बलरामपुर: दीपावली नजदीक आते हीं शंकरगढ़ में मिट्टी के दीयों की बिक्री शुरू हो गई है. मिट्टी के दीयों की डिमांड बढ़ने से कुम्हारों के चेहरे खिल उठे हैं. कोरोना की वजह से कुम्हारों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था, लेकिन दिवाली आते हीं दीयों की खरीदारी काफी बढ़ गई है.
कुम्हार बताते हैं कि कोरोना की वजह से उन्हें अच्छी बिक्री की बिल्कुल उम्मीद नहीं थी. उन्हें लग रहा था कि उनकी सालों की मेहनत बेकार जाएगी. कुम्हार दीयों को एक जिले से दूसरे जिले साइकिल से ले जाकर लोगों के घर-घर पहुंचकर दीये बेच रहे हैं.
कुम्हारों के खिले चहरे
कुम्हारों की मानें तो 90 से 100 प्रति सैकड़ा के हिसाब से दीयों की बिकी हो रही है. जिससे उनकों काफी फायदा भी हो रहा है. साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति भी धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है. कुम्हारों ने खुशी से बताया कि इस दीपावली पर उनके घर भी रोशन होंगे.
कोरोना ने छीना कुम्हारों का रोजगार, दीपावली में भी घर नहीं आई 'रोशनी'
गोबर के दीयों ने घटाई थी बिक्री
बीते दिन गरियाबंद के कुम्हारों में सरकार के प्रति नाराजगी देखने को मिली थी. कुम्हारों का ये कहना था कि सरकार के गोबर के दीयों को प्राथमिकता देने की वजह से उनके मिट्टी के दियों की चमक धीमी होती जा रही है. ऐसे में बलरामपुर के कुम्हारों की हो रही अच्छी आमदनी थोड़ा सुकून जरूर देती है.