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Ramanujganj: ट्रेडिशनल फसलों को छोड़ किसान कर रहे तरबूज की खेती, हो रहा बंपर फायदा

रामानुजगंज के किसान ट्रेडिशनल खेती को छोड़कर फल और सब्जियों की खेती की तरफ रुख कर रहे हैं. ग्राम पंचायत तांबेश्वर नगर के किसान ने तरबूज की खेती कर अच्छा मुनाफा कमाया है.

Cultivating Watermelon in Ramanujgan
रामानुजगंज में तरबूज की खेती
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Published : Apr 29, 2023, 4:49 PM IST

रामानुजगंज में तरबूज की खेती

बलरामपुर: ग्राम पंचायत तांबेश्वर नगर में किसान तरबूज की खेती कर रहे हैं. खेतों में तरबूज तैयार हो चुकी है. ट्रेडिशनल खेती के मुकाबले ज्यादा लाभ होने की वजह से फल और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है. फिलहाल किसान तरबूज को 10-15 रूपए किलो के दाम पर बाजार में बेच रहे हैं.

एक एकड़ में तरबूज की खेती: किसान विनय विश्वास पिछले पांच साल से तरबूज की खेती कर रहे हैं. तरबूज की खेती में किसानों को मुनाफा भी हो रहा है. हालांकि लॉकडाउन के दौरान किसान अपने तरबूज बाहर दूसरे शहरों में नहीं भेज पा रहे थे. इसकी वजह से किसानों को नुक्सान झेलते हुए मजबूरी में तरबूज कौड़ियों के दाम में बेचना पड़ा था.

किसान को लाभ की उम्मीद: किसान विनय विश्वास ने कहा कि "तरबूज की खेती से मुनाफे की उम्मीद है. पहली खेप से 12 हजार रूपए की आमदनी हुई है. जून के महीने तक खेत में तरबूज निकलेंगे. तरबूज की खेती करने में 20 हजार की लागत आई है. परंपरागत खेती की तूलना में फलों और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों की संख्या बढ़ी है."

यह भी पढ़ें: Summer Season Tips गर्मी के मौसम में शरीर ठंडा रखने के लिए डाइट में करें ये चीजें शामिल


अप्रैल के आखिरी सप्ताह से बिक्री शुरू: किसानों ने दिसंबर में तरबूज की खेती शुरू की थी. अब अप्रैल महीने के अंतिम में तरबूज पक कर तैयार हो गया है. इन तरबूजों को तोड़कर बाजार में बेचने के लिए भेजा जा रहा है. किसानों को इस बार तरबूज की खेती में ज्यादा फायदा अभी से होना शुरू हो गया है.

रामानुजगंज में तरबूज की खेती

बलरामपुर: ग्राम पंचायत तांबेश्वर नगर में किसान तरबूज की खेती कर रहे हैं. खेतों में तरबूज तैयार हो चुकी है. ट्रेडिशनल खेती के मुकाबले ज्यादा लाभ होने की वजह से फल और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है. फिलहाल किसान तरबूज को 10-15 रूपए किलो के दाम पर बाजार में बेच रहे हैं.

एक एकड़ में तरबूज की खेती: किसान विनय विश्वास पिछले पांच साल से तरबूज की खेती कर रहे हैं. तरबूज की खेती में किसानों को मुनाफा भी हो रहा है. हालांकि लॉकडाउन के दौरान किसान अपने तरबूज बाहर दूसरे शहरों में नहीं भेज पा रहे थे. इसकी वजह से किसानों को नुक्सान झेलते हुए मजबूरी में तरबूज कौड़ियों के दाम में बेचना पड़ा था.

किसान को लाभ की उम्मीद: किसान विनय विश्वास ने कहा कि "तरबूज की खेती से मुनाफे की उम्मीद है. पहली खेप से 12 हजार रूपए की आमदनी हुई है. जून के महीने तक खेत में तरबूज निकलेंगे. तरबूज की खेती करने में 20 हजार की लागत आई है. परंपरागत खेती की तूलना में फलों और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों की संख्या बढ़ी है."

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अप्रैल के आखिरी सप्ताह से बिक्री शुरू: किसानों ने दिसंबर में तरबूज की खेती शुरू की थी. अब अप्रैल महीने के अंतिम में तरबूज पक कर तैयार हो गया है. इन तरबूजों को तोड़कर बाजार में बेचने के लिए भेजा जा रहा है. किसानों को इस बार तरबूज की खेती में ज्यादा फायदा अभी से होना शुरू हो गया है.

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