्रसाद चढ़ाया जाता है.


खरना आज

कार्तिक शुक्ल : पंचमी तिथि

तारीख : 19 नवंबर बुधवार

सूर्योदय: सुबह 06:47 बजे

सूर्यास्त : शाम 05:26 बजे

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