सरगुजा : किसी भी शख्स की मृत्यु के बाद उसके प्रमाण पत्र किसी काम के नहीं रहते.लेकिन व्यक्ति की मौत से जुड़ा मृत्यु प्रमाण एक अहम दस्तावेज है.जिसकी जरुरत कई जगहों पर पड़ती है.कई बार परिवार के सदस्य मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बनवाते.जिसके कारण उन्हें आगे चलकर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.लेकिन लोकसभा में विधेयक पारित होने के बाद पूरे देश में मृत्यु प्रमाण पत्र को डिजिटल डाटा से जोड़ने की तैयारी शुरु हो गई है
मृत्यु प्रमाण पत्र कितना जरुरी : किसी भी शख्स की मौत के बाद इंश्योरेंस क्लेम, बैंकिंग कार्य और प्रॉपर्टी के पेपर्स में मृत्यु प्रमाण पत्र की जरुरत होती है. ग्रामीण क्षेत्रों में कई बार ऐसे केस सामने आए हैं. जिसमें मृत व्यक्ति के नाम से लोन समेत कई तरह के फर्जीवाड़े किए गए हैं. लेकिन इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए केंद्र सरकार लोकसभा में जन्म मृत्यु पंजीयन संशोधन विधेयक पारित किया.जिसके बाद अब मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज को डिजिटल किए जाने की तैयारी है.
एक अगस्त को लोकसभा में पारित हुआ विधेयक : एक अगस्त को लोकसभा में जन्म मृत्यु पंजीयन संशोधन विधेयक 2023 पारित किया गया है. जिसके बाद अब देश में जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र शासकीय काम में अनिवार्य दस्तावेज बन चुका है. इस कानून के लागू होने के बाद जन्म प्रमाण पत्र से सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाया जा सकेगा. मृत्यु प्रमाण पत्र भी बार बार दिखाने की जरूरत नहीं होगी. डिजिटल होने के कारण आधार से लिंक मृत्यु प्रमाण पत्र के कारण शासन के सभी पोर्टल में जानकारी अपग्रेड हो जाएगी.
"मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए श्मशान में एक रजिस्टर मेनटेन किया जाता है.निकाय या पंचायत उसकी मॉनिटरिंग करता है . वो जानकारी निकाय या फिर पंचायत कार्यालय में आ जाती है. तो 21 दिन के अंदर मृत्यु प्रमाणपत्र स्वयं ही बन जाता है" वैभव सिंह,जिला ई प्रबंधक
अंबिकापुर निगम में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में काम कर रहे सभापति और पार्षद |
अंबिकापुर के मेयर अजय तिर्की मुफ्त में करते हैं लोगों का इलाज |
अंबिकापुर की मैडम फ्रॉड एमबीबीएस, जानिए फर्जीवाड़े की पूरी कहानी |
कैसे बनाएं मृत्यु प्रमाण पत्र : वैभव सिंह के मुताबिक अगर किसी कारण मृत्यु प्रमाणपत्र नही बन पाता है तो इसकी प्रक्रिया थोड़ी सी लंबी हो जाती है. संबंधित व्यक्ति के जो परिजन हैं उनको तहसील में जाना पड़ता है. वहां एक आवेदन देना होता है. अगर मृत्यु किसी बीमारी से हुई है तो अस्पताल से सबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करना पड़ता है. अगर सामान्य मृत्यु हुई है तो सिर्फ आवेदन देना होगा. इसके बाद तहसीलदार संबंधित व्यक्ति के पते पर टीम भेजकर पंचनामा बनवाकर रिपोर्ट बनाते हैं. जिसके बाद सबंधित निकाय या पंचायत को आदेश किया जाता है और वो मृत्यु प्रमाणपत्र बना देते हैं.