सरगुजा: छत्तीसगढ़ में सीएम को लेकर चल रही सियासत में दिल्ली के बाद पहली बार प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सरगुजा पहुंचे. हालांकि उनका यह दौरा घरेलू था और शोक संतप्त परिवार से मिलने पहुंचे थे. लेकिन उनके इस आगमन को लेकर कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने पीजी कॉलेज मैदान के हेलीपेड पर भव्य स्वागत किया. इसके साथ ही आज प्रशासन के आला अधिकारी भी हेलीपेड से लेकर सभी कार्यक्रमों में साथ रहे.
लंबे अंतराल के बाद सरगुजा पहुंचे मंत्री सिंहदेव ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान लम्बे समय तक दिल्ली में जमे रहने को लेकर स्पष्ट रूप से कहा है कि वहां लगातार बैठकें नहीं थी. इंतजार था कि कब समय मिलेगा और 24 अगस्त को आला कमान से मिलने का समय मिला. इसलिए ऐसा लगता है कि वहां बैठे हुए थे. दिल्ली में प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से संभावनाओं को लेकर संकेत मिल रहे थे. इसी कारण से दिल्ली में रुके रहे इसके अलावा कोई और बात नहीं है.
सरगुजा और छत्तीसगढ़ की जनता टीएस सिंहदेव को सीएम के रूप में देखना चाहती है. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि सारी बातें पहले ही हो चुकी है. कुछ नया कहने को नहीं है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास सारी बातें रहती है और वो जो निर्णय करते है, वहीं अंतिम निर्णय रहता है.
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पुरंदेश्वरी पर साधा निशाना
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भाजपा प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के द्वारा दिए गए विवादित बयान को लेकर कहा कि यह अशोभनीय भाषा है. वे एक पढ़ी लिखी और राष्ट्रीय परिवेश में काम करने वाली पार्टी की महिला है. उनकी ऐसी असभ्य भाषा है तो सोचिए उनकी वास्तविकता क्या है.
चिरगा में विरोध, मैं ग्रामीणों के साथ
बतौली विकासखंड ग्राम चिरगा में एलुमिना फैक्ट्री को लेकर चल रहे विरोध और ग्रामीणों द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर मंत्री सिंहदेव ने कहा कि वे गांव वालों के साथ है. हालांकि उनके पास अब तक किसी ग्रामीण ने आकर बात नहीं की तो वे उनकी राय व मंशा से अवगत नहीं है. ऐसे मामलों में वे तब तक ज्यादा दखल स्वयं नहीं देते जब तक गांव के लोग अपनी बात आकर नहीं रखते हैं. उन्होंने कहा कि अब तक जो भी पहल हो रही है वो ग्रामीणों की ओर से और उनके स्तर पर है. कोई ग्रामीण उनके पास आए या नहीं लेकिन जैसा ग्रामीण चाहते हैं वैसा ही होना चाहिए.
जो जवाबदारियां मिलती है उन्हें हैं निभातें
छत्तीसगढ़ में चल रही सियासत के बीच छत्तीसगढ़ डोल रहा है. जैसे नारों को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है. सभी अनुशासित साथी है और कांग्रेस हाईकमान के निर्देशन में काम करते है तो ना कुछ हिल रहा है ना डोल रहा है और ना ही कुछ बोल रहा है सारी बातें हाईकमान के अधीन है उनका जो निर्णय होता है वहीं काम करते है और जो जिम्मेदारियां मिलती है उसे निभाते है.