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Surguja News : प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट मॉडल का विदेश में जलवा, करोड़ों की हो चुकी है कमाई - स्वच्छ भारत मिशन

स्वच्छ भारत मिशन के बेहतर कार्य में अंबिकापुर निगम के नाम पर एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है. अम्बिकापुर का सॉलिड लिक्विड एंड वेस्ट मैनेजमेंट का मॉडल अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंच चुका है.

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प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट मॉडल का विदेश में जलवा
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Published : Jun 2, 2023, 5:19 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट मॉडल का विदेश में जलवा

सरगुजा : प्लास्टिक के रिसाइकिल और रीयूज में अम्बिकपुर नगर निगम ने कमाल कर दिया है. किसी भी काम में मानव संसाधन कितना उपयोगी साबित हो सकता है ये अम्बिकापुर से साबित कर दिखाया है.फ्रांस की राजधानी पेरिस में नगर निगम अंबिकापुर को भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला. पेरिस में भारत सरकार की ओर से अधिकृत नगर निगम की आयुक्त प्रतिष्ठा ममगाई ने निकाय के साथ ही देश भर में स्वच्छता को लेकर किए जा रहे कार्यों पर व्याख्यान दिया.विश्व भर से जुटे देशों ने इस कार्यशाला में प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण, नुकसान और इससे बचाव के तरीकों पर चर्चा की.



अम्बिकापुर मॉडल को मिली सराहना : अम्बिकापुर नगर निगम आयुक्त ममगाई ने अंबिकापुर में हो रहे डोर टू डोर कचरा प्रबंधन, कचरे से होने वाली कमाई, प्लास्टिक कचरे के संधारण सहित अन्य विषयों पर विस्तार से जानकारी दी. जिसकी वैश्विक मंच पर जमकर सराहना की गई. इस कार्यशाला में नगर निगम आयुक्त ने पेरिस के डेप्युटी जनरल सिक्युरिटी कोबी ब्रांड, फिलीपींस के क्विजोन शहर के महापौर जॉय बेल्मोंट, कनाडा से आए प्रतिनिधि माइकल बॉइसवर्ट के साथ मंच साझा किया.


कैसे बनाया वेस्ट मैनेजमेंट का प्लान : कार्यशाला के दौरान नगर निगम आयुक्त प्रतिष्ठा ममगाई ने बताया कि '' इस अभियान में शहर की जनता का भी भरपूर सहयोग मिलता है.जन सहयोग से यूजर चार्ज की वसूली की जाती है. निकाय में किए जा रहे कार्यों का अध्ययन करने के लिए दस राज्यों की टीम पहुंची . उन्होंने भी अपने अनुभव साझा किए. जिसमें कचरे के प्रोसेसिंग और विक्रय के डिजिटाइजेशन कर अंबिकापुर को माडल के रूप में चयनित कर संसाधन पोर्टल का भी कार्य शुरु किया गया है.'' भारत के प्रेजेंटेशन के बाद अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने अंबिकापुर मॉडल के बारे में जानकारी ली. इसके साथ ही पेरिस के डिप्टी जनरल मॉडरेटर कोबी ब्रांड ने अंबिकापुर मॉडल की सराहना करते हुए की.


63 कैटेगरी में प्लास्टिक का बंटवारा : आईए आपको बताते हैं कैसे निगम ने इस तरह की उपलब्धि हासिल की है. अंबिकापुर नगर निगम में स्वच्छता दीदीयों के माध्यम से प्लास्टिक वेस्ट में 63 केटेगरी में सेग्रीगेट किया जाता है. इसका फायदा यह है कि प्लास्टिक का रिफ्यूज महज 10 से 15% ही बच रहा है. बाकी का 85% प्लास्टिक वेस्ट रिसाइक्लिंग प्रोसेस के जरिये दाना बनाकर प्लास्टिक निर्माण कंपनियों को महंगे दाम पर बेचा जाता है. कंपनियां उस प्लास्टिक दाने का दोबारा उपयोग करके प्लास्टिक के नये सामान बनाती हैं.

कितनी होती है आमदनी: साल 2017 से अब तक अम्बिकापुर नगर निगम ने 1260 टन प्लास्टिक कलेक्ट किया है. जिसमें से रिफ्यूज के रूप में महज 175 टन प्लास्टिक ही सीमेंट प्लांट को बेचा गया . जो कुल प्लास्टिक का करीब 14% है. रिफ्यूज प्लास्टिक से अब तक महज 2 से ढाई लाख रुपये की ही आमदनी हुई है. जबकि प्लास्टिक के रिसाइक्लिंग से 1 करोड़ 5 लाख की आमदनी हो चुकी है. इतनी अधिक आमदनी का कारण यही है कि यहां 63 प्रकार के प्लास्टिक को अलग किया गया.उच्च श्रेणी वाले प्लास्टिक को अच्छे दाम पर बेचा गया.85 फीसदी का प्लास्टिक रीयूज : स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारी ऋतेश सैनी बताते हैं कि "कोई भी मशीन इस लेबल का सेग्रीगेशन नही कर सकती है. जिस लेबल पर स्वच्छता दीदी खुद प्लास्टिक को अलग केटेगरी में बांटती हैं. मशीनों से प्लास्टिक छांटने पर 50% के आसपास ही प्लास्टिक रीयूज होती है. बाकी 50% प्लास्टिक रिफ्यूज हो जाता है. यही वजह है कि अम्बिकापुर में आने वाली प्लास्टिक का 85% रीयूज होता हैं और 15% ही रिफ्यूज होता है"
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देश के पहले गार्बेज कैफे की योजना भी हिट : अम्बिकापुर नगर निगम ने प्लास्टिक के दुरुपयोग को रोकने और इसके सही इस्तेमाल के कई अनूठे प्रयास किये हैं. देश का पहला गार्बेज कैफे अम्बिकपुर नगर निगम ने खोला. यह गार्बेज कैफे प्लास्टिक के शहर में फैलाव को रोकने के लिये खोला गया. वेस्ट प्लास्टिक के बदले खाना देने की योजना शुरू की गई. दुनिया भर में इस कार्य की सराहना भी हुई. आज भी अम्बिकपुर में गार्बेज कैफे संचालित है यहां आप प्लास्टिक के बदले फ्री में खाना ले सकते हैं.

प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट मॉडल का विदेश में जलवा

सरगुजा : प्लास्टिक के रिसाइकिल और रीयूज में अम्बिकपुर नगर निगम ने कमाल कर दिया है. किसी भी काम में मानव संसाधन कितना उपयोगी साबित हो सकता है ये अम्बिकापुर से साबित कर दिखाया है.फ्रांस की राजधानी पेरिस में नगर निगम अंबिकापुर को भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला. पेरिस में भारत सरकार की ओर से अधिकृत नगर निगम की आयुक्त प्रतिष्ठा ममगाई ने निकाय के साथ ही देश भर में स्वच्छता को लेकर किए जा रहे कार्यों पर व्याख्यान दिया.विश्व भर से जुटे देशों ने इस कार्यशाला में प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण, नुकसान और इससे बचाव के तरीकों पर चर्चा की.



अम्बिकापुर मॉडल को मिली सराहना : अम्बिकापुर नगर निगम आयुक्त ममगाई ने अंबिकापुर में हो रहे डोर टू डोर कचरा प्रबंधन, कचरे से होने वाली कमाई, प्लास्टिक कचरे के संधारण सहित अन्य विषयों पर विस्तार से जानकारी दी. जिसकी वैश्विक मंच पर जमकर सराहना की गई. इस कार्यशाला में नगर निगम आयुक्त ने पेरिस के डेप्युटी जनरल सिक्युरिटी कोबी ब्रांड, फिलीपींस के क्विजोन शहर के महापौर जॉय बेल्मोंट, कनाडा से आए प्रतिनिधि माइकल बॉइसवर्ट के साथ मंच साझा किया.


कैसे बनाया वेस्ट मैनेजमेंट का प्लान : कार्यशाला के दौरान नगर निगम आयुक्त प्रतिष्ठा ममगाई ने बताया कि '' इस अभियान में शहर की जनता का भी भरपूर सहयोग मिलता है.जन सहयोग से यूजर चार्ज की वसूली की जाती है. निकाय में किए जा रहे कार्यों का अध्ययन करने के लिए दस राज्यों की टीम पहुंची . उन्होंने भी अपने अनुभव साझा किए. जिसमें कचरे के प्रोसेसिंग और विक्रय के डिजिटाइजेशन कर अंबिकापुर को माडल के रूप में चयनित कर संसाधन पोर्टल का भी कार्य शुरु किया गया है.'' भारत के प्रेजेंटेशन के बाद अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने अंबिकापुर मॉडल के बारे में जानकारी ली. इसके साथ ही पेरिस के डिप्टी जनरल मॉडरेटर कोबी ब्रांड ने अंबिकापुर मॉडल की सराहना करते हुए की.


63 कैटेगरी में प्लास्टिक का बंटवारा : आईए आपको बताते हैं कैसे निगम ने इस तरह की उपलब्धि हासिल की है. अंबिकापुर नगर निगम में स्वच्छता दीदीयों के माध्यम से प्लास्टिक वेस्ट में 63 केटेगरी में सेग्रीगेट किया जाता है. इसका फायदा यह है कि प्लास्टिक का रिफ्यूज महज 10 से 15% ही बच रहा है. बाकी का 85% प्लास्टिक वेस्ट रिसाइक्लिंग प्रोसेस के जरिये दाना बनाकर प्लास्टिक निर्माण कंपनियों को महंगे दाम पर बेचा जाता है. कंपनियां उस प्लास्टिक दाने का दोबारा उपयोग करके प्लास्टिक के नये सामान बनाती हैं.

कितनी होती है आमदनी: साल 2017 से अब तक अम्बिकापुर नगर निगम ने 1260 टन प्लास्टिक कलेक्ट किया है. जिसमें से रिफ्यूज के रूप में महज 175 टन प्लास्टिक ही सीमेंट प्लांट को बेचा गया . जो कुल प्लास्टिक का करीब 14% है. रिफ्यूज प्लास्टिक से अब तक महज 2 से ढाई लाख रुपये की ही आमदनी हुई है. जबकि प्लास्टिक के रिसाइक्लिंग से 1 करोड़ 5 लाख की आमदनी हो चुकी है. इतनी अधिक आमदनी का कारण यही है कि यहां 63 प्रकार के प्लास्टिक को अलग किया गया.उच्च श्रेणी वाले प्लास्टिक को अच्छे दाम पर बेचा गया.85 फीसदी का प्लास्टिक रीयूज : स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारी ऋतेश सैनी बताते हैं कि "कोई भी मशीन इस लेबल का सेग्रीगेशन नही कर सकती है. जिस लेबल पर स्वच्छता दीदी खुद प्लास्टिक को अलग केटेगरी में बांटती हैं. मशीनों से प्लास्टिक छांटने पर 50% के आसपास ही प्लास्टिक रीयूज होती है. बाकी 50% प्लास्टिक रिफ्यूज हो जाता है. यही वजह है कि अम्बिकापुर में आने वाली प्लास्टिक का 85% रीयूज होता हैं और 15% ही रिफ्यूज होता है"
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देश के पहले गार्बेज कैफे की योजना भी हिट : अम्बिकापुर नगर निगम ने प्लास्टिक के दुरुपयोग को रोकने और इसके सही इस्तेमाल के कई अनूठे प्रयास किये हैं. देश का पहला गार्बेज कैफे अम्बिकपुर नगर निगम ने खोला. यह गार्बेज कैफे प्लास्टिक के शहर में फैलाव को रोकने के लिये खोला गया. वेस्ट प्लास्टिक के बदले खाना देने की योजना शुरू की गई. दुनिया भर में इस कार्य की सराहना भी हुई. आज भी अम्बिकपुर में गार्बेज कैफे संचालित है यहां आप प्लास्टिक के बदले फ्री में खाना ले सकते हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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