सरगुजा: अंबिकापुर के कंपनी बाजार के पास बजरंगबली का प्रसिद्ध मंदिर है. इस मंदिर में मंगलवार को सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस मंदिर में मंगलवार के दिन हनुमान जी को घी और सिंदूर का चोला चढ़ाया जाता है. शनिवार को चमेली के तेल और सिंदूर से चोला चढ़ाया जाता है. इससे शनि की शांति होती है. हनुमान जी को बेसन का लड्डू और रोट काफी प्रिय है. जिन भक्तों की मन्नत पूरी होती है वे बजरंगबली को रोट चढ़ाते हैं. आटे को गुड़ में मिलाकर घी में तली हुई पूड़ी को रोट कहा जाता है.
हर मंगलवार हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ: इस मंदिर में राजेश कुमार पाठक 30 साल से पूजा कर रहे हैं. पुजारी राजेश कुमार पाठक ने बताया " मंगलवार के दिन हनुमानजी की पूजा करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. मंगलवार को मंदिर में काफी भीड़ रहती है. सुबह 5 बजे से रात दस बजे तक मंदिर खुला रहता है. शाम को मंदिर में सुंदरकांड का पाठ होता है. पिछले 37 सालों से सुंदरकांड का पाठ लगातार हो रहा है. मंगलवार को सुंदर कांड और हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि से शांति मिलती है. वैसे तो हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ हर रोज करना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं कर पाने पर हफ्ते में एक दिन मंगलवार को जरूर करना चाहिए. हर मंगलवार को मंदिर में भंडारा भी होता है."
हनुमानजी की पूजा के कई विधान हैं. हर भक्त अपनी श्रद्धा और अपने कष्ट दूर करने के लिए विधि विधान से पूजा करता है. माना जाता है कि कलयुग में हनुमानजी साक्षात् वास करते हैं. कलयुग में भक्तों के कष्ट हरने का आशीर्वाद उन्हें माता सीता और भगवान राम से मिला था. ग्रहों नक्षत्रों में विश्वास रखने वाले लोग भी शनि की ढैय्या या साढ़े साती की शांति के लिए हनुमान जी की उपासना करते हैं.