बलरामपुर: छत्तीसगढ़ में साइबर ठगी दिनों दिन बढ़ती जा रही है. लेकिन पुलिस भी शिकायत के बाद त्वरित कार्रवाई करके हुए आरोपियों को दबोच रही है. बलरामपुर जिले में भी पिछले तीन महीनों में सायबर ठगी की घटनाएं बढ़ी हैं. लेकिन पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए तीनों ही मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा है.ताजा मामले में एक लाख की ठगी करने वालों को पुलिस ने झारखंड जाकर गिरफ्तार किया.
बलरामपुर में साइबर ठगी के मामलों पर कार्रवाई: बीते जुलाई महीने में रामानुजगंज में एटीएम से पैसे निकालने के दौरान एक महिला का एटीएम कार्ड बदलकर ठगी की गई थी. जुलाई में ही शिक्षक को एनी डेस्क एप डाउनलोड कराने के बाद ठगी का शिकार बनाया गया. पुलिस ने दोनों मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इसके बाद पुलिस ने मई के महीने में क्रेडिट कार्ड वेरिफिकेशन के नाम पर 1 लाख रुपये से ज्यादा की ऑनलाइन ठगी करने वाले दो आरोपियों को झारखंड के देवघर से दबोचा.
टेक्निकल इनपुट के आधार पर मिला आरोपियों का सुराग: दोनों मामले सुलझाने के बाद तीसरी साइबर ठगी को सुलझाने के लिए सायबर सेल की संयुक्त टीम लगातार जुटी हुई थी. इसी दौरान जानकारी मिली कि झारखंड के देवघर जिले के रहने वाले सुमन मेहरा और जितेन्द्र दास ने इस ठगी को अंजाम दिया है. आरोपियों का डाटा निकालने पर पुलिस को ये भी पता चला कि दोनों साइबर एक्सपर्ट हैं और झारखंड में रहकर ही सायबर ठगी की घटनाओं को अंजाम देते हैं. फिलहाल आरोपियों को गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर राजपुर लाया गया है.