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होम आइसोलेशन फीडबैक सर्वेक्षण में सरगुजा अव्वल, राष्ट्रीय स्तर की संस्था निष्ठा प्रोजेक्ट की रिपोर्ट

होम आइसोलेशन में व्यवस्था को लेकर राष्ट्रीय स्तर की संस्था निष्ठा प्रोजेक्ट ने प्रदेशभर में सर्वेक्षण किया था. जिसमें सरगुजा ने पहले नंबर पर अपनी जगह बनाई है.

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कोविड कंट्रोल रूम
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Published : Oct 31, 2020, 9:01 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: होम आइसोलेशन में मरीजों की देखभाल और उनके ठीक होने की दर अन्य जिलों से सरगुजा में बेहतर है. इसका खुलासा राष्ट्रीय स्तर की संस्था निष्ठा प्रोजेक्ट की ओर से जिले में किए गए सर्वेक्षण में हुआ है. पिछले तीन दिनों के सर्वे में होम आइसोलेशन को लेकर सरगुजा प्रथम स्थान पर बना हुआ है.

दरअसल कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में अस्पताल में बढ़ती भीड़ को देखते हुए शासन ने होम आइसोलेशन की प्रक्रिया शुरू की थी. होम आइसोलेशन को शुरू में पायलट प्रोजेक्ट के तहत सिर्फ दुर्ग और रायपुर में शुरू किया गया था. लेकिन बाद में इसे प्रदेशभर में शुरू कर दिया गया. जिले में होम आइसोलेशन के दौरान अपनापन और बेहतर माहौल पाकर कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने की दर अब तक सबसे बेहतर है. कोरोना संक्रमित मरीज शत-प्रतिशत होम आइसोलेशन में ठीक हो रहे हैं.

जिले में बनाया गया कोविड कंट्रोल रूम

सरगुजा जिले में अब तक 2 हजार 372 कोरोना संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में स्वस्थ हो चुके हैं. जबकि सिर्फ एक संक्रमित बुजुर्ग की आइसोलेशन में इलाज के दौरान मौत हुई है. वहीं 317 लोगों का इलाज होम आइसोलेशन में जारी है. होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के लिए सीएमएचओ डॉ. पीएस सिसोदिया के नेतृत्व में कोविड कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है.

कोविड केयर: होम आइसोलेशन की व्यवस्था में दुर्ग फर्स्ट, चौथे नंबर पर रायपुर

24 घंटे मौजूद रहते हैं डॉक्टर्स

होम आइसोलेशन केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता ने बताया कि होम आइसोलेशन के लिए 44 शासकीय चिकित्सक, 15 निजी चिकित्सक, 15 आयुष चिकित्सक, 6 दंत चिकित्सक और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी 24 घंटे होम आइसोलेशन में मरीजों को ऐलोपैथिक और आयुष चिकित्सा पद्धति से इलाज कर रहे हैं. होम आइसोलेशन 17 दिन का होता है. होम आइसोलेट मरीज को स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर तत्काल समाधान किया जाता है. साथ ही जरूरत पड़ने पर कोविड डेडीकेटेड हॉस्पिटल, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में भर्ती कराने में मरीज का सहयोग किया जाता है. इसी तरह मरीज को होम आइसोलेशन में सुरक्षित रहकर परिवार के अन्य सदस्यों को संक्रमित होने से बचाने की जानकारी दी जाती है.

कई बिंदुओं पर लिया गया फीड बैक

होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के लिए राष्ट्रीय स्तर की निष्ठा प्रोजेक्ट संस्था ने प्रदेशभर के सभी जिलों में विभिन्न लोगों से फोन के जरिए सम्पर्क कर उनके फीडबैक लिए. आंकड़ों के मुताबिक सरगुजा जिले में 213 लोगों से पिछले तीन दिनों तक सवाल किए गए हैं. इनमें से 99 प्रतिशत लोगों का सकारात्मक जवाब रहा है.

सरगुजा: होम आइसोलेशन में मरीजों की देखभाल और उनके ठीक होने की दर अन्य जिलों से सरगुजा में बेहतर है. इसका खुलासा राष्ट्रीय स्तर की संस्था निष्ठा प्रोजेक्ट की ओर से जिले में किए गए सर्वेक्षण में हुआ है. पिछले तीन दिनों के सर्वे में होम आइसोलेशन को लेकर सरगुजा प्रथम स्थान पर बना हुआ है.

दरअसल कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में अस्पताल में बढ़ती भीड़ को देखते हुए शासन ने होम आइसोलेशन की प्रक्रिया शुरू की थी. होम आइसोलेशन को शुरू में पायलट प्रोजेक्ट के तहत सिर्फ दुर्ग और रायपुर में शुरू किया गया था. लेकिन बाद में इसे प्रदेशभर में शुरू कर दिया गया. जिले में होम आइसोलेशन के दौरान अपनापन और बेहतर माहौल पाकर कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने की दर अब तक सबसे बेहतर है. कोरोना संक्रमित मरीज शत-प्रतिशत होम आइसोलेशन में ठीक हो रहे हैं.

जिले में बनाया गया कोविड कंट्रोल रूम

सरगुजा जिले में अब तक 2 हजार 372 कोरोना संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में स्वस्थ हो चुके हैं. जबकि सिर्फ एक संक्रमित बुजुर्ग की आइसोलेशन में इलाज के दौरान मौत हुई है. वहीं 317 लोगों का इलाज होम आइसोलेशन में जारी है. होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के लिए सीएमएचओ डॉ. पीएस सिसोदिया के नेतृत्व में कोविड कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है.

कोविड केयर: होम आइसोलेशन की व्यवस्था में दुर्ग फर्स्ट, चौथे नंबर पर रायपुर

24 घंटे मौजूद रहते हैं डॉक्टर्स

होम आइसोलेशन केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता ने बताया कि होम आइसोलेशन के लिए 44 शासकीय चिकित्सक, 15 निजी चिकित्सक, 15 आयुष चिकित्सक, 6 दंत चिकित्सक और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी 24 घंटे होम आइसोलेशन में मरीजों को ऐलोपैथिक और आयुष चिकित्सा पद्धति से इलाज कर रहे हैं. होम आइसोलेशन 17 दिन का होता है. होम आइसोलेट मरीज को स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर तत्काल समाधान किया जाता है. साथ ही जरूरत पड़ने पर कोविड डेडीकेटेड हॉस्पिटल, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में भर्ती कराने में मरीज का सहयोग किया जाता है. इसी तरह मरीज को होम आइसोलेशन में सुरक्षित रहकर परिवार के अन्य सदस्यों को संक्रमित होने से बचाने की जानकारी दी जाती है.

कई बिंदुओं पर लिया गया फीड बैक

होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के लिए राष्ट्रीय स्तर की निष्ठा प्रोजेक्ट संस्था ने प्रदेशभर के सभी जिलों में विभिन्न लोगों से फोन के जरिए सम्पर्क कर उनके फीडबैक लिए. आंकड़ों के मुताबिक सरगुजा जिले में 213 लोगों से पिछले तीन दिनों तक सवाल किए गए हैं. इनमें से 99 प्रतिशत लोगों का सकारात्मक जवाब रहा है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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