अंबिकापुरः तिब्बत में चीनी नरसंहार की 62वीं बरसी पर मैनपाट में तिब्बती समुदाय ने कैंडल मार्च निकाला. इस दौरान तिब्बती महिलाओं ने मृतकों श्रद्धांजलि दी गई. 12 मार्च 1959 चीन ने धर्मगुरु दलाई लामा को अपहरण करने का प्लान बनाया था. जिसकी जानकारी तिब्बती समुदाय को मिल गई. जानकारी मिलने पर तिब्बती महिलाओं ने शांतिपूर्वक विरोध जताया था.
12 मार्च 1959 में चीन शासन ने तिब्बती महिलाओं के साथ नरसंहार किया था. उसी दिन से 12 मार्च को काला दिवस के रुप में मनाया जाता है. तिब्बती महिलाओं ने शोक के साथ नगर में कैंडल रैली निकाल कर श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान उन सभी शहीदों को याद किया गया जो अपनी संस्कृति को बचाने के लिए अपने प्राण गवाए.
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तिब्बती समुदाय की महिलाओं ने कैंडल मार्च निकाल कर दी श्रद्धांजलि
ऐसे में इस दिन को तिब्बती समुदाय ब्लैक डे के रूप में मनाता है. जहां भी तिब्बती समुदाय के लोग रहते हैं. वह इसका विरोध दर्ज कराते हैं. सरगुजा के मैनपाट में मौजूद तिब्बती समुदाय की महिलाओं ने भी कलेक्ट्रेट कार्यालय से कैंडल मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया. तिब्बती महिलाओं का कहना था कि तत्कालीन समय में तिब्बती समुदाय की संस्कृति सभ्यता को बचाए रखने के लिए बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपनी आहुति दी थी. ऐसे में उनके बलिदान को याद करने का दिन है. उन्होंने बताया कि वे इस दिन को ब्लैक डे के रूप में मनाते हैं. उन्हें याद कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि भेंट करते हैं.