बलरामपुर: रामानुजगंज के सुभाष नगर के रहने वाले राजेन्द्र मांझी को पर्यावरण से इतना प्रेम है कि अपनी डेढ एकड़ जमीन पर 350 से ज्यादा प्रकार के पेड़-पौधे लगा रखे हैं. बताते हैं राजेन्द्र मांझी को पर्यावरण प्रेमी का खिताब (environmental lover title ) विरासत में मिला है. उनके पिता भी पर्यावरण संरक्षण (Environment protection) को लेकर काफी जागरूक थे. उन्हीं से सीख लेते हुए राजेन्द्र मांझी ने 350 प्रकार के पेड़-पौधों का एक जंगल तैयार कर दिया है.
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आधुनिक खेती से जुड़े राजेन्द्र मांझी
कम शिक्षा और संसाधन में भी राजेन्द्र मांझी आधुनिक खेती कर रहे हैं. पेड़-पौधों की परख और उनके प्रति प्रेम ने राजेन्द्र मांझी को एक्सपर्ट बना दिया है. जहां पेड़-पौधों को काटना और कांक्रीट के जंगल को ही विकास समझा जा रहा हो, वहां राजेन्द्र मांझी की खेती और पर्यावरण प्रेम लोगों को एक नई राह दिखा सकती है.
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प्रकृति का निरंतर संरक्षण जरूरी
राजेन्द्र मांझी कहते हैं, पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए हमें कई तरह की बातों को ध्यान में रखना पड़ेगा. तभी इसे संतुलित रखा जा सकता है. 5 जून को भले ही पर्यावरण दिवस का आयोजन हो रहा है. लेकिन वर्तमान परिदृश्य में विश्व पर्यावरण दिवस शासकीय आयोजन का एक हिस्सा बनकर रह गया है. लोग प्रकृति और पर्यावरण को धीरे-धीरे भूलते जा रहे हैं.
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क्या है विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम?
विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाए जाने से पहले हर साल के लिए एक थीम का चयन किया जाता है. विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम 'इकोसिस्टम रेस्टोरेशन' हैं, इसके तहत पेड़ उगाना, शहर को हरा-भरा करना, बगीचों को फिर से बनाना, आहार बदलना या नदियों और तटों की सफाई करना आदि शामिल है.
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क्यों मनाया जाता है पर्यावरण दिवस?
5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है. जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है. हम जानते हैं औद्योगीकरण और कई विकास कार्यों के लिए मानव निरंतर प्रकृति का दोहन करता आया है. बिना भविष्य की चिंता किए लगातार पर्यावरण को पहुंचाए गए नुकसान के नतीजे भयावह हो सकते हैं. ऐसे में जरूरत है संभलने की और पर्यावरण के बारे में विचार करने की.