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बलरामपुर: मजदूरों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का फायदा

बलरामपुर के मजदूरों को न तो ये जानकारी है कि मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है और न ही उन्हें सरकार की ओर से मजदूरों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं का फायदा मिल पा रहा है.

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Published : May 1, 2019, 11:50 PM IST

बलरामपुर: मई की चिलचिलाती धूप में पसीना बहाने मजदूरों को विश्व मजदूर दिवस से कोई सरोकार नहीं है. एक ओर जहां सरकार मजदूरों के लिए ढेरों योजनाएं चला रही है, वहीं दूसरी ओर श्रमिक इससे अनजान हैं.

मजदूरों को नहीं मिला योजनाओं का फायदा


सरकारी योजनाओं का नहीं मिल रहा फायदा
इन मजदूरों को शासन से मिलने वाली योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. बलरामपुर जिले में करीब 40 हजार 393 संगठित मजदूर पंजीकृत हैं और सन्निर्माण कर्मकार योजना के तहत असंगठित मजदूरों में 53 प्रकार के काम करने वाले 21 हजार 804 मजदूरों का पंजीयन श्रम विभाग में हुआ है, लेकिन 62 हजार 197 मजदूरों में से केवल 26 हजार 624 मजदूरों को ही सायकिल निर्माण के औजार के साथ-साथ दूसरी सहायता दी गई है.


नहीं पता क्या होता है मजदूर दिवस
प्रदेश के 35 हजार 573 मजदूरों को शासकीय योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल पाया है. मजदूरी करने वाले अधिकांश मजदूरों को मजदूर दिवस की जानकारी तक नहीं है. इस दिन भी वो मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे है और शासन की किसी भी योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है.


'जिले में नहीं है एक भी बाल आश्रम'
बालश्रम कल्याण के अधिकारी का कहना है कि 'जिले में 62 हजार 197 मजदूरों को पंजीकृत किया गया है और समय-समय पर शासन की योजनाओं का फायदा दिया जाता है'. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 'बालश्रम के अनुसार 18 उलंघन प्रकरण दर्ज किए गए है, लेकिन जिले में एक भी बाल आश्रम नहीं है'.


आम दिन की तरह ही गुजरा ये खास दिन
बहरहाल जिले में रोजाना हजारों की संख्या में मजदूर अपना पसीना बहाते हुए रोजी के जरिए रोटी कमा रहे हैं, लेकिन किसी को भी सरकार की ओर से महती योजना और अन्य सुविधा के बारे में जानकारी नहीं है. विश्व मजदूर दिवस भी इन मजदूरों के लिए आम दिनों की तरह ही गुजरा.

बलरामपुर: मई की चिलचिलाती धूप में पसीना बहाने मजदूरों को विश्व मजदूर दिवस से कोई सरोकार नहीं है. एक ओर जहां सरकार मजदूरों के लिए ढेरों योजनाएं चला रही है, वहीं दूसरी ओर श्रमिक इससे अनजान हैं.

मजदूरों को नहीं मिला योजनाओं का फायदा


सरकारी योजनाओं का नहीं मिल रहा फायदा
इन मजदूरों को शासन से मिलने वाली योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. बलरामपुर जिले में करीब 40 हजार 393 संगठित मजदूर पंजीकृत हैं और सन्निर्माण कर्मकार योजना के तहत असंगठित मजदूरों में 53 प्रकार के काम करने वाले 21 हजार 804 मजदूरों का पंजीयन श्रम विभाग में हुआ है, लेकिन 62 हजार 197 मजदूरों में से केवल 26 हजार 624 मजदूरों को ही सायकिल निर्माण के औजार के साथ-साथ दूसरी सहायता दी गई है.


नहीं पता क्या होता है मजदूर दिवस
प्रदेश के 35 हजार 573 मजदूरों को शासकीय योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल पाया है. मजदूरी करने वाले अधिकांश मजदूरों को मजदूर दिवस की जानकारी तक नहीं है. इस दिन भी वो मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे है और शासन की किसी भी योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है.


'जिले में नहीं है एक भी बाल आश्रम'
बालश्रम कल्याण के अधिकारी का कहना है कि 'जिले में 62 हजार 197 मजदूरों को पंजीकृत किया गया है और समय-समय पर शासन की योजनाओं का फायदा दिया जाता है'. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 'बालश्रम के अनुसार 18 उलंघन प्रकरण दर्ज किए गए है, लेकिन जिले में एक भी बाल आश्रम नहीं है'.


आम दिन की तरह ही गुजरा ये खास दिन
बहरहाल जिले में रोजाना हजारों की संख्या में मजदूर अपना पसीना बहाते हुए रोजी के जरिए रोटी कमा रहे हैं, लेकिन किसी को भी सरकार की ओर से महती योजना और अन्य सुविधा के बारे में जानकारी नहीं है. विश्व मजदूर दिवस भी इन मजदूरों के लिए आम दिनों की तरह ही गुजरा.

Intro:बलरामपुर: मई के इस तपते और चील चिलाती धूप में पसीना बहाने वाले इन मजदूरों को विश्व मजदूर दिवस से कोई सरोकार नहीं है,,,रोज मजदूरी करने वाले इन मजदुरों को मिलने वाली मजदूरी से ही अपने परिवार का गुजारा कर रहे है।मजदूरों के हितों को देखते हुवे सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओ को चलाया जा रहा है, साथ ही इसके लिके श्रम कानून भी बनाया गया है, लेकिन आज भी अधिकतर मजदूर अपने अधिकारों से अनजान है। ऐसी स्थित में इन मजदूरों को शासन से मिलने वाली योजनाओ का लाभ नही मिल पा रहा है।
Body:बलरामपुर जिले में करीब 40 हजार 393 संगठित मजदूर पंजीकृत है और सन्निर्माण कर्मकार योजना के तहत असंगठित मजदूरों में 53 प्रकार के काम करने वाले 21 हजार 804 मजदूरों का पंजीयन श्रम विभाग में हुवा है, लेकिन 62 हजार 197 मजदूरों में से केवल 26 हजार 624 मजदूरों को ही सायकल, निर्माण के औजार एवम अन्य सहायता प्रदान की गई है, जबकि 35 हजार 573 मजदूरों को शासकीय योजनाओ का कोई लाभ नही मिल पाया है।
बाइट1-संगीता देवी,,,,मजदूर
मजदूरी करने वाले अधिकांश मजदूरों को मजदूर दिवस की जानकारी ही नही है। इस दिन भी वो मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे है, और शासन की किसी भी योजना का लाभ उन्हें नही मिल रहा है।
बाइट 2,, दिनेश नागवंशी,,,मजदूर
इधर बालश्रम कल्याण के अधिकारी ने बताया कि जिले में 62 हजार 197 मजदूर पंजीकृत किया गया है और समय समय पर शासन की योजनाओ का लाभ दिया जाता है,साथ ही उन्होंने बताया कि बालश्रम के अनुसार 18 उलंघन प्रकरण दर्ज किए गए है, लेकिन जिले में एक भी बाल आश्रम नही है।
बाइट3-यशवंत राजवाड़े,,,श्रम कल्याण अधिकारी
Conclusion:बहरहाल जिले में रोजाना हजारो की संख्या में मजदूर अपना पसीना बहा रोजी रोटी कमा रहे है परन्तु किसी को भी शासन की महती योजना और अन्य सुविधा के बारे में पता नही है। विश्व मजदूर दिवस इन मजदूरों के लिए आम दिनों की तरह है।
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