अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट के जंगलों में साल के पेड़ों पर कीटों के लग जाने से पेड़ सूख रहे हैं. दरअसल, इन दिनों मैनपाट के जंगलों में साल के वृक्ष असुरक्षित हैं. क्योंकि इन वृक्षों में साल बोरर कीटों ने हमला कर दिया है. यही कारण है कि साल बोरर के हमले से साल के हजारों पेड़ सूख रहें हैं.
सूखने लगे हैं पेड़: मैनपाट के जंगलों के साल के पेड़ फिलहाल सूखने लगे हैं. कीटों के हमले के कारण पेड़ लगातार सूख रहे हैं. हालांकि इस ओर वन विभाग का ध्यान नहीं गया है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर साल के पेड़ सूख गए या फिर खराब हो गए तो पर्यटक यहां आकर क्या देखेंगे. दरअसल, इन पेड़ों पर साल बोरर नाम के कीटों के हमले से ये पेड़ बड़ी तादाद में सूख रहें है. क्योंकि वन विभाग के जिम्मेदार इन पेड़ों को साल बोरर नामक कीटों से बचाने के लिए कोई पहल नहीं कर रहें है. यहीं कारण है कि ये पेड़ सूख रहें है.
सीतापुर एसडीएम ने दिया आश्वासन: इस बारे में सीतापुर के एसडीएम रवि राही ने बताया कि, "उन्हें भी उसकी जानकारी मिली है कि मैनपाट के जंगलों में साल बोरर नामक कीटों के हमलें से पेड़ सूख रहें हैं, जो चिंताजनक है." फिलहाल सीतापुर SDM रवि राही ने इस पर संज्ञान लेते हुए इसके उपचार और साल के पेड़ों को साल बोरर नामक कीटों से बचाने के लिए वन विभाग से बातचीत की है. प्रशासन ने जल्द ही इस समस्या के निपटान की बात तो कही है. हालांकि प्रशासन का सुस्त रवैया जंगल को नष्ट कर सकता है.
बता दें कि अंबिकापुर के मैनपाट के सपनादार, ललेया, नागाडाड़ सहित कई इलाकों के साल के पेड़ों पर साल बोरर कीटों का हमला देखने को मिल रहा है. हजारों की तादाद में पेड़ सूख रहे हैं. हालांकि वन विभाग ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया है. अगर ऐसे ही पेड़ सूखता गया तो आने वाले दिनों में जंगल खत्म होने की कगार पर पहुंच जाएगा.