बलरामपुर रामानुजगंज: सोमवार को बलरामपुर के नेहरू नगर में आदिवासी समुदाय का प्रसिद्ध लोकनृत्य करमा नृत्य का आयोजन हुआ. मांदर की थाप और मधुर गीतों ने लोगों का मन मोह लिया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक बृहस्पति सिंह शामिल हुए. करमा नृत्य में 12 दलों ने भाग लिया. सरगुजा संभाग में करमा नृत्य काफी प्रचलित है और धूमधाम से मनाया जाता है.
जनजातियों में प्रचलित है करमा नृत्य: करमा नृत्य कर्म का संदेश देता है. करमा नृत्य, छत्तीसगढ़ में रहने वाले जनजातियों का लोक नृत्य हैं. जनजाति समूह साल में एक बार इकठ्ठा होकर देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करके उत्सव मनाते हैं. जिसमें जनजातिय लोग सरई एवं करम वृक्ष के नीचे एकत्रित होकर करमा गीत गाते हैं. जिसके बाद करम वृक्ष की टहनी को जमीन में गाड़कर चारों और घूम-घूमकर लोग आनंदपूर्वक करमा नृत्य करते हैं.
छत्तीसगढ़ का प्रमुख लोक नृत्य है करमा: आदिवासी समुदाय के बीच करमा नृत्य काफी प्रचलित है. यह छत्तीसगढ़ का लोकनृत्य भी है. यह नृत्य कर्म देवता को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. करमा नृत्य की परंपरा कई जनजातियों में देखने को मिलता है. छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य सरगुजा संभाग में धूमधाम से करमा नृत्य किया जाता है.
सैकड़ों की संख्या में लोगों ने किया करमा नृत्य: बलरामपुर के नेहरू नगर में आयोजित करमा नृत्य कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष शामिल हुए. सभी ने मिलकर करमा नृत्य किया. मांदर की थाप पर मधुर गीतों ने लोगों को आकर्षित किया. इस दौरान क्षेत्रीय विधायक बृहस्पति ने कार्यक्रम में करमा नृत्य दलों की जमकर सराहना की.