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मैनपाट में तिब्बती शरणार्थी भारत-चीन विवाद के लिए मांग रहे हैं अमन-चैन की दुआ

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Published : Jun 24, 2020, 2:03 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

चीन और भारत के बीच में तनावपूर्ण हालात को देखते हुए, मैनपाट के तिब्बती कैंप में रह रहे लोग भारतीय जवानों की सुरक्षा और युद्ध की स्तिथि में जीत के लिए दुआ मांग रहे हैं. इसके लिए उन्होंने अपने पारम्परिक तरीके से झंडा लहराया है.

pray for indian soldier
भारतीय सैनिकों की सुरक्षा के लिए दुआ

सरगुजा : मैनपाट गांव के सरभंजा में स्थित तिब्बती कैंप में लोग भारत की सुरक्षा की दुआ मांग रहे हैं. पड़ोसी मुल्क चीन की ओर से पैदा किए गए तनाव के बाद यहां घरों में ऐसे झंडे लहरा रहे हैं, जिन पर लिखा है हमारे जवान सुरक्षित रहें, बॉर्डर में तनाव खत्म हो और युद्ध के हालात बनते हैं तो भारत की जीत हो.

भारतीय सैनिकों की सुरक्षा के लिए दुआ

दरअसल तिब्बती कैम्प में अक्सर अलग-अलग किस्म के झंडे लहराते देखे जाते हैं. यह इनकी प्रार्थना का एक तरीका है, लेकिन इस बार यह तरीका कुछ खास है. इनकी ओर से भारतीय सैनिकों की सुरक्षा के लिए लगातार प्रार्थना की जा रही है.

भारत की जीत की मांग रहे हैं दुआ

चीन की ओर से सताए गए तिब्बत के लोग अमन की दुआ के साथ-साथ युद्ध की स्थिति में भारत की जीत की दुआ मांग रहे हैं. तिब्बतियों की इस तरह की मातृ भावना से उनकी वतन परस्ती को साबित होती है, लेकिन आज भी तिब्बती भारत मे शरणार्थी ही कहलाए जाते हैं, देश के अंदर ही अलग दुनिया, अलग समाज मे इनका जीवन चलता है, लेकिन अब इतने वर्षों बाद इन तिब्बतियों की वतन के प्रति आस्था काबिल-ए- तारीफ है.

पढ़ें:-छत्तीसगढ़ आईएएस एसोसिएशन इस महीने भी देगा मुख्यमंत्री सहायता कोष में एक दिन का वेतन

बता दें की चीन ने 1962 में जब तिब्बत पर कब्जा किया था, तो इस आफत की घड़ी में भारत ने इनका साथ दिया और लाखों तिब्बतियों को भारत में शरण मिली थी, जिन्हें देश भर में अलग-अलग स्थानों को बसाया गया था. सरगुजा के मैनपाट में भी पूर्वी तिब्बत के 3 हजार लोगों को शरण मिली थी. तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा दो बार सरगुजा आ चुके हैं. यहां के तिब्बती कैंप में बौद्ध मंदिर भी हैं, जहां रोजाना विधि-विधान से पूजा होती है, मैनपाट आने वाले सैलानी भी पूजा पाठ की अलग विधि को देखकर रोमांचित होते हैं. बॉर्डर पर तनाव के बाद से तिब्बती परिवार भारत की जीत के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.

सरगुजा : मैनपाट गांव के सरभंजा में स्थित तिब्बती कैंप में लोग भारत की सुरक्षा की दुआ मांग रहे हैं. पड़ोसी मुल्क चीन की ओर से पैदा किए गए तनाव के बाद यहां घरों में ऐसे झंडे लहरा रहे हैं, जिन पर लिखा है हमारे जवान सुरक्षित रहें, बॉर्डर में तनाव खत्म हो और युद्ध के हालात बनते हैं तो भारत की जीत हो.

भारतीय सैनिकों की सुरक्षा के लिए दुआ

दरअसल तिब्बती कैम्प में अक्सर अलग-अलग किस्म के झंडे लहराते देखे जाते हैं. यह इनकी प्रार्थना का एक तरीका है, लेकिन इस बार यह तरीका कुछ खास है. इनकी ओर से भारतीय सैनिकों की सुरक्षा के लिए लगातार प्रार्थना की जा रही है.

भारत की जीत की मांग रहे हैं दुआ

चीन की ओर से सताए गए तिब्बत के लोग अमन की दुआ के साथ-साथ युद्ध की स्थिति में भारत की जीत की दुआ मांग रहे हैं. तिब्बतियों की इस तरह की मातृ भावना से उनकी वतन परस्ती को साबित होती है, लेकिन आज भी तिब्बती भारत मे शरणार्थी ही कहलाए जाते हैं, देश के अंदर ही अलग दुनिया, अलग समाज मे इनका जीवन चलता है, लेकिन अब इतने वर्षों बाद इन तिब्बतियों की वतन के प्रति आस्था काबिल-ए- तारीफ है.

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बता दें की चीन ने 1962 में जब तिब्बत पर कब्जा किया था, तो इस आफत की घड़ी में भारत ने इनका साथ दिया और लाखों तिब्बतियों को भारत में शरण मिली थी, जिन्हें देश भर में अलग-अलग स्थानों को बसाया गया था. सरगुजा के मैनपाट में भी पूर्वी तिब्बत के 3 हजार लोगों को शरण मिली थी. तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा दो बार सरगुजा आ चुके हैं. यहां के तिब्बती कैंप में बौद्ध मंदिर भी हैं, जहां रोजाना विधि-विधान से पूजा होती है, मैनपाट आने वाले सैलानी भी पूजा पाठ की अलग विधि को देखकर रोमांचित होते हैं. बॉर्डर पर तनाव के बाद से तिब्बती परिवार भारत की जीत के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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