सरगुजा: होर्डिंग्स लगाकर विज्ञापन करने का चलन तेजी से फैल चुका है. राजनीतिक पार्टी हो या कोई व्यापारी सभी होर्डिंग्स और बैनर के जरिए विज्ञापन कर रहे हैं. शहर में बाहर निकलते ही अक्सर ऐसे बैनर देखने को मिल जाते हैं. जितना बड़ा शहर उतने अधिक होर्डिंग्स, लेकिन अम्बिकापुर में कोविड 19 और लॉकडाउन की वजह से कई लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. विज्ञापन के इस व्यवसाय से कई लोगों का पेट पलता है. नगर निगम को भी इन विज्ञापनों से राजस्व की प्राप्ति होती है. लॉकडाउन ने इस कारोबार पर भी गहरा प्रभाव डाला है. नगर निगम ने होर्डिंग्स का टेंडर देना बंद कर दिया. इस वजह से शहर में लगने वाले इन होर्डिंग्स के काम में लगे युवाओं का भी रोजगार छिन चुका है.
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अम्बिकापुर नगर निगम ने शहर के हर चौक-चौराहे और शहर के बाहरी हिस्सों में विज्ञापन के लिये होर्डिंग्स की जगह चिन्हांकित की है. हर क्षेत्र की उपयोगिता के अनुसार दर निर्धारित है. हर वर्ष नगर निगम यह काम विज्ञापन एजेंसियों को टेंडर के जरिये ठेके में दे दिया करता था, लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी की वजह से मार्च में टेंडर नहीं हो सका. स्थिति जैसे ही सामान्य हुई अक्टूबर के महीने में नगर निगम ने होर्डिंग्स के टेंडर निकाले, लेकिन एक भी एजेंसी ने टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया. लिहाजा अम्बिकापुर नगर निगम में लगी होर्डिंग्स का टैक्स वसूलने वाला फिलहाल कोई नहीं था. ऐसे में पूरे शहर में अवैध होर्डिंग्स लग गए. इसके खिलाफ कार्रवाई करते हुये हाल ही में नगर निगम ने शहर के सारे होर्डिंग्स को जब्त कर लिया है.
रोजगार पर पड़ा असर
शहर में जो फ्लैक्स प्रिंटिंग, डिजाइन और प्रिंटिंग का काम करते हैं उनकी भी आर्थिक हालत ठीक नहीं है. इनका कहना है की जब सारे सेक्टर लॉकडाउन से प्रभवित हुए हैं. ऐसे में लोगों का काम धंधा ही नहीं चल रहा था. इस स्थिति में विज्ञापन कैसे कोई कराएगा. लिहाजा इस मंदी का सीधा असर होर्डिंग्स के व्यवसाय पर पड़ा और विज्ञापन का काम करने वाले सभी लोग और श्रमिक आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं.