बलरामपुर: जिला मुख्यालय बलरामपुर में अधिकारी-कर्मचारियों ने सभा का आयोजन किया. सभा में फेडरेशन के पदाधिकारियों ने सरकार के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली. बलरामपुर में अधिकारी-कर्मचारी संघ ने पहली बार 32 संगठनों के साथ सरकार के खिलाफ धरना दिया.
बलरामपुर में अधिकारी-कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन किया. अधिकारी-कर्मचारी संघ ने पहली बार 32 संगठन के साथ प्रोटेस्ट किया. बलरामपुर जिला संयोजक रमेश आजाद ने बताया कि प्रदेशभर में 57 कर्मचारी संघ ने धरना प्रदर्शन किया है. सरकार के खिलाफ 3 चरणों में आंदोलन किया जा रहा है. पहला चरण 1 दिसंबर को था. जिलेभर में उग्र आंदोलन किया गया.
पढ़ें: कोंडागांव: DFO के तबादले से नाराज ग्रामीणों ने किया धरना प्रदर्शन, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
रायपुर में 19 दिसंबर को तीसरे चरण का आंदोलन
रायपुर में 19 दिसंबर को तीसरे चरण का आंदोलन किया जाएगा. जहां पर प्रदेशभर के 40 हजार अधिकारी-कर्मचारी आंदोलन में शामिल होंगे. सहसंयोजक आजाद ने कहा कि दिवाली से पहले सरकार ने कहा था कि उन्हें तोहफा दिया जाएगा, लेकिन सीएम ने कुछ भी नहीं दिया. कर्मचारियों का हक नहीं दिया गया है.
ये है प्रमुख मांगें-
- कर्मचारी संगठनों की प्रमुख मांगों में एनपीएस रद्द कर पुरानी पेंशन बहाल किया जाना.
- प्रदेश के कर्मचारियों को रोकी गई वेतन वृद्धि, डीए और सातवां वेतनमान का ऐरीयर देना.
- विभागों के रिक्त पदों पर निशर्त अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किया जाना.
- स्वास्थ्य विभाग सहित समस्त विभागों के कर्मचारियों को सुरक्षा बीमा अनिवार्य रूप से दिया जाए.
- संविदा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाना.
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिड डे मील, मितानिन और अन्य योजनाओं के कर्मियों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए.
- न्यूनतम वेतनमान 21 हजार रुपये घोषित किया जाए
- केंद्र और राज्य में समान वेतन दिया जाना.
- सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार समयमान वेतनमान दिया जाए.
- लिपिक, शिक्षक, स्वास्थ्य और अन्य संवर्ग कर्मचारियों का वेतन विसंगति दूर किया जाए.
- इस दौरान विभिन्न संगठनों के अध्यक्ष और कई सदस्य उपस्थित रहे.