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बलरामपुर: 20 हेक्टेयर वन भूमि पर कब्जा, सबकुछ जान अंजान बना है विभाग

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Published : Aug 6, 2020, 6:08 PM IST

वन विभाग के 20 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा कर खेती किए जाने का मामला सामने आया है. जून महीने में इसे लेकर की गई लिखित शिकायत पर वन विभाग ध्यान नहीं दे रहा है.

20 hectares of land possession
20 हेक्टेयर की भूमि पर कब्जे का मामला

बलरामपुर: रघुनाथ नगर वन परिक्षेत्र के चापोता गांव में कुछ दबंगों ने वन विभाग के 20 हेक्टेयर की भूमि पर कब्जा कर लिया है. यहां पेड़ों को काटकर कृषि कार्य किया जा रहा है, लेकिन वन विभाग के कर्मचारी इस ओर लापरवाह बने हुए हैं. बता दें, ग्रामीणों ने इसके लिए लिखित शिकायत दिनांक 11 जून को वन परीक्षेत्र अधिकारी कार्यालय में की थी, लेकिन आज तक किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है.

20 हेक्टेयर की भूमि पर कब्जे का मामला

ग्रामीणों की मांग है कि भूमि से कब्जा हटाकर वहां प्लांटेशन कराया जाए. ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग की ओर से वनपाल जानबूझकर कार्रवाई नहीं कर रहा है. उनका कहना है कि वनपाल से जब शिकायत की गई तो उसने कब्जाधारियों से पैसे लेने की बात कही है. ग्रामीणों ने बताया कि वनपाल ने उन्हें भी पैसे देकर जमीन जोतने के लिए आमंत्रित किया है.

मामले में जब वनपाल से बात करने की कोशिश की गई तो वनपाल ने सूचना के अभाव में कार्रवाई नहीं करने की बात कही है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि इसकी लिखित में शिकायत दर्ज कराई गई है. ऐसे में वनपाल को सूचना न मिलने की बात पर असमंजस है.

पढ़ें: SPECIAL: रोम-रोम में बसे राम, राम हैं रामनामी समाज की पहचान

मामले में उप वन मंडलाधिकारी ने कहा है कि उन्हें किसी भी तरह की लिखित शिकायत नहीं मिली है. उन्होंने शिकायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई की बात भी कही है. लेकिन ध्यान देने वाली बात ये भी है कि ग्रामीण जंगल बचाना चाहते हैं. इसके लिए वो लिखित शिकायत के बावजूद दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन संबंधित अधिकारियों को उनकी लिखित शिकायत की जानकारी ही नहीं है. ऐसे में ग्रामीण वन विभाग पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

बलरामपुर: रघुनाथ नगर वन परिक्षेत्र के चापोता गांव में कुछ दबंगों ने वन विभाग के 20 हेक्टेयर की भूमि पर कब्जा कर लिया है. यहां पेड़ों को काटकर कृषि कार्य किया जा रहा है, लेकिन वन विभाग के कर्मचारी इस ओर लापरवाह बने हुए हैं. बता दें, ग्रामीणों ने इसके लिए लिखित शिकायत दिनांक 11 जून को वन परीक्षेत्र अधिकारी कार्यालय में की थी, लेकिन आज तक किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है.

20 हेक्टेयर की भूमि पर कब्जे का मामला

ग्रामीणों की मांग है कि भूमि से कब्जा हटाकर वहां प्लांटेशन कराया जाए. ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग की ओर से वनपाल जानबूझकर कार्रवाई नहीं कर रहा है. उनका कहना है कि वनपाल से जब शिकायत की गई तो उसने कब्जाधारियों से पैसे लेने की बात कही है. ग्रामीणों ने बताया कि वनपाल ने उन्हें भी पैसे देकर जमीन जोतने के लिए आमंत्रित किया है.

मामले में जब वनपाल से बात करने की कोशिश की गई तो वनपाल ने सूचना के अभाव में कार्रवाई नहीं करने की बात कही है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि इसकी लिखित में शिकायत दर्ज कराई गई है. ऐसे में वनपाल को सूचना न मिलने की बात पर असमंजस है.

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मामले में उप वन मंडलाधिकारी ने कहा है कि उन्हें किसी भी तरह की लिखित शिकायत नहीं मिली है. उन्होंने शिकायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई की बात भी कही है. लेकिन ध्यान देने वाली बात ये भी है कि ग्रामीण जंगल बचाना चाहते हैं. इसके लिए वो लिखित शिकायत के बावजूद दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन संबंधित अधिकारियों को उनकी लिखित शिकायत की जानकारी ही नहीं है. ऐसे में ग्रामीण वन विभाग पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

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