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सरगुजा : ETV भारत की मुहिम 'नदिया किनारे, किसके सहारे' से जुड़े साहित्यकार, लिया ये संकल्प

ETV भारत की मुहिम 'नदिया किनारे, किसके सहारे' से जुड़ते हुए सरगुजा के साहित्यकारों ने पर्यावरण को बचाने के लिए संगोष्ठी आयोजित की.

ETV भारत की मुहिम 'नदिया किनारे, किसके सहारे' से जुड़े साहित्यकार.
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Published : Aug 12, 2019, 9:51 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: ETV भारत की मुहिम 'नदिया किनारे, किसके सहारे' के साथ जिले के साहित्यकार भी जुड़ रहे हैं. इस दौरान मुहिम से जुड़ी काव्य गोष्ठी आयोजित की गई. स्थानीय केशरवानी भवन में यह आयोजन किया गया.

ETV भारत की मुहिम से जुड़े साहित्यकार

सरगुजा साहित्य परिषद के रंजीत कुमार सारथी ने इस अभियान में सभी साहित्यकारों को जोड़ा और संगोष्ठी में अपनी रचनाओं से जल, जंगल और पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन के विषय में विचार रखे.

'ETV भारत के साथ हैं हम'
संगोष्ठी में उपस्थित सभी साहित्यकारों ने ETV भारत के अभियान की जमकर सराहना की और कहा कि, प्रकृति को बचाने शुरू की गई इस मुहिम में वो हमेशा ETV भारत के साथ हैं.

पढ़ें- बेमेतरा में ETV भारत की मुहिम 'नदिया किनारे, किसके सहारे' से जुड़े लोग, किया पौधरोपण

अपने अंदाज में रखे विचार
संगोष्ठी में पहुंचे साहित्यकारों ने कविता, गीत, गजल और आलेख के माध्यम से इस विषय पर जागरूकता लाने का प्रयास किया. आयोजन में महिलाओं ने बढ़कर हिस्सा लिया.

पढ़ें- कवर्धा : ETV भारत की मुहिम से जुड़े छात्र, पर्यावरण को बचाने का लिया संकल्प

कार्यक्रम में साहित्यकारों ने पहले तो अपने शब्द बाणों से लोगों के मन में जागृति लाने का प्रयास किया, ये बताते हुए कि सभी को नदियों का संवर्धन करना है और पर्यावरण बचाना है. इसके बाद सभी लोगों ने ये संकल्प लिया कि वो निजीतौर पर अपने जीवन में जल संवर्धन और पर्यावरण संरक्षण का काम करेंगे.

हर कदम है सराहनीय
ज्यादातर साहित्यकारों ने इस बात पर जोर दिया कि, 'हम में से हर एक व्यक्ति अगर इस दिशा की तरफ बढ़ता है और अपने से जुड़े लोगों को इसके लिए जागरूक करता है, तो प्रकृति को सुरक्षित रखा जा सकता है. इस काम के लिए सभी का एक कदम भी सराहनीय है'.

सरगुजा: ETV भारत की मुहिम 'नदिया किनारे, किसके सहारे' के साथ जिले के साहित्यकार भी जुड़ रहे हैं. इस दौरान मुहिम से जुड़ी काव्य गोष्ठी आयोजित की गई. स्थानीय केशरवानी भवन में यह आयोजन किया गया.

ETV भारत की मुहिम से जुड़े साहित्यकार

सरगुजा साहित्य परिषद के रंजीत कुमार सारथी ने इस अभियान में सभी साहित्यकारों को जोड़ा और संगोष्ठी में अपनी रचनाओं से जल, जंगल और पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन के विषय में विचार रखे.

'ETV भारत के साथ हैं हम'
संगोष्ठी में उपस्थित सभी साहित्यकारों ने ETV भारत के अभियान की जमकर सराहना की और कहा कि, प्रकृति को बचाने शुरू की गई इस मुहिम में वो हमेशा ETV भारत के साथ हैं.

पढ़ें- बेमेतरा में ETV भारत की मुहिम 'नदिया किनारे, किसके सहारे' से जुड़े लोग, किया पौधरोपण

अपने अंदाज में रखे विचार
संगोष्ठी में पहुंचे साहित्यकारों ने कविता, गीत, गजल और आलेख के माध्यम से इस विषय पर जागरूकता लाने का प्रयास किया. आयोजन में महिलाओं ने बढ़कर हिस्सा लिया.

पढ़ें- कवर्धा : ETV भारत की मुहिम से जुड़े छात्र, पर्यावरण को बचाने का लिया संकल्प

कार्यक्रम में साहित्यकारों ने पहले तो अपने शब्द बाणों से लोगों के मन में जागृति लाने का प्रयास किया, ये बताते हुए कि सभी को नदियों का संवर्धन करना है और पर्यावरण बचाना है. इसके बाद सभी लोगों ने ये संकल्प लिया कि वो निजीतौर पर अपने जीवन में जल संवर्धन और पर्यावरण संरक्षण का काम करेंगे.

हर कदम है सराहनीय
ज्यादातर साहित्यकारों ने इस बात पर जोर दिया कि, 'हम में से हर एक व्यक्ति अगर इस दिशा की तरफ बढ़ता है और अपने से जुड़े लोगों को इसके लिए जागरूक करता है, तो प्रकृति को सुरक्षित रखा जा सकता है. इस काम के लिए सभी का एक कदम भी सराहनीय है'.

Intro:सरगुज़ा : ईटीव्ही भारत की मुहिम नदिया किनारे किसके सहारे के साथ सरगुज़ा के साहित्यकार भी जुड़े और मुहिम के तहत एक काव्य गोष्ठी का आयोजन स्थानीय केशरवानी भवन में किया गया, सरगुज़ा साहित्य परिषद के रंजीत कुमार सारथी ने इस अभियान से सभी साहित्यकारों को जोड़ा और फिर संगोष्ठी के आयोजन में सभी ने अपनी अपनी रचनाओं से जल जंगल और पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन के विषय मे अपने अपने विचार साझा किये, संगोष्ठी में उपस्थित सभी साहित्यकारो ने ईटीव्ही भारत के इस अभियान की जमकर सराहना की और कहा की जीवन को बचाने शुरू की गई इस मुहिम में वो हमेशा ईटीव्ही भारत के साथ हैं।


Body:संगोष्ठी में पहुंचे साहित्यकारों में से किसी ने कविता तो किसी ने गीत, गजल और आलेख के माध्यम से विषय पर जागरूकता लाने का प्रयास किया, आयोजन में महिलाओं में बढ़ कर भागेदारी निभाई, आयोजन में उपस्थित साहित्यकारों ने पहले तो अपने शब्द बाणों से लोगो के मन मे जागृति लाने का प्रयास किया की हमे नदियों का संवर्धन करना है, पर्यावरण बचाना है, इसके बाद उपस्थित सभी लोगो ने अपने अपने जीवन मे यह संकल्प लिया की वो निजी तौर पर अपने जीवन मे जल संवर्धन औऱ पर्यावरण संरक्षण का काम करेंगे, ज्यादातर साहित्यकारों ने इस बात पर जोर दिया कि हममें से हर एक आदमी अगर सिर्फ अपने जीवन मे अपने परवार और आसपास के लोगो के साथ मिलकर इस दिशा में प्रयास करेगा तो बूंद बूंद से घड़ा भरने जैसे एक बड़ा परिणाम सामने आएगा।



Conclusion:बाईट01_संतोष दास, कवि (सफेद शर्ट, बाल कम,चश्मा लगाए हुए)

बाईट02_विनोद हर्ष,कवि (चेक शर्ट, फ्रेंच कट सेव)

बाईट03_मीना वर्मा,मंच संचालिका (पिंक साड़ी में महिला)

बाईट04_रंजीत सारथी, आयोजन कर्ता (सफेद शर्ट, रंग काला, माथे पर चंदन लगाए हुए)

देश दीपक सरगुज़ा
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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